रबी की मुख्य 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई है
सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल:(रिपोर्ट: आलोक सूर्यवंशी)समर्थन मूल्य की वृद्धि में मध्य प्रदेश का किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा है मध्य प्रदेश में चुनावी वादों की यदि बात की जाए तो गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपए प्रति कुंटल धान की खरीदी ₹3100 प्रति कुंटल की दर पर समर्थन मूल्य पर खरीदी की जानी थी चुनाव के समय मतदाताओं को लुभाने के लिए की गई घोषणाएं सिर्फ घोषणा तक ही सीमित होती नजर आ रही है
किसानों का कहना है कि खुले बाजार में वर्तमान में गेहूं की कीमत गुणवत्ता के हिसाब से 2700 से ₹3500 कुंटल विक रही है सरकार के द्वारा 2425 रुपए समर्थनमूल्य की घोषणा कैसे तर्कसंगत है अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में चल रहे युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहू की कीमत उच्चतम स्तर पर चल रही है किंतु हमारे देश में किसान को क्यों उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पा रहा है इस बात भी मंथन जरूरी है
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए सभी अधिदेशित रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल तथा मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की गई है। चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमश: 210 रुपये प्रति क्विंटल, 150 रुपये प्रति क्विंटल, 140 रुपये प्रति क्विंटल और 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
विपणन सत्र 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (रु. प्रति क्विंटल)
लागत का संदर्भ :जिसमें सभी भुगतान की गई लागतें शामिल हैं, जैसे मानव श्रम, बैल श्रम,मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया; बीज, उर्वरक, खाद आदि इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्च, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल,बिजली, विविध खर्च और पारिवारिक श्रम का मूल्य।विपणन सत्र 2025-26 के लिए अधिदेशित रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि, अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है।
अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित अंतर (मार्जिन) गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है, इसके बाद यह रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत; मसूर के लिए 89 प्रतिशत; चना के लिए 60 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है। रबी फसलों के एमएसपी में की गई इस वृद्धि से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।