आमसभा को किया संबोधित, जलगंगा संरक्षण अभियान के उद्देश्यों को रखा सामने जल बचाने और पौधारोपण को बढ़ावा देने ग्रामीणों से की अपील
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल बुधवार को छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान जनपद पंचायत जुन्नारदेव की ग्राम पंचायत इकलासामी के ग्राम भालेआम पहुंचे। यहां उन्होंने कन्हान नदी के उद्गम स्थल का पूजन कर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जनसभा को संबोधित किया।

ग्राम में पहुंचते ही ग्रामीणों द्वारा पारंपरिक अंदाज में उनका आत्मीय स्वागत किया गया। इसके पश्चात मंत्री श्री पटेल दुर्गम रास्तों से होते हुए कन्हान नदी के उद्गम स्थल तक पहुंचे और वहां विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद आमसभा को संबोधित करते हुये उन्होंने बताया कि यह 15वां नदी उद्गम स्थल है, जहां वे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत पहुंचे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कन्हान नदी को बारहमासी नदी के रूप में विकसित किया जा सकता है। अभी भी इसके उद्गम स्थल पर 12 फीट गहरा जल उपलब्ध है, जो यह दर्शाता है कि यदि हम प्रयास करें तो यह नदी पूरे वर्ष बह सकती है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वे उद्गम स्थल पर पौधारोपण भी करें।

सभा को संबोधित करते हुए मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जो भी व्यक्ति ऐसे पवित्र स्थलों तक पहुंचता है, उसे एक अलग प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है। जल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जब किसी आदिवासी ग्राम में झरने का पानी सूख जाता है, तो वहां के ग्रामीण तुरंत चिंता में आ जाते हैं, लेकिन पढ़े-लिखे लोग नदियों के सूखने को भी गंभीरता से नहीं लेते। मंत्री श्री पटेल ने सभी से जल स्रोतों के संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि जल का संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबका कर्त्तव्य है। यदि आज हम जल स्रोतों को नहीं बचाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संकट और भी गंभीर होगा। इसलिए अभी से सजग होकर हर नागरिक को अपने हिस्से का योगदान देना चाहिए।

इस दौरान छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू, शेषराव यादव, महापौर श्री विक्रम अहके, पूर्व विधायक नथनशाह कवरेती, गरिमा दामोदर सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधिगण और कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अजय पांडे व जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।