मूंग उपार्जन में व्यापारी सक्रिय-संदिग्ध है मूंग के पंजीयन मूंग के स्लॉट पहले से ही बुक वास्तविक किसान मूंग बेचने को लेकर है परेशान
सतपुड़ा एक्सप्रेस अमरवाड़ा: पूरे प्रदेश में ई उपार्जन व्यवस्था में सबसे ज्यादा व्यापारी अमरवाड़ा क्षेत्र में सक्रिय है जिनके द्वारा भोले भाले किसानों को कुछ राशि का लालच देकर उनकी भूमि में जहां संबंधित फसल लगी ही नहीं होती उसके बाद भी फ़सलों का पंजीयन कराया जाकर मोटा मुनाफा कमा कर सरकार के राजस्व में बहुत गंभीर क्षति पहुंचाई जा रही है जबकि मौके में वह फसल बोई ही नहीं जाती सिर्फ कागजों में बोनी दिखाकर पंजीयन करवाया जा रहा है वर्तमान में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीदी अमरवाड़ा के दो केंद्रों में हो रही है जहां कागजों में लगी मूंग की खरीदी को लेकर मारामारी चल रही है
किसानों के नाम से हो रहा है बड़ा खेल राजस्व विभाग की भूमिका संदिग्ध
अमरवाड़ा विधानसभा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह सर्ववदित है कि अमरवाड़ा क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन सिंचाई की व्यवस्था की कमी है इसी कारण यहां ग्रीष्मकालीन फसल बहुत नाम मात्र की लगती है ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी मात्रा में हजारों कुंटल मूंग का पंजीयन ओर उपार्जन होना सवाल खड़ा करता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ई उपार्जन व्यवस्था में सेंधमारी करने के लिए सबसे पहले गिरदावली से ही तैयारी की जाती है और ऐसी जगह जो असिंचित है या पड़त पड़ी हुई या जहां और कोई फसल लगी है उस जगह में गिरदावली में मनचाही फसल चढ़ावा ली जाती है व्यापारी द्वारा किसान को 100/200 रुपए कुंटल का लालच देकर उसकी भूमि के दस्तावेज,बैंक पासबूक चेक़ आदि लिए जाते हैं
ग्रीष्मकालीन मूंग की बोनी के क्षेत्रफल के विषय में कृषि विभाग को नहीं है जानकारी
अमरवाड़ा एसडीओ कृषि नीलकंठ पटवारी से ग्रीष्मकालीन मूंग की बोनी के क्षेत्रफल के विषय में जानकारी मांगी गई उनके द्वारा जानकारी न होने एवं जिला उपसंचालक कार्यालय से ही जानकारी प्राप्त हो सकेगी ऐसा कहा गया
सहकारी विपणन संघ मर्यादित अमरवाड़ा के द्वारा की जा रही है मूंग की खरीदी जिस पर पूर्व में भी गुणवत्ताहीन धान की खरीदी का मामला
अमरवाड़ा और हर्रई के खरीदी केंद्र में सहकारी विपणन संघ मर्यादित अमरवाड़ा के कर्मचारियों द्वारा मूंग की खरीदी की जा रही है जबकि पूर्व में भी सहकारी विपणन संघ मर्यादित अमरवाड़ा के कर्मचारि द्वारा गुणवत्ताहीन धान की खरीदी का मामला प्रकाश में आया था जिसे रफा दफा किया गया है अब इस बार भी मूंग की खरीदी का काम संदिग्ध सहकारी विपणन संघ मर्यादित अमरवाड़ा के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है जो उपार्जित मूंग की गुणवत्ता का FAQ क्वालिटी का होना पर भी सवाल उठता है प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापारियों द्वारा पाला करके मूंग बेची जा रही है
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विपणन सहकारी संघ मर्यादित के कर्मचारी, वेयरहाउस संचालक और व्यापारियों के द्वारा खरीदी केंद्रों में पंजीयन का सौदा हो रहा है जिसके पास पंजीयन है उसे एक निश्चित राशि के साथ अपना पंजीयन उन्हें सोपना है जिसमें सरकार द्वारा निर्धारित उपार्जन मूल्य उनके खाते में आ जाएगा और मूंग की व्यवस्था व्यापारियों और वेयरहाउस संचालक एवं कर्मचारियों के द्वारा बना दी जाएगी जो जांच का विषय है शासन द्वारा मूंग उड़द की स्लॉट बुकिंग प्रक्रिया फिलहाल स्थगित है खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्य प्रदेश शासन की वेबसाइट में शासन द्वारा यह संदेश शो हो रहा है की शासन(मूंग/उड़द) द्वारा स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है कृपया आगामी अपडेट की प्रतीक्षा करें किंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूंग के स्लॉट बुकिंग को लेकर शुरू से ही परेशानी हो रही है जिसमें छिंदवाड़ा के NIC कार्यालय में कंप्यूटर में काम कर रहे संबंधित कर्मचारियों के द्वारा स्लॉट बुकिंग की प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है मिली जानकारी के अनुसार संबंधित कर्मचारियों के द्वारा व्यापारियों से साठ गांठ कर निर्धारित तैयारी कर कुछ समय के लिए बीच-बीच में स्लॉट बुकिंग को ओपन किया गया है जिससे पहले से तैयार व्यापारियों को स्लॉट बुकिंग का लाभ मिल सके यह भी गंभीर जांच का विषय है
गिरदावली वाली स्तर से लेकर किसानों द्वारा बताई गई भूमि का भौतिक सत्यापन उच्च स्तरीय टीम के द्वारा जांच होना चाहिए
अमरवाड़ा ई उपार्जन में मूंग की खरीदी की सारी व्यवस्था संदिग्ध नजर आती है जिसकी गिरदावली स्तर से लेकर किसानों द्वारा बताई गई भूमि का भौतिक सत्यापन उच्च स्तरीय टीम के द्वारा किया जाना चाहिए की क्या वह भूमि मे मूंग का उत्पादन किया गया है
यह भी जांच का विषय है कि कैसे कुछ कर्मचारियों के द्वारा कुछ पैसे की लालच में आकर शासकीय व्यवस्था में हेर फेर कर कुछ व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है उनके ऊपर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाना चाहिए एवं किसानों से भी अपील की जाती है कि वह अपने दस्तावेजों को कुछ पैसों की लालच में आकर व्यापारियों को ना दे जिससे सरकार को राजस्व में गंभीर क्षति हो रही है