सहजयोग महोत्सव का आगाज हुआ दीप प्रज्जवलन से
- सुबह चैतन्य रथ यात्रा का स्वागत
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। सहजयोग प्रणेता परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी के 100सें जन्मदिवस अवसर पर शिव पर्वत,लिंगा में आयोजित चार दिवसीय महोत्सव के तहत रविवार को दीप प्रज्जवलन के साथ आयोजन का आगाज हुआ। - देशभर में सहजयोग का अलख जगाकर आए तीन चैतन्य रथ का भव्य स्वागत लिंगा में किया गया।
रविवार प्रात: लिंगा स्थित शिव पर्वत पर सहजयोग आश्रम में हजारों सहजयोगी भाई-बहनों की उपस्थिति में परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी सहजयोग नेशनल ट्रस्ट के वायस चेयरमेन रमेश मंताना,उपाध्यक्ष प्रताप उर्धवानी, सहजयोग जन्म शताब्दी महोत्सव के संयोजक श्रीचंद जैन, नेशनल ट्रस्टी एवं मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की प्रभारी सोनाली भट्टाचार्य, मध्यप्रदेश के राज्य समन्वयक दीपक गोखले तथा विभिन्न राज्यों से आए राज्य समन्वयकगण/समिति प्रभारियों ने श्रीमाताजी के चरणों में पूष्प अर्पित किए और दीप प्रज्जवलित किया। - मानव सेवा, विश्व में भाईचारा और प्रेम का संदेश दें: श्री मंताना
परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मलादेवी सहजयोग नेशनल ट्रस्ट,नई दिल्ली के वायस चेयरमेन रमेश मंताना ने दीप प्रज्जवन के बाद सहजयोगी भाई-बहनों को संबोधित करते हुए कहाकि-विश्व को भाईचारा और प्रेम का संदेश दे चुकी हमारी माताजी का 100वां जन्मोत्सव इस बार शताब्दी वर्ष के रूप में हम मना रहे हैं। माताजी ने सभी सहजी भाई-बहनों से अपेक्षा की थी और है कि वे पूरे विश्व को एक मानें, सभी के साथ भाई चारा रखे तथा प्रेम का संदेश बांटे। आपने कहाकि आज पूरे विश्व के लोग किसी न किसी प्राकृतिक आपदा से पीडि़त हैं। कोराना काल को हम देख चुके हैं। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि हम प्यार बांटे और मानव सेवा के लिए जो कर सकते हैं करें। लोगों को अधिक से अधिक आत्मसाक्षात्कार दें तथा उनकी कुण्डलिनी को जाग्रत करें। ताकि वे समस्याओं का हल प्राप्त कर सकें,जोकि केवल सहजयोग में ही संभव है। - तीन चैतन्य रथ की भव्य अगवानी
श्रीमाताजी के जन्म शताब्दी वर्ष में गत वर्ष देश की चारों दिशाओं में सहजयोग का प्रचार करने,अधिक से अधिक लोगों को आत्मसाक्षात्कार देने के लिए चैतन्य रथ रवाना हुए थे। इन रथों का आगमन शनिवार शाम को जन्म स्थली पर हुआ था। रविवार दोपहर जन्म स्थली से बस स्टैण्ड तक रेली निकली। पश्चात तीनों रथ लिंगा आए। यहां पर सहजयोगी तथा ट्रस्टीगण आदि ने भव्य स्वागत किया।

