” भारतीय संस्कृति में युवाओं की समस्याओं के स्थाई समाधान हैं:” प्रो. अमर सिंह
“युवा जीवन जीने की कला सीखकर भ्रामक जानकारी से बचें”: आदित्य ठाकुर
“सकारात्मक सोच से स्त्री पुरुष के बीच लैंगिक समानता स्थापित होगी “: प्रफुल्ल ताम्रकार
स्त्री पुरुष के बीच असमानता विकसित राष्ट्र बनने में बाधा है “: सविता सोनी
सतपुड़ा एक्सप्रेस चांद: शासकीय महाविद्यालय में स्थापित रेड रिबन क्लब के द्वारा एड्स महामारी, एचआईवी संक्रमण, युवाओं में यौन व्यवहार विषयक भ्रामक जानकारी, स्वैच्छिक रक्तदान के लाभ और नशे के दुष्प्रभाव पर आयोजित विभिन्न वाद विवाद, भाषण, पोस्टर, रंगोली, स्लोगन, नुक्कड़ नाटक,कार्यशाला और मीटिंग में विजेता छात्रों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार वितरण का समारोह आयोजित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए युवाओं की समस्याओं के पारखी आदित्य ठाकुर ने कहा कि युवा भारतीय संस्कृति में उद्धृत जीवन जीने की कला को अपनाकर यौन व्यवहार विषयक भ्रामक जानकारी से बच सकते हैं। युवा एड्स, एचआईवी वायरस और यौन व्यवहार के बारे में भ्रामक, अंधविश्वासपूर्ण और अवैज्ञानिक जानकारी रखने के कारण आत्मघाती कदम उठा लेते हैं जिसके फलस्वरूप सामाजिक विघटन की समस्या की समस्या उत्पन्न हो जाती है। विशिष्ट वक्ता प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि युवाओं को अपने निजी जीवन में सकारात्मकता जानकारी प्राप्त कर स्त्री पुरुष के बीच लैंगिक असमानता की दुर्भावना की खाई को पाटा जा सकता है। गलत विचार, दुर्भावना और नकारात्मक सोच छात्रों के जीवन में घातक सिद्ध हो सकते हैं। विशिष्ट वक्ता सविता सोनी ने विशेषकर छात्राओं पर केंद्रित अपने उद्बोधन में कहा कि छात्राएं आधुनिक, वैज्ञानिक और वक्त्त के अनुकूल जीवन जीने की कला सीखकर स्वयं को नारी सशक्तिकरण की मिसाल बना सकती हैं। स्त्री पुरुष के बीच लैंगिक समानता स्थापित करके किसी भी राष्ट्र को समृद्ध बनाया जा सकता है। रेड रिबन प्रभारी अधिकारी डॉ. अमर सिंह ने कहा कि युवाओं की सभी समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति के ग्रंथों में वर्णित है, जरूरत है उसे पढ़कर अमल में लाने की। ज्ञातव्य हो कि रेड रिबन क्लब में लगभग सौ छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है जिसमें से पचास विजेता छात्रों को विभिन्न स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया है।