सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। राज्य शासन द्वारा योगा आयोग के गठन के बाद प्रदेश में संचालित स्कूलों में योग पाठ्यक्रम को अनिवार्य कर दिया है परंतु योग शिक्षक की भर्ती नहीं की जा रही है।हमें विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से यह सूचना मिली है कि सरकारी स्कूलों में सरकार नृत्य, गायन, खेल शिक्षकों की भर्ती कर रही है जिन्होंने इन विषयों में डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किया है। वहीं दूसरी ओर शासकीय स्कूलों में योगा पाठ्यक्रम में योग की शिक्षा देने के लिए पूर्व से पदस्थ अन्य विषयों के शिक्षकों की 5 दिन की ट्रेनिंग करा कर उनके द्वारा बच्चों को स्कूलों में योग की शिक्षा दी जाएगी यह हमारे साथ अन्याय हैं हमारे द्वारा विधिवत योगा की पढ़ाई की गई है क्योंकि योग विषय बहुत महत्वपूर्ण है विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक सामाजिक एवं भावनात्मक विकास के लिए और इस विषय का 100 अंक का प्रश्न पत्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अनिवार्य किया है। महोदय जी इसके उपरांत भी योग शिक्षक की भर्ती नही निकाली जा रही है।

हमारी प्रार्थना है कि जिन विद्यार्थियों ने योग विषय से विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं किसी भी प्रमाणित संस्था से कम से कम 1 वर्ष का नियमित डिप्लोमा किया है। विद्यार्थियों ने सरकार से योग शिक्षक के रूप में भर्ती करने हेतु शीघ्र ही विज्ञापन निकालकर नियुक्ति प्रक्रिया की मांग की।