सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा ।मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (PMGSY) छिंदवाड़ा इकाई एक बार फिर विवादों में है। महाप्रबंधक (GM) कविता पटवा और सहायक प्रबंधक मनीष साहू पर सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 का खुला उल्लंघन करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।मुख्यालय भोपाल द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश क्रमांक 7326 दिनांक 17 जून 2025 के अनुसार, सहायक प्रबंधक मनीष साहू का स्थानांतरण छिंदवाड़ा से कटनी किया गया था। आदेश में स्पष्ट उल्लेख था कि उन्हें दो सप्ताह के भीतर नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है। इसके बावजूद मनीष साहू आज दिनांक तक कटनी में जॉइन नहीं कर पाए हैं, क्योंकि GM कविता पटवा ने उन्हें जानबूझकर रिलीव नहीं किया है।
सूत्रों के अनुसार, इसी अवधि में भोपाल मुख्यालय के आदेश क्रमांक 8297 दिनांक 11 जुलाई 2025 के तहत वरिष्ठ अधिकारी पी.सी. चौरसिया को पांढुर्ना के लिए तुरंत रिलीव कर दिया गया। जिन्हें न्यायालय से स्थगन आदेश (स्टे) लेना पड़ा । एक वरिष्ठ अधिकारी को तुरंत रिलीव करने और स्थानांतरित सहायक प्रबंधक को रोकने की यह दोहरी नीति विभाग में भारी असंतोष और आक्रोश का कारण बनी हुई है।यह भी सामने आया है कि स्थानांतरण आदेश को दरकिनार करते हुए मनीष साहू को चौरई, अमरवाड़ा और हर्रई विकासखंड का नया कार्यभार दे दिया गया है, जो स्थानांतरण प्रक्रिया के नियमों का सरासर उल्लंघन है।

इससे पहले भी एक वरिष्ठ उपयंत्री का रिलीव आदेश तत्काल प्रभाव से जारी कर दिया गया था, जिसे न्यायालय से स्थगन आदेश (स्टे) लेना पड़ा था।GM कविता पटवा की कार्यप्रणाली पर पूर्व में भी भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं। उनके करीबी माने जाने वाले मनीष साहू विभागीय नियमों को ताक पर रखकर न सिर्फ अपने स्थान पर बने हुए हैं, बल्कि शासकीय वाहन का सप्ताह भर अनुचित उपयोग करते पाए जा रहे हैं। यह विशेष सुविधा अन्य किसी सहायक प्रबंधक को प्राप्त नहीं है।
सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को कर्तव्यों के निर्वहन में निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता बनाए रखनी होती है। लेकिन इस प्रकरण में प्रशासनिक लापरवाही और विभागीय मिलीभगत के कारण इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

दुर्भाग्यवश, इतने गंभीर प्रकरण सामने आने के बावजूद विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और अन्य उच्च अधिकारी मौन हैं, जिससे संदेह और अधिक गहराता जा रहा है कि यह चुप्पी किसी दबाव या व्यक्तिगत हित के कारण है।
MPRRDA छिंदवाड़ा में हो रही इस प्रकार की अनियमितताएं शासन की पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की नीति पर भी सवाल खड़े करती हैं। अब देखना यह होगा कि भोपाल मुख्यालय और उच्च प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करता है – क्या सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी या फिर यह प्रकरण भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दफ्न हो जाएगा।