सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। नगर निगम में बिना किसी विज्ञापन के नाला गैंग में 30 लोगों की स्थायी नियुक्ति किए जाने का मामला सामने आया है। यह नियुक्तियाँ नगर निगम के आयुक्त, सफाई प्रभारी और महापौर की सहमति से की गई हैं, जिससे नगर निगम में पारदर्शिता और नियमों के उल्लंघन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
### **नियमों का उल्लंघन** सूत्रों के अनुसार, इन कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत होने के बावजूद नियमों को दरकिनार कर स्थायी कर दिया गया है। सरकारी नियमों के तहत किसी भी स्थायी नियुक्ति के लिए सार्वजनिक विज्ञापन और चयन प्रक्रिया अनिवार्य होती है, लेकिन इस प्रक्रिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।
### **धीरज द्वारा भारी लेन-देन की चर्चा ** आंतरिक सूत्रों की मानें तो इस नियुक्ति प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन-देन हुआ है। कई कर्मचारियों से मोटी रकम की वसूली किसी धीरज नाम के व्यक्ति द्वारा की जाने की चर्चा है, जिससे यह मामला और भी संदिग्ध बन जाता है।
### **जनता और कर्मचारियों में आक्रोश** इस फैसले के बाद नगर निगम के अन्य अस्थायी कर्मचारियों में भी नाराजगी देखी जा रही है। कई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वर्षों से स्थायी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन बिना किसी प्रक्रिया के इन 30 लोगों की नियुक्ति ने उनके लिए अन्यायपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है।
### **जांच की मांग** नगर निगम के इस कदम के खिलाफ अब विरोध के सुर उठने लगे हैं। पारदर्शिता की मांग करते हुए विपक्षी दलों और स्थानीय नागरिक संगठनों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। यदि इन आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो नगर निगम प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। स्थिति पर नगर निगम के अधिकारियों की कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो यह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।