सिविल सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का अनुसमर्थन,254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति,नवीन मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापकों की भर्ती की आयु सीमा की गई 50 वर्ष
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ /मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम, 1997 में मुख्यमंत्री के आदेश दिनांक 13.09.2023 एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना 3 अक्टूबर, 2023 का अनुसमर्थन किया गया। इस निर्णय से महिला आरक्षण 35 प्रतिशत होगा।
254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति- मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2024-25 में (खरीफ एवं रबी सीजन में) 254 नए उर्वरक विक्रय केन्द्र स्थापित करने पर मानव संसाधन पर होने वाली संभावित व्यय की वास्तविक राशि अधिकतम 1 करोड़ 72 लाख रूपये की सीमा तक की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।
660 मेगावॉट क्षमता की नवीन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी- मंत्रि-परिषद द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 (410) मेगावाट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 (420 मेगावाट) में स्थापित इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 में स्थित इकाई क्रमांक 6 एवं 7 (200 + 210 मेगावॉट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 में स्थित इकाई क्रमांक 8 एवं 9 (2X210 मेगावॉट) द्वारा रूपांकित आयु पूर्ण कर ली गई हैं। ये इकाइयों लगभग 39 से 44 वर्षों से संचालन में हैं। इन इकाइयों की स्थिति एवं प्रदर्शन के दृष्टिगत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा इन इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की चाही गई अनुमति मंत्रि-परिषद ने प्रदान की है। निर्णय अनुसार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 एवं 3 में स्थित इकाई क्रमांक 6 से 9 (कुल क्षमता 830 मेगावॉट) को 30 सितम्बर, 2024 से रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की अनुमति प्रदान की गई।
रिटायर (डी-कमीशन) इकाइयों का डिस्पोजल ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जायेगा। इन इकाईयों के स्थान पर 660 मेगावॉट क्षमता की नवीन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई (इकाई क्रमांक 13) की स्थापना के लिए म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फिजिबिलिटी स्टडी करायी जायेगी।आयु-सीमा में वृद्धि का निर्णय- मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
सह चिकित्सीय पाठ्क्रमों की मान्यता– म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही को लंबित रखते हुए शैक्षणिक सत्र 2023-24 एवं आगामी सत्रों की मान्यता प्रक्रिया, साथ ही सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर्मियों के पंजीयन एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं का आयोजन पूर्व में प्रचलित म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 अंतर्गत् प्रचलित नियमों के अनुसार, पूर्व में विघटित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद को पुनर्जीवित करते हुए, पूर्ण किये जाने तथा राष्ट्रीय आयोग द्वारा अधिनियम अंतर्गत प्रावधानित विनियम (रेगुलेशन) जारी होने के उपरांत विनियम के अनुरुप मध्यप्रदेश अलाइड एण्ड हेल्थ केयर कौंसिल द्वारा स्वशासी बोर्ड्स के गठन होने पर पुनर्जीवित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद स्वतः समाप्त हो जायेगी एवं मंत्रि-परिषद् के पूर्व में लिये गये निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही की जाने की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा दी गई।
अन्य निर्णय- मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार, सहकारिता मंत्रालय द्वारा लागू की गई केन्द्र प्रवर्तित परियोजना “Strengthening of Cooperatives through IT Interventions” अन्तर्गत प्रदेश के पंजीयक सहकारी संस्थाएँ कार्यालय के कम्प्यूटराईजेशन के लिए परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी। इस पर 3 करोड़ 68 लाख रूपये व्यय आयेगा, जिसकी 60 प्रतिशत राशि केन्द्र एवं 40 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी।
“कमेन्डेशन डिस्क’’ एवं “प्रशस्ति-पत्र’’ से सम्मानित होंगे वनकर्मी ,वन भवन में आज होगा अलंकरण समारोह46 अधिकारी-कर्मचारी होंगे पुरस्कृत
छिन्दवाड़ा/ मध्यप्रदेश के वनकर्मियों को स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख द्वारा वन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को मध्यप्रदेश “कमेन्डेशन डिस्क’’ एवं “प्रशस्ति-पत्र’’ देकर सम्मानित किया जायेगा। अलंकरण समारोह 6 नवम्बर को वन भवन (वन मुख्यालय) तुलसी नगर, भोपाल में दोपहर 12 बजे होगा। समारोह में 46 अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जायेगा। पुरस्कृत होने वाले वनकर्मियों में बालाघाट जिले के बालाघाट उत्तर उत्पादन के उप वन क्षेत्रपाल श्री राजेश कुमार पाण्डे, बैतूल जिले के पश्चिम बैतूल के वन-रक्षक श्री फूलदेव यादव, उत्तर बैतूल की कार्यवाहक वनपाल श्रीमती प्रेमवती पन्द्राम, बैतूल दक्षिण के वनपाल श्री रमेश कुमार महस्की, छतरपुर जिले के उत्तर पन्ना के उप वन क्षेत्रपाल श्री मनोज सिंह बघेल, वन-रक्षक श्री मुरलीधर अहिरवार, वन-रक्षक श्री अमान सिंह, वन-रक्षक क्रीड़ा क्षेत्र कु. निधि बिदुआ, जिला छिंदवाड़ा के उत्पादन की वन क्षेत्रपाल श्रीमती अनामिका कनोजिया, पश्चिम वृत्त से वन-रक्षक श्री सौरभ सिंह चौहान, ग्वालियर जिले के प्रभारी सहायक वन संरक्षक राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य भिण्ड श्री भूरा गायकवाड़, नर्मदापुरम् के उत्पादन हरदा के वन-रक्षक श्री अमित राय, वन-रक्षक श्री अशोक लखोरे, नर्मदापुरम् के वन-रक्षक श्री उपदेश उइके, इंदौर जिले के वन मण्डल धार प्रभारी उप वन क्षेत्रपाल श्री भुवान सिंह मण्डलोई, जबलपुर जिले के टाइगर रिजर्व कान्हा के वन क्षेत्रपाल श्री जितेन्द्र अवासे, उप वन क्षेत्रपाल श्री कुँवर सिंह तेकाम, वन-रक्षक श्री रमेश रहांगडाले, वन-रक्षक श्री हज्जीलाल बैगा, उत्पादन वन मण्डल डिण्डोरी के वन-रक्षक श्री गणेश प्रसाद दुबे, रीवा जिले के मुकुंदपुर जू के वन-रक्षक श्री विजय कुमार साकेत, वन मण्डल रीवा के वन क्षेत्रपाल श्री राजकुमार यादव, सागर जिले के उत्तर वन क्षेत्र के कार्यवाहक वनपाल श्री अनिल दोहरे, सिवनी जिले के दक्षिण सिवनी के कार्यवाहक उप वन क्षेत्रपाल श्री कृष्ण कुमार चौरसिया, पेंच टाइगर के वन-रक्षक श्री कपिल कुमार पटेल, वनपाल श्री सीताराम उइके, वनपाल श्री तेजलाल उइके, वन-रक्षक श्री महेन्द्र भारतीय, शहडोल जिले के वन मण्डल अनूपपुर के वन-रक्षक श्री कुंदन कुमार शर्मा, दक्षिण वन मण्डल शहडोल के वन-रक्षक श्री सूरज बैगा, वन-रक्षक (डॉग हेंडलर) श्री रामकमल पयासी, वन-रक्षक (सहायक डॉग हेंडलर) श्री राजकुमार त्रिपाठी, सामान्य वन मण्डल उमरिया के कार्यवाहक वनपाल (क्रीड़ा क्षेत्र) श्री रामकुमार बैगा, शिवपुरी जिले के वन मण्डल शिवपुरी के वन क्षेत्रपाल श्री राजेश निनामा, वन-रक्षक श्री उपेन्द्र यादव, माधव राष्ट्रीय उद्यान के वन-रक्षक श्री अनिल शर्मा, उज्जैन जिले के सामान्य वन मण्डल रतलाम के वन-रक्षक श्री रोहित चौहान, खण्डवा जिले के सामान्य वन मण्डल खरगौन के वन-रक्षक श्री कैलाश मोरे, भोपाल जिले के सामान्य वन मण्डल विदिशा के वन क्षेत्रपाल श्री देवेश गौतम, सामान्य वन मण्डल रायसेन के कार्यवाहक उप वन क्षेत्रपाल श्री सजन सिंह मीणा, सामान्य वन मण्डल भोपाल के वनपाल श्री राजकुमार चौधरी, सामान्य वन मण्डल रायसेन की कार्यवाहक वनपाल कु. मुक्ता विश्वकर्मा, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स इकाई जबलपुर के वनपाल श्री विपिन लकड़ा, वन-रक्षक श्री कैलाश चरार, राज्य स्तरीय उड़न दस्ता भोपाल के कार्यवाहक वनपाल (क्रीड़ा क्षेत्र) श्री मुकेश बघेल और वन-रक्षक (क्रीड़ा क्षेत्र) श्री शैलेश कुमार वर्मा शामिल हैं।
ई-नगर पालिका के माध्यम से नागरिकों को मिलेगी त्वरित सेवा ई-नगर पालिका 2.0 के विकास की प्रक्रिया छिन्दवाड़ा/ /प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों को कम्प्यूटरीकृत करने के उद्देश्य से वेब आधारित ई-नगर पालिका योजना प्रारंभ की गई है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को बढ़ावा देने तथा पारदर्शी एवं त्वरित नागरिक सेवा देने के लिये ई-गवनेंर्स का अनूठा उदाहरण है। ई-नगर पालिका द्वारा नगरीय निकायों द्वारा समस्त नागरिक सेवाओं, जन शिकायत सुविधा, निकायों की आंतरिक कार्य प्रणाली, समस्त भुगतान एवं बजट प्रक्रिया को एकीक्रत कर ऑनालइन सुविधा प्रदाय की जा रही है।
मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों को एक सिंगल पोर्टल पर लाया गया है।
22 नागरिक सेवाएं- ई-नगर पालिका 1.0 को डेटाबेस के साथ प्लेटफार्म पर विकसित किया गया। वर्तमान में ई-नगर पालिका के माध्यम से 22 नागरिक सेवाएं प्रदाय की जा रही हैं, इसमें 15 मॉड्यूल शामिल हैं। ई-नगर पालिका का विभिन्न विभागों जैसे उद्योग, राजस्व, पंजीयन विभाग और भारत सरकार के महत्वपूर्ण मोबाइल एप उमंग से भी एकीकृत किया गया है।
ई-नगर पालिका 1.0 पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सभी नागरिक सेवाओं और विभागीय कार्यों को और बेहतर, सरल तथा सुगम बनाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में विभाग द्वारा ई-नगर पालिका परियोजना के द्वितीय चरण का विकास, क्रियान्वयन और संचालन नई टेक्नोलॉजी एवं उपकरणों के अनुसार कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत 16 मॉड्यूल और 24 नागरिक सेवाएं शामिल होंगी। भौतिक संरचना को क्लाउड सेवाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा।
ई-नगर पालिका 2.0 में जीआईएस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जायेगा।ई-नगर पालिका 2.0- कॉमन सर्विस सेंटर, एम ऑनलाइन, कियोस्क सेंटर और भुगतान गेटवे के साथ ई-नगर पालिका 2.0 का एकीकरण किया जायेगा। इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं। ई-नगर पालिका 2.0 पोर्टल के विकास के लिये 2 वर्ष तथा 5 वर्ष का O&M चयनित वेंडर द्वारा किया जायेगा।