सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा/ म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायमूर्ति पोर्टफोलियो जज श्री विशाल धगट के मुख्य आतिथ्य, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिंदवाड़ा श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता और नवागत कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के विशेष आतिथ्य में आज छिंदवाड़ा जिले के विकासखंड तामिया की शासकीय माध्यमिक शाला तामिया के ग्राऊंड में वृहद विधिक जागरूकता कार्यक्रम एवं सहायता शिविर संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई और हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितलाभ वितरित किये गये। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिंदवाड़ा श्रीमती सविता ओगले, सभी न्यायाधीशगण, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पार्थ जैसवाल, एसडीएम जुन्नारदेव सुश्री नेहा सोनी, जिला विधिक सहायता अधिकारी विजय खोब्रागड़े, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सत्येन्द्र सिंह मरकाम व सहायक संचालक उमेश सातनकर, उप संचालक उद्यानिकी एम.एल.उईके, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी सुनील गहुखेड़कर, व्ही.ई.ओ. प्रकाश कलम्बे, अन्य जिला व खंड स्तरीय अधिकारी, गणमान्य नागरिक पत्रकार, और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे ।
म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर के न्यायमूर्ति पोर्टफोलियो जज श्री धगट ने इस अवसर पर कहा कि आम लोगों को सरकार के पास जाना पड़ता है और आवेदन देना पड़ता है, किन्तु आज हम आपको आपके अधिकारों के प्रति जागरूक करने आये हैं। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों द्वारा आपके कल्याण की बहुत सी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। आप इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर इसका लाभ लें । उन्होंने कहा कि शासन द्वारा आपके उत्थान और विकास के लिये कितनी राशि दे रही है, आपकी आय कैसे बढ़ सकती है, आपकी रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये किस प्रकार मदद मिल सकती है, यह सब जानकारी इस कार्यक्रम में लगे विभागीय स्टालों से प्राप्त की जा सकती है । उन्होंने कहा कि यदि आपको राशन नहीं मिल रहा है, पेयजल की समस्या है, बच्चों की स्कूल में पढ़ाई कराना है या अन्य कोई समस्या है तो इसका निदान भी विभागीय अधिकारियों से चर्चा करके कराया जा सकता है । इसके बावजूद भी यदि आपके आवेदनों का निराकरण नहीं हो रहा है, आपके अधिकारों का हनन हो रहा है या आपको न्याय नहीं मिल पा रहा है तो अंतिम रास्ता न्यायालय की ओर जाता है जहां आपको न्याय मिल सकता है । आप सभी अपने अधिकारों की रक्षा के लिये नि:शुल्क विधिक सलाह प्राप्त कर सकते हैं और न्याय प्राप्त कर सकते हैं ।
जनमानस से आव्हान किया कि वे आगे आकर शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें एवं उनका लाभ उठायें। उन्होंने प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलित कर और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं पर केन्द्रित लगाये गये प्रदर्शनी के स्टालों का सभी अतिथियों के साथ अवलोकन भी किया और प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये विभिन्न उत्पादों और योजनाओं की सराहना की । उन्होंने विभिन्न विभागीय योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किये ।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश और अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिंदवाड़ा श्री शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद मानते थे कि दरिद्रनारायण की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। कुछ लोग अज्ञानता और दरिद्रता के कारण न्याय प्राप्त नहीं कर पाते हैं और कुछ लोग न्याय प्रक्रिया को खर्चीला मानते हुये न्यायालय के पास आने में संकोच करते हैं, इसलिये उच्चतम न्यायालय द्वारा न्याय प्रक्रिया को सस्ता और सुलभ बनाने, प्रत्येक शोषित व्यक्ति को न्याय दिलाने और व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, मध्यप्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और तहसील विधिक सेवा समिति का गठन किया गया है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराकर उन्हें हर स्तर पर न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है। उनके मुकदमे में पैरवी करने हेतु शासन के खर्च पर अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है एवं न्यायालय में आने वाले समस्त खर्चों की प्रतिपूर्ति भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा की जाती है।
इन प्राधिकरणों और समितियों में कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क आवेदन देकर नि:शुल्क कानूनी सलाह प्राप्त करने के साथ ही नि:शुल्क न्याय प्राप्त कर सकता है । यदि आपके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन होता है और आप न्यायालय नहीं आ सकते हैं तो पैरालीगल वालेंटियर्स को भी आवेदन देकर न्यायालय से न्याय प्राप्त कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारा शोषण करने वाले हमारे अपने रिश्तेदार या मित्र होते हैं और उन्हें बचाने या बदनामी के डर से उनके विरूध्द आवेदन नहीं दे पाते हैं तो यह शोषण निरंतर होता रहेगा जिससे शोषण करने वालों को बढ़ावा मिलता है । उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बालक या बालिका का उत्पीड़न या लैंगिक शोषण होता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें, बल्कि अपराध करने वालों के विरूध्द आवेदन देकर बच्चों को न्याय दिलायें । उन्होंने कहा कि मानव के अधिकारों के उल्लंघन पर उन्हें न्याय दिलाने के लिये मानव अधिकार आयोग की स्थापना की गई है तथा आयोग को आवेदन देकर भी अपने अधिकारों को प्राप्त किया जा सकता है । इसी प्रकार यदि किसी विभाग द्वारा विद्युत, पेयजल, राशन, निर्माण कार्य और अन्य सेवाओं को समय पर गुणवत्तापूर्ण ढंग से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है तो इसके लिये भी जनोपयोगी अदालत का गठन किया गया है जिसमें आवेदन देने पर संबंधित विभाग को यह आवेदन भेजकर आपकी समस्या का निराकरण कराया जा सकता है । उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के संरक्षण के लिये आगे आकर न्याय प्राप्त करें ।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिले के सुदूर आदिवासी अंचल में इस तरह का जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाना निःसंदेह प्रशंसनीय है, इसके माध्यम से कानून की जानकारी के अतिरिक्त शासन की योजनाओं को ग्राम स्तर तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
विधिक जागरूकता शिविर में जो जानकारी दी जा रही है, उसे ध्यान से सुनें और इसका लाभ लेने के साथ ही अन्य व्यक्तियों को भी इसकी जानकारी देकर उन्हें भी लाभान्वित करें । उन्होंने कहा कि आप अपने जीवन को अपराध की श्रेणी में आने से बचायें और अच्छी बातों को अपने जीवन में शामिल करें जिससे आनंदपूर्वक जीवन जिया जा सके । आपका जीवन जेल में बिताने के लिये नहीं, बल्कि अपने परिवार और समाज के साथ आनंद से बिताने के लिये है, किन्तु फिर भी यदि कोई अपराध होता है तो सही न्याय प्राप्त करके अपराध पर रोक लगाई जा सकती है । इसके लिये सस्ता व सुलभ न्याय उपलब्ध है ।
शिविर के माध्यम से यह बड़ा अवसर है कि नि:शुल्क कानूनी सलाह के द्वारा आपसी सामंजस्य व समन्वय से समझौता करके स्वयं को व परिवार को बरबादी से बचा सकते हैं । उन्होंने कहा कि न्यायालयों में पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण अपराधियों को सजा देने में दिक्कत होती है, इसलिये यदि आपके समक्ष कोई अपराध हो रहा है तो अपराधियों के विरूध्द सबूत जुटाने और उन्हें सजा दिलाने में सहयोग करें जिससे दूसरे लोग भी सबक लेकर अपराध न करें । इसके लिये आपको हिम्मत बनाने और जागरूक होने की जरूरत है । यदि आप अपराधियों का डटकर विरोध करेंगे और सामने आकर न्यायालय की मदद करेंगे तो अपराधियों को सजा मिलेगी और एक अच्छे प्रगतिशील समाज का निर्माण हो सकेगा ।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जैसवाल ने कहा कि इस विधिक जागरूकता शिविर में नि:शुल्क कानूनी सलाह के साथ ही शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है । आप इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें और यदि कोई समस्या हैं तो आवेदन देकर अपनी समस्या का निराकरण भी करायेंगे तो यह इस शिविर की सार्थकता होगी । कार्यक्रम में तहसील विधिक सेवा समिति जुन्नारदेव के अध्यक्ष श्री सलीमउद्दीन खान ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
शिविर में आने वाले ग्रामीणों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तामिया के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया था जिसमें लगभग 300 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर औषधी वितरित की गई। इसके अतिरिक्त जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा के द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 5 हितग्राहियों के ऋण स्वीकृत किये गये, वहीं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत 2 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया।
जनपद पंचायत तामिया द्वारा 5 दिव्यांगों को बैसाखी एवं एक दिव्यांग को कान की मशीन वितरित की गई। इसी प्रकार कल्याणी पेंशन योजना के अंतर्गत 5 हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया और 2 हितग्राहियों को दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ दिया गया। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 3 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र वितरित किये गये।
महिला एवं बाल विकास विभाग तामिया के द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के 4 प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के 5 प्रकरण स्वीकृत किये गये। वहीं कृषि विभाग तामिया के द्वारा 5 कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया और 2 हितग्राहियों को स्प्रे पंप प्रदान किये गये।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा 4 हितग्राहियों को उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन प्रदान किया गया और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा स्प्रिंकलर योजना के अंतर्गत एक हितग्राही को स्प्रिंकलर सेट एवं एक हितग्राही को ड्रिप सेट प्रदान किया गया।
शासकीय विधि महाविद्यालय छिंदवाड़ा के विद्यार्थियों द्वारा लैंगिक अपराधों से संरक्षण व पाक्सो एक्ट पर केन्द्रित नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया और एकलव्य ग्रुप द्वारा मौलिक अधिकारों पर केन्द्रित गीत की लोक नृत्य के साथ प्रस्तुति दी गई तथा ज्योति कला मंडल आलीवाड़ा के ग्रुप के 20 सदस्यों द्वारा आकर्षक रमढोल की प्रस्तुति दी गई । कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सविता ओगले ने आभार प्रदर्शन किया और व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड सुश्री अक्षिता शुक्ला ने कार्यक्रम का संचालन किया।
