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प्राकृतिक खेती भविष्य की जरूरत ,दो दिवसीय प्रशिक्षण एवम् कार्यशाला संपन्न

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय के अंतर्गत संचालित इकाई कृषि विज्ञान केंद्र – II देलाखारी, तामिया द्वारा प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण एवम् कार्यशाला दिनांक 26 – 27 फरवरी 2024 को ग्राम बम्हनी विकास खंड तामिया में आयोजित किया गया ।

इस प्रशिक्षण में कृषकों एवम् युवाओं को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों डॉ. आर. सी. शर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक एवम् डॉ. एस .के. अहिरवार द्वारा प्राकृतिक खेती के विविन्न घटकों जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत, ब्रम्हास्त्र, अग्नि अस्त्र, नीमस्त्र एवम् मल्चिंग के द्वारा पोषक प्रबंधन, कीट/ बीमारी नियंत्रण एवम् निंदा नियंत्रण करके , भूमि को स्वस्थ बनाकर भविष्य में किस प्रकार खेती व मानव जीवन को, खेती में उपयोग किए जा रहे जहर से बचाया जा सकता है, और कम लागत में जीरो बजट खेती करने पर विस्तार से जानकारी प्रदाय की गई।

कृषि अवसंरचना निधि के संबंध मे जिला स्तरीय समीक्षा बैठकऔर आत्मा परियोजना के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक परिचर्चा संपन्न

सभी संबंधित विभाग प्रमुख और बैंक अधिकारी कृषि अवसंरचनानिधि के अंतर्गत शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति करें- कलेक्टर श्री सिंह

छिन्दवाड़ा/ / कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कृषि अवसंरचना निधि के संबंध मे जिला स्तरीय समीक्षा बैठक और आत्मा परियोजना के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक परिचर्चा संपन्न हुई।

बैठक और परिचर्चा में पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह, लीड बैंक मैनेजर अरविंद कुमार, भारतीय स्टेट बैंक के जिला समन्वयक, उप संचालक उद्यानिकी एम.एल.उइके, जिला प्रबंधक नाबार्ड श्वेता सिंह, उपायुक्त सहकारिता जी.एस.डेहरिया, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित अभय कुमार जैन, जिला प्रबंधक एनआरएलएम रेखा आहिरवार, महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र बरकडे, सहायक कृषि यंत्री समीर पटेल, सहायक संचालक मत्स्य पालन राजेन्द्र सिंह व अन्य अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, एफपीओ के जिला प्रतिनिधि, आरपीएलसी, सृजन एनजीओ, हकदर्शक, ग्रीन फाउंडेशन, कोफे के अधिकारी और प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।बैठक में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा सभी संबंधित विभाग प्रमुख एवं बैंक अधिकारियों को नियत समय पर शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति करने के निर्देश दिये गये।

उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के अन्दर सभी कृषि अवसंरचना निधि के प्रकरणों को शत-प्रतिशत स्वीकृत कर ऋण राशि वितरित करायें। उन्होंने जिले में कृषकों के बिना गारंटी वाले 2 करोड़ रूपये की कार्ययोजना वाले ऋण प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ तैयार कर उन्हें लाभान्वित करने के लिये कहा । उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत फील्ड में प्रगति दिखना चाहिये और वास्तविक रूप से किसान लाभान्वित होना चाहिये तभी इस योजना को सफल कहा जायेगा। उन्होंने आदिवासी विकासखंडों के किसानों को भी नई योजनाओं से लाभान्वित करने के लिये कहा ।

उन्होंने आत्मा परियोजना के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक परिचर्चा में कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है और सभी किसान इसे अपनायें ।

बैठक में नरवाई को खेतों में नहीं जलाने और नरवाई का उचित प्रबंधन कर खेत की मिट्टी में ही नरवाई को मिलाकर उसकी खाद बनाने की अपील की गई। बैठक में बताया गया कि कृषि अवसंरचना निधि में जिले के किसान, उद्यमी, एफपीओ, स्व-सहायता समूह, सेवा सहकारी समिति आदि के द्वारा वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग यूनिट, प्रसंस्करण इकाई, जैविक आदानों का उत्पादन, नर्सरी, ड्रोन की खरीदी, सीड प्रोसेसिंग यूनिट, कस्टम हायरिग सेन्टर आदि के संबंध में आवेदन करने पर उन्हें विभागीय योजनाओं के अनुदान लाभ के अतिरिक्त बैंक से लिये गये ऋण पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत छूट का प्रावधान है।

परिचर्चा में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने एवं नरवाई प्रबंधन के संबंध मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बैठक मे प्रगतिशील कृषक सर्वश्री बलवीर चन्द्रवंशी, अरविंद उसरेठे, चंद्रहास सूर्यवंशी, सुन्दरलाल नागवंशी आदि के द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये।

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