Home CITY NEWS Chhindwara:पीएचडी परीक्षा में जमकर हुई अनियमितता, एनएसयूआई ने उठाई जांच की मांग

Chhindwara:पीएचडी परीक्षा में जमकर हुई अनियमितता, एनएसयूआई ने उठाई जांच की मांग

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अपनों व चहेतों का लाभ पहुंचाने नियमों को ताक पर रखा गया

-पात्र व योग्य उम्मीदवारों को नहीं मिला मौका -निराकरण नहीं हुआ तो छात्रहित में उग्र आंदोलन करेगी एनएसयूआई

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा:- राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में अनियमितता का शिकार हुई पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया ने योग्य व पात्र उम्मीदवार छात्र-छात्राओं का मनोबल तोड़ दिया है। अपनों व चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों ने सारे नियम व कायदों को ताक पर रख दिया। कुलपति के सुपुत्र से लेकर गर्ल्स कॉलेज में पदस्थ कुछ कर्मचारी के नाम भी सूची में शामिल है। नियम के खिलाफ जाकर प्रवेश लिए जाने का कड़ा विरोध कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने किया है।

विगत दिनों सम्पन्न हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा एवं साक्षात्कार के उपरांत जारी की गई अंतिम सूची में शामिल नामों को लेकर कई तरह के प्रश्न छात्र-छात्राओं के द्वारा उठाए जा रहे। जो छात्र अथवा छात्राएं साक्षात्कार में सम्मिलित नहीं हुए उनका नाम भी अंतिम सूची में पीएचडी के लिए प्रकाशित किया जाना अपने-आप में गम्भीर अनियमितता की श्रेणी में आता है। एनएसयूआई ने प्रवेश परीक्षा व साक्षात्कार पर आपत्ति दर्ज कराते हुए पीएचडी को लेकर अब तक विश्वविद्यालय स्तर पर की गई सम्पूर्ण क्रियाकल्पों की विशेष जांच कर सम्पूर्ण तथ्यों को उजागर करने की मांग की है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय के कुल सचिव को सौंपा है। प्रस्तुत ज्ञापन में अनियमितताओं के साथ ही बरती गई लापरवाही का भी खुलासा किया है।

एनएसयूआई ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि जिन छात्र-छात्राओं ने डी.ई.टी परीक्षा नहीं दी साक्षात्कार में उन विद्यार्थियों का नाम कैसे आया यह गम्भीर मिलीभगत है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। डीईटी की परीक्षा के उपरांत आपत्ति लगाने के लिए जो समय उम्मीदवारों को नियमानुसार दिया जाता है वह नहीं दिया गया। आरएसी कमेटी से बिना पास हुए शोध निदेशक की सूची कैसे प्रकाशित होना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को नियमों के खिलाफ जाकर प्रवेश दिया गया। विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2022 में आयोजित स्नातक एवं स्नातकोत्तवर की परीक्षा की अंकसूची आज दिनांक तक प्रदान नहीं की गई इसका कारण स्पष्ट किया जाए। विश्वविद्यालय द्वारा कापियों का मूल्यांकन सही ढंग से नहीं हो रहा है और प्रत्येक परीक्षा में एवरेज मार्किंग हो रही है। इससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।

ज्ञापन प्रस्तुत करते समय एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अजय ठाकुर, छिन्दवाड़ा विधानसभा अध्यक्ष समर्थ मैद, नगर अध्यक्ष सत्येन्द्र अहिरवार ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलसचिव के द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है जिस पर तत्काल रोक लगाई जाए। उपरोक्त सम्पूर्ण बिन्दुवार समस्याओं का निराकरण अविलम्ब किया जाए अन्यथा छात्रहित में एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

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