एफएलएन योजना के अंतर्गत हुआ प्रशिक्षण
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार कक्षा 1 से 3 में पढ़ने वाले बच्चों में दक्षता विकसित करने के लिये एफएलएन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन आज शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय छिंदवाडा में किया गया।
प्रशिक्षण में सभी विभागीय मॉनिटरिंगकर्ताओं को मॉनिटरिंग करने के लिये बिन्दुवार प्रशिक्षण दिया गया । कार्यशाला के दौरान कलेक्टर श्री सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री पार्थ जैसवाल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.एस.बघेल, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान छिंदवाडा के प्राचार्य, जिला परियोजना समन्वयक, सहायक संचालक जनजातीय कार्य विभाग, दक्ष प्रोफेशनल, सहायक परियोजना समन्वयक, बीआरसीसी, बीएसी, जनशिक्षक, डीआरजी आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सिंह द्वारा इस प्रशिक्षण सह कार्यशाला में सभी मॉनिटरिंगकर्ताओं को अपने पदीय दायित्वों के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने कार्य को पूर्ण समर्पण एवं गुणवत्ता से पूर्ण करें तथा सभी मॉनिटरिंगकर्ताओं को एफ.एल.एन. शिक्षा का स्तर सुधारने के लिये संकल्पित किया। साथ ही अपनी जिम्मेदारी को समझने एवं उपलब्ध संसाधनों में ही अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग करते हुये जिले की शैक्षणिक व्यवस्था के लिये बेहतर कार्य करने के निर्देश दिये गये। कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जैसवाल द्वारा कार्यशाला को संबोधित करते हुये सभी शिक्षकों को विद्यालयीन समय पर अपने विद्यालय में उपस्थित रहने एवं मॉनिटरिंगकर्ताओं को सघन मॉनिटरिंग करने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किये जाने के निर्देश दिये गये। साथ ही आगामी सत्र में जिले के छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता में आवश्यक सुधार एवं अपेक्षित परिणाम लाने के लिये सभी बीआरसी, बीएसी, सीएसी को निर्देशित किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री बघेल द्वारा बीआरसी, जनशिक्षकों को निर्देश दिये गये कि बीआरसी, जनशिक्षक अपनी मॉनिटरिंग के दौरान शाला में बच्चों को पढ़ायें एवं उनसे संवाद कर उनकी समस्याओं को जाने और उनका शाला स्तर पर निदान करें। आगामी 01 जून से 15 जून तक सभी प्रधानपाठक अपनी शालाओं में साफ-सफाई आदि अन्य महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण करें तथा शाला प्रवेश उत्सव की पूर्व तैयारी एवं नये सत्र के लिये शाला में आवश्यक व्यवस्थायें बनाना सुनिश्चित करें। सभी शिक्षक प्रात: 10:30 से शाम 4:30 बजे तक शाला में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें तथा विद्यालय के नामांकन में वृद्धि के लिये घर-घर पालकों से सम्पर्क कर बच्चों के प्रवेश के लिये प्रयास करें।
यदि मॉनिटरिंग के दौरान कोई शाला बंद या शिक्षक अनुपस्थित रहता है तो संबंधित मॉनिटरिंगकर्ता उन पर कार्यवाही किये जाने के लिये प्रस्ताव जिला स्तरीय कार्यालय को प्रेषित करेंगे। जिला स्तर से संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। प्रधानपाठक द्वारा अपनी पोषक शाला एवं आंगनवाडी केन्द्रों से आने वाले बच्चों का शैक्षिक स्तर के लिये समय-समय पर शाला की मॉनिटरिंग करें। कार्यशाला के अंत में सभी मॉनिटरिंगकर्ताओं का पोस्ट मैट्रिक टेस्ट भी लिया गया तथा कार्यक्रम समापन में जिला परियोजना समन्वयक द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।