तहसील कार्यालय ने भी एमपीईबी पर डायवर्सन टैक्स वसूली को लेकर किया नोटिस जारी
सतपुड़ा एक्सप्रेस पांढुर्णा :- सरकारी विभाग अपनी कार्यवाही में कैसे आम और खास के बीच फर्क करती है इसका उदाहरण पांढुर्णा में देखने को मिला है। कहावत है की सरकारी या निजी अधिकारी अपने साथियों को लेकर हमेशा उदार रहते है और सहयोगात्मक व्यवहार रखते है। किसी भी परिस्थिति में एक दूसरे को लेकर चलने का प्रयास करते हैं, लेकिन वही जब अधिकारी एक दूसरे को लेकर कुछ ठान ले तो वे किसी भी हद तक जा सकते है। कुछ ऐसा ही खींचतान का घटनाक्रम पांढुर्णा में गत दिनों राजस्व विभाग और एमपीईबी (बिजली) विभाग के बीच देखने को मिला।
जिसमें दोनों विभागों के अधिकारियों ने एक दूसरे से संबंधित प्रतिष्ठान और निवास के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कर डाली। इससे साफ प्रतीत होता है कि आम आदमी को छोटी सी राशि के लिए कनेक्शन काटने से लेकर संपत्ति कुर्की की कार्यवाही करने वाले विभाग अपने सरकारी सिस्टम पर कितना मेहरबान होते है कि महीनों और सालों का बकाया होने पर भी उनपर कोई कार्यवाही नहीं होती। लेकिन इस घटनाक्रम ने सारी हकीकत बयां कर दी है।
पांढुर्णा जिला मुख्यालय में कलेक्टर सहित कई बड़े अधिकारी पदस्थ है, इसके बावजूद कई अधिकारी अपने कारगुज़ारियों से बाज नही आते। नया पांढुर्णा जिला बनने के बाद कई मजेदार घटनाएं घट रही है, जो कई बार सुर्खियां भी बन जाती है। नए जिले एक से बढ़कर एक अधिकारी भी देखने को मिल रहे है। राजस्व विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को पांढुरना एमपीईबी डिविजन के नवागत कार्यपालन अभियंता (डीई) के आदेश पर शहर जेई ने पांढुर्णा तहसीलदार के सिविल लाइन स्थित सरकारी निवास का बिजली कनेक्शन काट डाला। बताया जा रहा है की तहसीलदार निवास पर लगभग 40 हजार रुपए का बिजली बिल बकाया था। जो अभितक सख्ती से वसूल नहीं करने के कारण तहसीलदार का काम चल गया। लेकिन एमपीईबी के नए डीई के वसूली को लेकर सख्त निर्देश के चलते तहसीलदार के निवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। इस कार्यवाही को एमपीईबी की ईमानदारी पूर्वक की गई जिम्मेदाराना कार्यवाही कहे या डीई और एई की नादानी। चाहते तो एई और जेई अपने सीनियर डीई को समझा सकते थे , लेकर कई बार जो घटना घटनी होती है वो घट ही जाती है। इस कार्यवाही के बाद पांढुर्णा के प्रशासनिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। सबसे खास बात यह कि कार्यवाही भी छोटे से एमपीईबी के नवागत प्रभारी अधिकारी ने जिला कलेक्टर के सबसे चहेते और भरोसेमंद तहसीलदार के खिलाफ कर डाली और यह बात किसी को पच नहीं रही। बिजली कनेक्शन काटने के बाद एमपीईबी के छोटे अधिकारी और कर्मचारी बेचारे मोबाइल बंद करके बचते रहे और तहसीलदार साहब के कर्मचारि साहब के घर की बिजली कनेक्शन जुड़वाने के लिए लाइनमैन ढूंढते रहे। बताया जा रहा की बड़ी मुश्किल से लगभग 3 – 4 घंटे बाद दबाव डालकर तहसीलदार निवास की बिजली लाइन शुरू हो पाई। बताया जा रहा है कि यह कनेक्शन काटने की कार्यवाही एमपीईबी के वरिष्ठ अधिकारीयो की जानकारी में हुई है और बाद में लीपापोती करके कनेक्शन जोड़ा गया।
एमपीईबी को वसूली का नोटिस – एमपीईबी की इस बड़ी कार्यवाही को लेकर राजस्व विभाग ने भी जवाबी कार्यवाही का मन बना लिया है। जैसे ही तहसीलदार को पता चला कि इतने जिम्मेदार पद पर रहते हुए उनके निवास की लाइन कट गई उनका भी जमीर जाग गया। आनन फानन मे एमपीईबी का हिसाब खंगाला गया, तो पता चला की जिस एमपीईबी ने मात्र 40 हजार के लिए राजस्व विभाग के तहसीलदार के सरकारी निवास की लाइन काट दी। उसी राजस्व विभाग का एमपीईबी पर 2020 – 21 से 2025 तक का लगभग 16 लाख का डायवर्सन राजस्व टैक्स बकाया है। फिर क्या था जिस दिन तहसीलदार जी के घर की लाइन कटी उसी दिन एमपीईबी को राजस्व बकाया वसूली हेतु नोटिस जारी किया गया और 4 अगस्त सोमवार की पेशी भी दी गई है। यदि एमपीईबी ने तहसीलदार के पास वसूली को लेकर उचित पक्ष, जवाब या संतोषजनक राशि नहीं की गई तो परिपक्व तहसीलदार कही एमपीईबी के डिसीजन कार्यालय पर ताला ना लगवा दे।
विचारणीय बात है कि जब पांढुर्णा डिविजन के मुख्य कार्यालय में लगभग 16 लाख का डायवर्सन टैक्स बाकी है तो एमपीईबी के अन्य ग्रामीण सब स्टेशन आदि पर कितना डायवर्सन टैक्स बाकी होगा। सूत्रों के अनुसार उसका भी हिसाब पटवारियों से जल्द निकलवाकर नोटिस जारी करने की तैयारी है। वही सोमवार को 16 लाख के टैक्स बकाया का नोटिस मिलने के बाद एमपीईबी के अधिकारियों ने जवाब दिया कि उनपर इतना बकाया नहीं है और टैक्स कैलकुलेशन गलत हुआ है। देखना बड़ा दिलचस्प रहेगा कि तहसीलदार इस जवाब के बाद आगे क्या कार्यवाही करते है। एमपीईबी और राजस्व विभाग की यह बकाया और वसूली का अध्याय कहा जाकर समाप्त होता है, इसपर सभी जिले वासियों की निगाह है।