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आदिवासी छात्रावास अधीक्षक पर गम्भीर आरोप: छात्राओं के भोजन और सुरक्षा संकट में…

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा : आदिवासी विभाग द्वारा संचालित जूनियर और सीनियर छात्रावासों में लगातार परेशानियाँ और गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। खासकर नगर न्यूटन में स्थित अनुसूचित जाति जूनियर बालिका छात्रावास के बच्चों ने अधीक्षक और कर्मचारियों पर कई आरोप लगाए हैं, जिससे यह मामला फिर से सुर्खियों में है।

छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता, और छात्रों का अनाज भी बेच दिया जाता है। सोने के लिए पर्याप्त बिस्तर नहीं है अभी हाल ही मे आए गद्दा को मैडम जी ने अपने रिश्तेदारों को दे दिया और बेच दिया छात्राओं ने यह भी बताया कि अधीक्षक ने उन्हें मारपीट की और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया।

इन आरोपों के बाद, मामला आदिवासी विभाग के अधिकारियों के ध्यान में आया, लेकिन जांच के बाद भी समस्या जस की तस बनी रही। छात्रावास की अधीक्षक माया मदवार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह से गलत हैं और इन आरोपों के लिए छात्रावास की कार्यरत महिलाएं जिम्मेदार हैं। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया।

वहीं, छात्रावास के कर्मचारियों ने अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे यहां प्रायः नहीं रहतीं और खाने-पीने की सामग्री को लेकर कटौती करती हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 75 बच्चों के लिए सिर्फ डेढ़ किलो सब्जी और दो गिलास चावल बांटा जाता है, और रोटियां भी गिनकर एक बच्ची को तीन रोटी दी जाती हैं।

स्थानीय वार्ड पार्षद जयंत राय ने भी बताया कि छात्राओं द्वारा लगातार शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने इस बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित किया था, लेकिन कार्रवाई के नाम पर हमेशा लीपापोती होती रही। इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही, परासिया एसडीएम पुष्पेंद्र निगम ने तुरंत जांच टीम का गठन कर मामले की जांच का आदेश दिया है। यह मामला आदिवासी छात्रावासों की समस्याओं और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाता है, और अधिकारियों से पुख्ता कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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