प्रभारी मंत्री, शिक्षा मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, पीएचई मंत्री गणों से मिले विवेक बंटी साहू
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा: अपने लोकसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा पांढुरना में विकास की नई इबारत लिखने सांसद विवेक बंटी साहू हर संभव प्रयास कर रहे है। अपने भोपाल प्रवास के दौरान सांसद विवेक बंटी साहू मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिले। सांसद ने मुख्यमंत्री डॉ यादव से मुलाकात के दौरान छिंदवाड़ा पांढुरना के समुचित विकास का खांका उनके सामने रखा। सांसद श्री साहू ने मुख्यमंत्री को छिंदवाड़ा के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के संबंध में चर्चा की गई। अपने इन्ही प्रयासों के तहत सांसद विवेक बंटी साहू प्रभारी मंत्री राकेश सिंह से मिले और छिंदवाड़ा की प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर चर्चा की। श्री साहू ने प्रभारी मंत्री से जिले में प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
पंचायत एवं सामुदायिक भवनों के निर्माण की मांगअपने भोपाल प्रवास के दौरान सांसद श्री विवेक बंटी साहू पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल से भी मिले । श्री पटेल से सांसद श्री साहू ने छिंदवाड़ा पांढुरना की पंचायत भवन विहीन पंचायतों में पंचायत भवन एवं सामुदायिक भवन निर्माण की मांग की, वहीं जर्जर पंचायत भवनों के उन्नयन की भी मांग की। ग्रामीण विकास मंत्री ने सांसद को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
स्कूल खोलने और उन्नयन की मांग सांसद विवेक बंटी साहू भोपाल में मंगलवार को स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह से मिले। औपचारिक भेंट के दौरान सांसद श्री साहू ने शिक्षा मंत्री से छिंदवाड़ा पांढुरना में नए स्कूल भवन खोले जाने और पुराने भवनों के उन्नयन की मांग की। वही ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूलों को अपग्रेड किए जाने की भी बात रखी।
घर घर स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के प्रयास सांसद विवेक बंटी साहू ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके से भी भेंट की। पीएचई मंत्री से वार्ता के दौरान सांसद श्री साहू ने छिंदवाड़ा पांढुर्ना जिले के छोटे कस्बों के अलावा दूरदराज के गांवों, मजरे टोलों में प्रत्येक घर में नल जल योजना के तहत स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के संबंध में चर्चा की। सांसद श्री साहू ने पीएचई मंत्री को छिंदवाड़ा पांढुर्ना की वस्तु स्थिति से अवगत कराया और कहा की जिन क्षेत्रों में बांध या किसी अन्य जल स्त्रोत के जरिए पेयजल आपूर्ति संभव नहीं वहां हैंडपंप खनन कर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बनाई जाए।