सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा – आज लोधी समाज द्वारा पूर्णिमा वर्मा को न्याय दिलाने के लिए महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया श्रीमती पूर्णिमा वर्मा, जो लोधी समाज की पूर्व जिला अध्यक्ष और गुलाबी गैंग की मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र कमांडर हैं, इनको 31 अगस्त 2025 को पुलिस द्वारा असंवेधानिक व अन्यायपूर्ण एव्ं आधारहीन आरोपों के तहत BNSS की धाराओं के आंतर्गत उस समय गिरफ्तार किया गया है जब वह अपनी निजी कार से अपने घर वापिस जा रही थी तभी कोतवाली पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है यह गिरफ्तारी न केवल समाज की महिलाओं में, बल्कि समस्त सामाजिक नागरिकों में गहरा आक्रोश और असंतोष व्याप्त है।

गिरफ्तारी के विरोध में लोधी समाज द्वारा आज जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि श्रीमती पूर्णिमा वर्मा की शीघ्र बिना शर्त रिहाई हम मांग करते हैं, उन पर लगाए गए झूठे प्रकरणों को वापस लेने एवं महिलाओं की सुरक्षा एवं सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आंदोलन को संरक्षण एवं प्रोत्साहन की मांग करते हुये कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आंदोलन को संरक्षण और प्रोत्साहन प्रदान किया जाए। लोधी सामाजिक संगठन ने चेतावनी दी कि हमारी न्यायोचित मांगों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई,और पूर्णिमा वर्मा को तत्काल रिहा नही किया जाता है तो समाज को विवश होकर मध्य प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। इस अवसर एड. देवेंद्र वर्मा, विष्णु वर्मा, जी पी एड चंद्रकांत वर्मा, एड दीपक वर्मा, एड रतन वर्मा , लोधी विपिन वर्मा, लोधी नवीन वर्मा, राहुल लिल्हारे, एड पवन वर्मा एड राजकुमार वर्मा शोभा वर्मा, लोधी क्षत्रिय समाज संगठन सहित गुलाबी गैंग व सामाजिक संगठन के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
एक सशक्त और दबंग आवाज जो की शासनऔर प्रशासन को उसकी जिम्मेदारियां का एहसास करा रही थी इस आवाज़ को दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है -सरला सिसोदिया प्रवक्ता जिला महिला कांग्रेस

गुलाबी गैंग की कमांडर पूर्णिमा वर्मा जो कि लोधी समाज की भी अध्यक्ष रही हैं एक सशक्त निर्भीक सामाजिक कार्यकर्ता भी है जो कि लगातार महिलाओं के उत्थान,सामाजिक बुराइयों का सफाया,शराबबंदी और जनहित के कार्यों में सक्रिय रही है शासकीय तंत्र के नुमाइंदे दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई कर रहे है महिलाओं को पूर्णिमा वर्मा पर पूरा विश्वास है क्योंकि पूर्णिमा वर्मा महिलाओ को और उनके परिवार को सुरक्षित होने का एहसास कराने की ताकत रखती है समाज को नशे से दूर रखने की कोशिश कर पूर्णिमा वर्मा ने ऐसी क्या गलती कर दी कि उनके साथ झूठी कार्रवाई कर राजनीतिक दूराभाव किया जा रहा है,कानून के मुताबिक किसी भी महिला को रात्रि में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता फिर भी उन्हें रात भर पुलिस कस्टडी में क्यों रखा गया सुबह उन्हें तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया तहसीलदार के द्वारा उनसे बंध -पत्र मांगा गया जिसे बनने में 8 से 10 दिन का समय लगता है इस तरह की द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर महिलाओं की आवाज को दबाना गुलाबी गैंग में दहशत का माहौल निर्मित करने के उद्देश्य से जो षड्यंत्र किया गया है निश्चित तौर पर निंदनीय है यह महिला विरोधी सरकार जल्द ही होश में आ जाए और महिलाओं को मजबूर ना करें कि उन्हें सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करने की जरूरत पड़े।