*पर्यटकों के मन का भा रहा है सैला नृत्य*
*सैला नृत्य से सावरवानी सहित पर्यटन ग्रामों में मिला रोजगार, हो रही अतिरिक्त आय*
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा/ आदिवासी अंचल में तीज-त्योहारों पर होने वाला सैला नृत्य अब छिंदवाड़ा आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को बेहद भा रहा है। सैला नृत्य सिर्फ मनोरंजन का नहीं बल्कि आय का साधन बन गया है और पर्यटन ग्रामों में सैला नृत्य करने वाले दल इसका प्रदर्शन करके हजारों रूपए की आय ले रहे हैं, जिसका उदाहरण है मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित किया गया पर्यटन ग्राम सावरवानी।
यहां के सैला नृत्य दल ने बीते दो साल में नृत्य प्रदर्शन करके करीब दो लाख रूपए की आय अर्जित की है, जो अनूठा रिकार्ड है। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह व जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार के कुशल मार्गदर्शन में पर्यटन विकास के लिए कई अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में कुछ समय पूर्व ग्राम सावरवानी के नृत्य दल को वेशभूषा के लिए जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद से मदद दी गई और इसके बाद दल ने अपनी प्रतिभा के बूते नाम और दाम दोनों कमाए हैं। टूरिज्म बोर्ड द्वारा विकसित पर्यटन ग्राम सावरवानी की सैला डांस की टीम ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से न केवल ग्राम की संस्कृति को प्रदर्शित किया है, बल्कि पर्यटकों को आकर्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सैला डांस की टीम में 12 सदस्य हैं, इस टीम ने पिछले 2 वर्षों में अपनी कला से करीब दो लाख रुपये की आय अर्जित की है। इस टीम में 8 सदस्य आदिवासी नृत्य में विशेषज्ञ हैं, जबकि 2 सदस्य टिमकी बजाने में माहिर हैं और 2 अन्य सदस्य ढोलक और मंजीरा बजाते हैं। यह टीम पर्यटकों से 1200 रुपये का शुल्क लेती है। अब तक, भारत के विभिन्न हिस्सों से 1350 पर्यटक और 12 विदेशी पर्यटक सावरवानी में आ चुके हैं और सैला डांस का आनंद ले चुके हैं। यहां उल्लेखनीय है कि पर्यटन ग्राम चिमटीपुर, धूसावानी में भी पर्यटक सैला नृत्य का आनंद लेते हैं, अभी बीती सप्ताह महानगरों से धूसावानी व चिमटीपुर में आए पर्यटकों ने सैला नृत्य का झूम-झूमकर आनंद लिया, यह नृत्य पर्यटकों की विशेष मांग पर हुआ था। अन्य गतिविधियों से भी आयटूरिज्म बोर्ड की पहल व सुझाव पर सावरवानी में अन्य कई पर्यटन गतिविधियां चल रहीं हैं।
सैला डांस के अलावा, ग्राम में विलेज वॉक, ट्रैकिंग, मॉर्निंग वॉक, गाय का दूध निकालना, चक्की चलाना जैसी छोटी-छोटी गतिविधियों से भी स्थानीय लोगों को आय हो रही है। गाड़ी वाले भी 35 से 40 हजार रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या और उनकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया ने साबित किया है कि साबरबानी एक आदर्श पर्यटन स्थल है।