राम भगतों मे उत्साह जय श्री राम के जयकारो से गूंज उठा गाँव
सतपुड़ा एक्सप्रेस अमरवाड़ा :आगामी पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को, श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी।इस मंगल बेला मे जो जहां है बही से अपनी सहभागिता देते हुये ग्राम कोपखेड़ा के रामभक्तों श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ से आए पूजित अक्षत से घर-घर जाकर आमंत्रण दिया एवं सभी ग्रामवासीओं ने ग्राम के माता मंदिर मे प्राण-प्रतिष्ठा के दिन भजन-कीर्तन शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण आदि किये जाने की रूपरेखा तैयार की।

इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण- प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के रामभक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D., स्क्रीन) लगाकर अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।
कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा ” श्रीराम जय राम जय जय राम” विजय महामंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, वातावरण सर्वत्र सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये।
आपसे निवेदन है कि प्राण-प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त तथा प्रभु श्रीरामलला नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्याजी में परिवार सहित पधारें। श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का विवरण ।।
卐 मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित ।
- मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट । 卐 तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे, 44 दरवाजे ।
- भूतल गर्भगृह-प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्रीरामलला) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह- श्रीराम दरबार ।
कुल पाँच मंडप – नृत्यमंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप (सभा मण्डप), प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप ।
卐 खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ।
卐 प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था ।
卐चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार) लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 425 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर-भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर ।
मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप।
卐 श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मन्दिर-महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या ।
卐 दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना ।