सतपुडा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।बैंक मित्रों ने मांगों को भाजपा जिला अध्यक्ष मुलाकात कर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के समक्ष अपनी समस्याओं के निराकरण की पहल करने हेतु मुलाकात की बैंक मित्रों ने बताया कि हम सभी बैंक मित्र म.प्र. की सभी बैंकों से पिछले कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों एंव शहरी क्षेत्रों में कार्य कर रहे है। लगभग एक बैंक मित्र 4-5पंचायतों के सभी हितग्राही का घर-घर जाकर एवं गांव में बैठकर पेंशनरों को एवं मनरेगा हितग्राही का राशि का भुगतान कर रहे है एवं ग्रामीण जनता की सेवा कर रहे है।
सन् 2008 मे कांग्रेस सरकार के समय से (बैंक मित्रों को रखा गया है ) जिन्हे 3500/-रु का मानदेय और कमीशन दोनों दिया जाता था, लेकिन आगे समय में सन् 2014 में आई सरकार ने सभी बैंक मित्रों को रु.5000/- की राशि तथा ग्रामीण क्षेत्र के बैंक मित्र को 2000/- अतिरिक्त मानदेय हर माह देने का वादा किया था, जो आज दिनांक तक पूरा नहीं किया गया। म.प्र. में बैंक मित्रों की संख्या
लगभगर 2लाख है।
साथ ही हम बैंक मित्रों को बैंक और बैंक मित्र के बीच कंपनी को रखकर हम बैंक मित्रों का शोषण किया जा रहा है और अब हमे प्रतिमाह कंपनी की तरफ से कमिसन मे 40 से 70%कटौती कर के मिल रहा है, हमारा परिवार और हमारा गुजारा नहीं हो पा रहा है जिसके कारण बैंक मित्र पूरी तरह से परेशान होकर आत्महत्या करने पर विवश हो रहे है हाल ही में बिहार के एक बैंक मित्र ने इनही कारणो से आत्महत्या की है पूरे प्रदेश में लगभग दो लाख से अधिक बैंक मित्र है। जो मप्र सरकार द्वारा संचालित लाड़ली बहना योजना में निशुल्क (ई के वाय सी और डी बी टी) के कार्य लगातार कर रहे हैं और भुगतान गाँव गाँव जा कर सेवा प्रदान कर रहे है। प्रत्येक बैंक मित्र सरकार की समस्त योजनाये जैसे जनधन योजना का कार्य हम बैं
मित्रो को अपनी स्वयं की पूंजी लगाकर लगभग 300 से 400 हितग्राहियों को राशि का भुगतान कर का लाभ देर है।सभी हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया एंव उनकी आर्थिक रूप से मदद की एवं सरकारी योजना का लाभ दिलवाने में मदद की गई।
इस तरह द्वारा प्राइवेट से आज तक हम बैंक मित्रो का शोषण किया जा रहा है बैंको कंपनियों के माध्यम से हम से मनचाहे बीमा के टारगेट पूरे कराते हैं टारगेट पूरा ना होने
पर बैंक और कंपनी मिलकर हमारी आईडी बंद कर देते है और आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान करते है।.
माननीय मंत्री महोदय एवं अध्यक्ष महोदय, कलेक्टर महोदय हम बैंक मित्रो के निमय मांग इस प्रकार है :-
1. बैंक मित्रों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों से अलग करके डायरेक्ट बैंको से जोडा जाय।
2. बैंक मित्रों का स्थाई मानदेय प्रतिमाह किया जावे।
3. बैंक मित्रों का बैंक से स्थाई समायोजन किया जायें। बैंक मित्रों का कम से कम 500000/- का बीमा किया जावे ।
4. 5- किसी बैंक मित्र की मृत्यु उपरांत उसका कार्य परिवार के किसी भी सदस्य को दिया जाव ।
इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में बैंक मित्र यूनियन के सदस्यों के साथ बैंक मित्र उपस्थित थे ।
