Home AGRICULTURE कलेक्टर ने किया प्राकृतिक खेती और जैविक खाद-कीटनाशक निर्माण कार्य का निरीक्षण

कलेक्टर ने किया प्राकृतिक खेती और जैविक खाद-कीटनाशक निर्माण कार्य का निरीक्षण

कृषक श्री केवल प्रसाद चंद्रवंशी द्वारा 6 एकड़ जमीन पर जैविक पध्दति से किया जा रहा है विभिन्न सब्जियों का उत्पादन

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा// कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह आज जिले के परासिया विकासखंड के ग्राम कुंडालीखुर्द पहुंचे और कृषक केवल प्रसाद चंद्रवंशी द्वारा की जा रही प्राकृतिक खेती और जैविक खाद एवं जैविक पध्दति से कीटनाशक निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। कृषक श्री चंद्रवंशी द्वारा अपने पुत्र बलवीर चंद्रवंशी के साथ अपनी 6 एकड़ जमीन पर जैविक खाद और जैविक पध्दति से कीटनाशक का निर्माण कर विभिन्न सब्जियों और फलों का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। उनके द्वारा प्राकृतिक खेती कर गेंहू, तरबूज, ककड़ी, केला, आम, फर्रास, टमाटर, मिर्च, करेला आदि की फसलें ली जा रही हैं।

जैविक खाद और कीटनाशक जीवामृत, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र, नीमस्त्र, घनजीवामृत, केंचुआ खाद आदि सभी वे स्वयं तैयार करते हैं। इन्हें बनाने की विधि से भी उन्होंने कलेक्टर श्री सिंह को अवगत कराया और जैविक खेती से मिल रहे लाभों की विस्तृत जानकारी दी। कलेक्टर श्री सिंह ने सीईओ जिला पंचायत पार्थ जैसवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र-2 देलाखारी तामिया के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.आर.सी.शर्मा, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह सहित कृषि विभाग एवं आत्मा परियोजना के अन्य अधिकारियों के साथ कृषक द्वारा उत्पादित करेला व मिर्च की फसलों और नेपियर घास, एजोला उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट निर्माण आदि का अवलोकन खेतों में जाकर भी किया गया और कृषक द्वारा की जा रही प्राकृतिक खेती की भूरि-भूरि सराहना की गई।

कलेक्टर श्री सिंह द्वारा खजरी में जैविक मार्ट का निरीक्षण छिंदवाड़ा / / कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा आज छिंदवाड़ा शहर के खजरी रोड में संचालित जैविक मार्ट का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री पार्थ जैसवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र-2 देलाखारी तामिया के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.आर.सी.शर्मा, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह सहित कृषि विभाग एवं आत्म परियोजना के अन्य अधिकारी भी साथ थे। इस जैविक मार्ट में गौ-आधारित कृषि कर रहे किसानों से प्राप्त अनाजों से चोकर निकाले बिना नवरत्न आटा बनाकर विक्रय किया जाता है। इसके अतिरिक्त गौ-आधारित अन्य जैविक कृषि उत्पाद भी विक्रय किए जाते हैं। जैविक मार्ट के संचालक राहुल वसूले ने नवरत्न आटा तैयार करने की प्रक्रिया भी बताई। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा अधिकारियों के साथ नवरात्र आटा तैयार करने की प्रक्रिया का अवलोकन भी किया गया। जिसके बाद उन्होंने ग्राम जामुनझिरी में देव डेयरी का भी औचक निरीक्षण किया।

कलेक्टर श्री सिंह ने नाडेप टांको को व्यवस्थित रूप से भरवाने के दिये निर्देशछिन्दवाड़ा/ / जिले में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्राम के हरा अवशिष्ट का प्रबंधन के लिये नाडेप टांको का निर्माण कराया गया है, वर्तमान स्थिति में इन नाडेप टांको का अवलोकन करने पर संज्ञान में आया है कि विशेष प्रायोजन के लिये निर्मित कराए गए ये नाडेप टांके क्रियाशील स्थिति में नहीं है।

कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने निर्देश दिये हैं कि ग्राम के हरा अवशिष्ट का प्रबंधन करते हुए टांकों को भरवाया जाकर जैविक खाद तैयार की जाना एवं स्थानीय स्तर पर उपयोग किया जा सके, इसके लिये ग्राम पंचायतों में जितने नाडेप टांके बनाए गए हैं, उनकी सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्राप्त नाडेप टांकों की सूची के अनुसार मैदानी अमले के माध्यम से तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिये निर्देशित किया है। इस कार्य के लिये उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा ब्लॉक समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन, सचिव रोजगार सहायकों की बैठक लेकर नाडेप टांको को व्यवस्थित रूप से भरवाने के लिये निर्देशित किया है। साथ ही ग्राम में एनआरएलएम के स्व-सहायता समूह जो जैविक खेती में कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी अभियान में शामिल करें। उन्होंने निर्देश दिये कि इस कार्यवाही के संबंध में समय-समय पर समीक्षा की जायेगी, प्रति सप्ताह बुधवार को प्रगति से अवगत कराया जाये।

कलेक्टर श्री सिंह द्वारा ग्राम भैसादंड में फिश फीड यूनिट और आर.ए.एस.टैंक में मत्स्य पालन का निरीक्षण

छिन्दवाड़ा/ कलेक्टर शीलेन्‍द्र सिंह ने गुरुवार को जिले के छिंदवाड़ा विकासखंड के ग्राम भैसादंड पहुंचकर यहां पर स्थापित प्रदेश के प्रथम मत्स्य आहार संयंत्र का निरीक्षण किया तथा यूनिट संचालन की कार्यप्रणाली, मार्केटिंग, प्राप्त शुध्द लाभ आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। संयंत्र के मैनेजर श्री जुनैद खान ने बताया कि यहां तैयार फिश फीड का विक्रय प्रदेश के साथ ही, प्रदेश के बाहर असम, उड़ीसा, बिहार, झारखंड तथा उत्तरप्रदेश तक किया जा रहा है। संयंत्र की वर्तमान क्षमता 20 टन प्रतिदिवस है, जिसे बढ़ाने के लिए बाहर से नई मशीन बुलवाई जा रही हैं।

फिश फीड संयंत्र के निरीक्षण के उपरांत कलेक्टर श्री सिंह ने इसी के समीप आर.ए.एस.(री- सर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम) टैंक में किए जा रहे मछली पालन कार्य का भी निरीक्षण किया। यहां 50 लाख रुपए की लागत से 10 हजार वर्गफुट क्षेत्र में 8 आर.ए.एस. टैंक तैयार कर पंगेशियस फिश का उत्पादन किया जा रहा है। प्रत्येक टैंक में 5-5 हजार मछलियां उत्पादित की जा रही हैं। निरीक्षण के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री पार्थ जैसवाल, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह व सहायक संचालक मत्स्य पालन राजेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।