सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा/पांढुर्णा– मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों को आगामी जल संकट को ध्यान में रखते हुए “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित कर दिया गया है। यह आदेश 15 जून 2025 तक या मानसून प्रारंभ होने तक प्रभावशील रहेगा। आदेश के तहत इन क्षेत्रों में नलकूप खनन सहित अन्य गैर-घरेलू जल उपयोग पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि जिले में सामान्य वर्षा के बावजूद जल स्रोतों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है, जिससे पेयजल संकट उत्पन्न होने की आशंका है। जनहित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
**प्रमुख प्रतिबंध और निर्देश:**
1. **बिना अनुमति जल उपयोग प्रतिबंधित:** कोई भी व्यक्ति शासकीय जल स्रोतों से पेयजल और घरेलू उपयोग को छोड़कर अन्य किसी उद्देश्य से जल का उपयोग नहीं कर सकेगा।
2. **सार्वजनिक जल स्रोतों की सुरक्षा:** सभी नदियाँ, नाले, स्टॉपडैम, कुएँ व अन्य जल स्रोत केवल घरेलू व पेयजल उपयोग हेतु आरक्षित रहेंगे।3. **नवीन नलकूप खनन पर रोक:** बिना अनुमोदन कोई भी निजी या ठेकेदार नवीन नलकूप निर्माण नहीं कर सकेगा।
4. **अनुमति की प्रक्रिया:** निजी भूमि पर नलकूप खनन हेतु निर्धारित प्रारूप व शुल्क के साथ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
5. **150 मीटर प्रतिबंध क्षेत्र:** किसी भी सरकारी नलकूप से 150 मीटर के दायरे में नलकूप खनन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
6. **खनन गहराई सीमा:** निजी नलकूप की गहराई, शासकीय नलकूप से कम रखी जाएगी।
7. **प्राधिकृत अधिकारी:** संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को इस कार्य हेतु अधिकृत किया गया है। वे जांच के पश्चात सहायक यंत्री से अभिमत प्राप्त कर ही अनुमति देंगे।
8. **निजी स्रोतों का अधिग्रहण:** आवश्यकतानुसार निजी पेयजल स्रोतों का सीमित अवधि हेतु अधिग्रहण भी किया जा सकेगा।
इस आदेश के उल्लंघन पर मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।आदेश के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रशासन, पुलिस, जल यांत्रिकी विभाग और पंचायत एवं नगर निकायों के अधिकारियों को सौंपी गई है। जनहित में यह निर्णय जिले में जल संकट से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।















