यूके, जर्मनी यात्रा हमारे ऊर्जावान, प्रतिभाशाली युवाओं के लिए खोलेगी नए अवसरों के द्वार : मुख्यमंत्री डॉ. यादवप्रदेश के टेक्नों-फ्रेंड युवाओं को मिलेंगे रोजगार के बेहतर अवसर,विदेशी तकनीक का प्रदेश के संस्थानों में बाजार के अनुसार होगा बेहतर उपयोग
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/29 नवम्बर 2024/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी जर्मनी और यूके यात्रा को लेकर कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य मध्यप्रदेश में राज्य के युवाओं के लिए निवेश के नए अवसरों का निर्माण करना है। उन्होंने कहा “यात्रा का उद्देश्य राज्य के युवाओं के रोजगार, औद्योगिकीकरण और मध्यप्रदेश को देश और दुनिया के सामने एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करना था। हमने पूरे समय का सदुपयोग किया। जर्मनी और यूके की यात्रा के बाद, मैं कह सकता हूँ कि यह यात्रा हमारे टेक्नों-फ्रेंड ऊर्जावान, प्रतिभाशाली युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रही है।”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को म्यूनिख में अपने औद्योगिक प्रायोजन संबंधी यात्रा के अंतिम दिन स्थानीय मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में किए गए प्रयासों से उन्हें न केवल सफलता मिली बल्कि समझने और सीखने का भी अवसर मिला। उन्होंने यात्रा के दौरान हर पल और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी टीम के सदस्यों और प्रदेशवासियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जब हम एकजुट होकर अच्छी योजना बनाते हैं, तो परिणाम भी अच्छा होता है और हमें जर्मनी से यही मिल रहा है। जर्मनी और आगे बढ़ रहा है। मैं महसूस करता हूँ कि वहां एक आंतरिक उत्साह है जो उन्हें अपनी चुनौतियों से निपटने में मदद कर रहा है। जर्मनी अपनी तकनीक को अन्य देशों के साथ साझा करने और भविष्य की यात्रा में उसका विश्वास बनाने की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जर्मनी से उन्हें कई ऐसे प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे मध्यप्रदेश को इस विश्वास के साथ आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है कि राज्य अपनी पारंपरिक क्षमताओं के साथ नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बड़ी बात है कि कृषि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), स्वास्थ्य, शिक्षा, नई तकनीक और भारी उद्योग क्षेत्रों में जर्मनी से हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जर्मनी में हो रही तकनीकी प्रगति और उद्योगों में हो रहे नवाचारों को मध्यप्रदेश में लागू करने के लिए राज्य सरकार सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। उन्होंने आशा जताई कि राज्य के लिए यह यात्रा कई नए उद्योगों, तकनीकी सहयोग और रोजगार के अवसरों के द्वार खोलेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए मध्यप्रदेश को देश और दुनिया के सामने सशक्त औद्योगिक ताकत के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिपल-प्रति मिनिट हमारा लक्ष्य प्रदेश के युवाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराना है। हमारे बौद्धिक संपन्न युवा ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर वर्ग के युवा को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
वर्क फोर्स बनकर करेंगे काम- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जर्मनी और यूके आर्थिक और तकनीकी रूप से साधन संपन्न देश हैं, उन्हें आवश्यकता है तो मेन पॉवर की। हमारे पास मेन पॉवर उपलब्ध है, तकनीकी रूप से दक्ष युवा है, दोनों को जोड़ने के लिए यदि जरूरत है तो भाषा की। लैंग्वेंज प्रॉब्लम को दूर कर हम एक-दूसरे के पूरक के रूप में वर्क-फोर्स बनकर काम करेंगे।
ग्लोबल लीडर हैं प्रधानमंत्री श्री मोदी- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कार्यकाल स्वर्णिम है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ग्लोबल लीडर हैं और उनके विजन से देश आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार में मध्यप्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जर्मनी हमारा मित्र देश है। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के मध्य बेहतर समन्वय का हमें भी लाभ मिला है। जर्मन बढ़ते भारत और आगे बढ़ते मध्यप्रदेश के साथ भविष्य में व्यापार एवं उद्योग के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी, भारत का सदैव प्रशंसक रहा है। हमारी साझा विरासत गौरवशाली रही है।
सौहार्दपूर्ण संबंधों का मिला लाभ, निवेश के मिले कई प्रस्ताव- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि जर्मनी के साथ हिन्दुस्तान के सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की बात करें तो नेताजी सुभाषचंद्र बोस के समय को याद कर सकते हैं। जर्मन, मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं को समझते हैं। जर्मनी से मध्यप्रदेश में निवेश के प्रस्ताव अनेक औद्योगिक सेक्टर्स के लिए प्राप्त हुए हैं। कृषि, एआई, हेल्थ, सेमीकंडक्टर, शिक्षा, नई तकनीक और भारी उद्योग के क्षेत्र में निवेशकों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। साथ ही अनेक क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं।
जर्मनी के माध्यम से वेदों का दुनिया को कराया परिचय- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे वेदों को दुनिया से सबसे पहले परिचित कराने वाला कोई देश है, तो वह जर्मनी ही है। मैक्समूलर ने हमारे वेदों का संस्कृत भाषा से अनुवाद कर जर्मनी के माध्यम से दुनिया के सामने हमारे प्राचीन ज्ञान को प्रकट किया था। जर्मनी के साथ हमारे अतीत के संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि जर्मन ही एक ऐसी भाषा है जो संस्कृत के सबसे ज्यादा नजदीक है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जर्मनी और यूके यात्रा से मध्यप्रदेश को न केवल व्यापारिक और औद्योगिक दृष्टि से फायदा होने की उम्मीद है, बल्कि यह राज्य के समग्र विकास में भी अहम योगदान देने वाली साबित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म्यूनिख में फ्रेंड्स ऑफ एमपी से किया आत्मीय संवादमुख्यमंत्री की जर्मनी में भारतीय संस्कृति का उत्सव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एसएफसी एनर्जी का किया भ्रमण
छिन्दवाड़ा/ जर्मनी के म्यूनिख शहर में गुरुवार रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतवंशियों एवं प्रवासी समुदाय “फ्रेंड्स ऑफ एमपी” के साथ एक अनूठा संवाद किया। भाषणों और औपचारिकताओं को पीछे छोड़ते हुए, उन्होंने सहज, दोस्ताना और सारगर्भित चर्चा कर उन्होंने सभी को भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से जोड़ा। भारतीय संस्कृति के अनुरूप प्रारंभ हुए कार्यक्रम में प्रत्येक भारतवंशी को देशभक्ति और देशप्रेम से सराबोर कर दिया।संस्कृति और संवाद: भारतीयता का संदेश- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता उसका समावेशी और सकारात्मक दृष्टिकोण है। उन्होंने इसे इस तरह परिभाषित किया कि भारत में “परेशानी में आनंद ढूंढने की कला” और “सभी को साथ लेकर चलने की परंपरा” है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जर्मनी को भारत का करीबी बताते हुए कहा कि जर्मनी भी सत्य, संस्कृति और ज्ञान का सारथी है। यही कारण है कि दोनों देशों के विचार और मूल्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
“फ्रेंड्स ऑफ एमपी” का भारतीय रंग- कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण और राष्ट्रगान के साथ हुई। तिरंगे झंडे के सम्मान और दीप प्रज्ज्वलन से शुरू हुए कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति की झलक हर कोने में दिखाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 2 लाख से अधिक भारतवंशियों और 35 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की उपलब्धियों पर गर्व जताया, जो जर्मनी में शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल कायम कर रहे हैं।रात्रि भोज पर संवाद- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतवंशियों के साथ रात्रि भोज के दौरान खुलकर संवाद किया। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए भारतीय समुदाय को प्रोत्साहित किया कि वे जर्मनी में रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहें। यह आयोजन भारतीयता के गौरव, परंपरा और आधुनिकता के समन्वय का प्रतीक बना। डॉ. यादव के इस विशेष प्रयास ने “फ्रेंड्स ऑफ एमपी” के मंच को केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक आत्मीय और प्रेरक अनुभव में बदल दिया, जहां भारतीय प्रवासियों को अपनी संस्कृति और मूल्यों से फिर से जुड़ने का अवसर मिला।
एसएफसी एनर्जी के साथ हरित ऊर्जा की नई साझेदारी- मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में जर्मनी दौरे पर गये इन्वेस्ट मध्यप्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने वहां की शीर्ष कंपनियों से साझेदारी के लिए बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म्यूनिख के समीप ब्रुन्थल स्थित एसएफसी एनर्जी कंपनी का दौरा कर उसकी विशेषताओं को जाना। यह कम्पनी डायरेक्ट मेथेनॉल और हाइड्रोजन फ्यूल सेल निर्माण में अग्रणी कंपनी है। एसएफसी एनर्जी के सीईओ डॉ. पीटर पोडेसर ने कंपनी की प्रमुख तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के क्षेत्र में उनके नवाचारों से अवगत कराया। इस दौरान, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को मध्यप्रदेश में लागू करने और नवकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बर्लोकर समूह के साथ एक औपचारिक बैठक भी की। बर्लोकर, जो प्लास्टिक एडिटिव्स के क्षेत्र में अग्रणी जर्मन कंपनी है, वर्ष 2001 से मध्यप्रदेश के देवास में अपनी इकाई संचालित कर रही है। इस कंपनी ने प्रदेश में अब तक 400 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया है और 300 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है।
बैठक में बर्लोकर के विस्तार की संभावनाओं, नवीन तकनीकों के उपयोग और पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर विचार-विमर्श हुआ। यह सहयोग न केवल मध्यप्रदेश के प्लास्टिक उद्योग को उच्च गुणवत्ता वाले एडिटिव्स से समृद्ध करेगा, बल्कि रोजगार के अवसरों और औद्योगिक विकास को भी गति देगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दौरे को प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जर्मनी के साथ साझेदारी से मध्यप्रदेश को हरित ऊर्जा और नवीनतम तकनीकों के क्षेत्र में नई उपलब्धियां हासिल होंगी। यह दौरा प्रदेश में ‘उद्योग वर्ष 2025’ के लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।