संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले मदरसों के शासकीय अनुदान बंद होंगेआरंभ होने वाले चार मिशनों की कार्यप्रणाली पर विचार-विमर्श के लिए होगा मंथन धूमधाम से मनेगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में वंदे मातरम् के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रिपरिषद की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम् के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक से पहले अपने संबोधन में कहा है कि मंत्रीगण अपने प्रभार के जिलों में भ्रमण के दौरान एक माह में कम से कम एक बार रात्रि विश्राम अवश्य करें। उन्होंने कहा कि कि मदरसों में अन्य धर्म की शिक्षा पर प्रतिबंध के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 28 (3) के प्रावधान के अनुसार मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को उनके धर्म की शिक्षा के विपरीत अन्य धर्म की शिक्षा ग्रहण करने अथवा उपासना में उपस्थित होने को बाध्य करने वाले मदरसों के सभी शासकीय अनुदान बंद किए जाएंगे। ऐसे मदरसों की मान्यता समाप्त करने की विधिवत कार्यवाही सहित अन्य उपयुक्त वैधानिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी।
ई.ओ.डब्ल्यू और लोकायुक्त की इकाइयां बढ़ेंगी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा, किसान, महिला और गरीब के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्य शासन चार मिशन आरंभ कर रहा है। इस संबंध में विचार-विमर्श के लिए शीघ्र ही मंथन कार्यक्रम किया जाएगा, जिसमें सभी मंत्रीगण शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रदेश में ई.ओ.डब्ल्यू और लोकायुक्त की इकाइयों को बढ़ाया जाएगा।
नगरीय क्षेत्रों में टाउन हॉल विकसित किए जाएंगेमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में रक्षाबंधन का कार्यक्रम उत्साह और उल्लास से मनाया गया। जन्माष्टमी पर्व 26 अगस्त को प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े विविध पक्षों पर केन्द्रित कार्यक्रम होंगे। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए टाउन हॉल विकसित किए जाएंगे।
माँ नर्मदा मिशन के लिए समिति गठित की जाएगी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समग्र नर्मदा विकास के उद्देश्य से माँ नर्मदा मिशन के लिए समिति गठित की जाएगी। मिशन के अंतर्गत नर्मदा जी के उद्गम स्थल से लेकर गुजरात सीमा तक नगरीय निकाय और पंचायत राज संस्थाएं नर्मदा जी के प्रवाह की निरंतरता और सहायक नदियों व जल स्त्रोतों के स्वास्थ्य के लिए कार्य करेंगी। मिशन के अंतर्गत तीर्थ स्थानों व देव स्थानों के रख-रखाव और उन्नयन के साथ ही नर्मदा परिक्रमा करने वालों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। कालांतर में नर्मदा जी के साथ प्रदेश की अन्य नदियों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा।
प्लास्टिक मुक्ति पर केन्द्रित अभियान आरंभ होगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से दुग्ध उत्पादन, फसलों से आय बढ़ाने, जैविक फलोद्यान आदि पर योजना बनाने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्लास्टिक से मुक्ति पर केन्द्रित अभियान भी प्रदेश में संचालित होगा।
1,320 करोड़ से अधिक राशि की सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा सिंगरौली जिले की चितरंगी दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिये 1320.14 करोड़ रुपये (सैंच्य क्षेत्र 32,125 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत परियोजना से सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील के 132 ग्राम (सैंच्य क्षेत्र 28,192 हेक्टेयर) एवं देवसर तहसील के 10 ग्राम (सैंच्य क्षेत्र 3,933 हेक्टेयर) लाभान्वित होंगे।
साइबर तहसील का विस्तार करने 30 पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा साइबर तहसील परियोजना के लिये पर्याप्त अमला उपलब्ध कराये जाने की स्वीकृति दी गई। पूरे प्रदेश में विस्तार किये जाने के लिए तहसीलदार संवर्ग के जिलों हेतु स्वीकृत 619 पदों में से तहसीलदार के 10 पद, प्रतिनियुक्ति हेतु रक्षित नायब तहसीलदारों के 55 पदों में से 15 पद और 03 सहायक वर्ग-3 श्रेणी के कर्मचारियों को पद सहित प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय में साइबर तहसील के लिए अंतरित करने की स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार 02 भृत्य को आउटसोर्स से नियुक्त किये जाने की स्वीकृति दी गई।
मिशन शक्ति अंतर्गत 364 पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मिशन शक्ति अंतर्गत भारत सरकार द्वारा जारी संशोधित निर्देशों के अनुसार महिला सशक्तिकरण केंद्र की प्रदेश के समस्त जिलों में 15 वें वित्त आयोग की अवधि 2025-26 तक संचालित करने की स्वीकृति दी गयी। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के लिए संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों को अंतर-क्षेत्रीय अभिसरण की सुविधा प्रदान करना एवं ऐसा वातावरण तैयार करना, जिसमे महिलाएं अपनी पूरी क्षमता को समझ कर उसका उपयोग कर सकें।
प्रत्येक जिला हब में जिला मिशन समन्वयक-01, जेंडर स्पेशलिस्ट-02, वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ 01, एकाउंट असिस्टेंट-01, आईटी असिस्टेंट-01 तथा एम. टी.एस-01 के पदों की स्वीकृति दी गई। इस प्रकार प्रदेश के सभी जिला हब को मिलाकर कुल 364 पदों की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृत पदों की पूर्ति निधारित प्रक्रिया अनुसार किये जाने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिकृत किया गया है।
मध्यप्रदेश नगर पालिका (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2024 की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 43-क में शब्द ” दो वर्ष” के स्थान पर “तीन वर्ष” स्थापित किये जाने हेतु संशोधन के संबंध में मध्यप्रदेश नगर पालिका (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2024 पर स्वीकृति दी गई।
87 लाख रूपये से अधिक मुआवजा राशि का अनुसमर्थन
रीवा हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप विकास एवं विस्तार देने के लिए मंत्रि-परिषद् की पूर्व बैठक 26.09.23 एवं 13.12.22 द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा चाही गई आवश्यक भूमि का आवंटन और मुआवजा राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया गया था। हवाई अड्डे के निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई भूमि में सतना जिले की ग्राम केरार एवं पैपखरा, तहसील रामपुर बघेलान की भूमि भी आई थी। आपसी सहमति से भूमि क्रय हेतु 1% सर्विस टैक्स सहित कलेक्टर सतना द्वारा 87 लाख 50 हजार रूपये की मुआवजा राशि का आवंटन चाहा गया था, जो उन्हें आवंटित किया जा चुका है। इसका आज मंत्रि-परिषद की बैठक में अनुसमर्थन किया गया।
उच्च न्यायिक सेवा नियम 2017 के नियमों में संशोधन का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 के क्रमशः नियम-2, नियम-3, नियम-4, नियम-9 एवं नियम-11 तथा अनुसूची-एक को प्रतिस्थापित किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री के आदेश दिनांक 13 अगस्त, 2024 एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना का अनुसमर्थ किया गया।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद् ने वित्त विभाग द्वारा पूंजीगत कार्यों के वित्तीय प्रबंधन हेतु “मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसरंचना (योजना क्र. 6084)” अंतर्गत प्रशासकीय/कार्यादेश स्वीकृति के लिये सूचकांक-1 की अधिकतम सीमा शिथिल करते हुए 3 से 4.30 किये जाने की स्वीकृति दी। इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में 2135 करोड़ रूपये से अधिक के अधोसंरचना एवं निर्माण कार्य हो सकेंगे।