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25 महत्वपूर्ण खनिजों, कैंसर की तीन और दवाओं को सीमा शुल्क से छूट दी गई

सीमा शुल्क में सुधार से घरेलू विनिर्माण को सहयोग और निर्यात प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलेगा : वित्त मंत्री

सीमा शुल्क ढांचे में बदलाव से समुद्री खाद्य पदार्थों और चमड़े के निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़े

सतपुड़ा एक्सप्रेस दिल्ली:केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि सीमा शुल्क के लिए बजट प्रस्तावों का उद्देश्य आम नागरिकों और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए घरेलू विनिर्माण को सहयोग, स्थानीय मूल्यवर्धन में वृद्धि, निर्यात प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन औऱ कराधान का सरलीकरण करना है।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी राहत देते हुए तीन और दवाओं, ट्रस्टूजुमाब डेरूक्सटीकन, ओसीमर्टिनिव और डूरवालूमाव को सीमा शुल्क से पूर्ण छूट प्रदान की गई है। इसके अलावा एक्स-रे ट्यूबों और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर बीसीडी में बदलावों का भी प्रस्ताव किया गया है, ताकि इन्हें स्वदेशी क्षमता में वृद्धि के अनुकुल बनाया जा सके।

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान मोबाइल के घरेलू उत्पादन में तीन गुना वृद्धि होने और मोबाइल फोन के निर्यात में लगभग 100 गुना वृद्धि होने से भारत का मोबाइल फोन उद्योग परिपक्व हो गया है। उपभोक्ताओं के हित में, मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने दूर संचार और उन्नत प्रौद्योगिकी वाले इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए अत्यन्त आवश्यक 25 खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने और 02 खनिजों पर बीसीडी को कम करने का निर्णय लिया गया है। इस उपाय से अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार, उच्च प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए इन खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। वित्तमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहन देने लिए सोलर सैल और सोलर पैनलों के विनिर्माण में उपयोग होने वाली पूंजीगत वस्तुओं की करमुक्त सूची का विस्तार करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त सोलर ग्लास और टिन्ड कॉपर इंटरकनैक्ट की पर्याप्त घरेलू विनिर्माण क्षमता को ध्यान में रखते हुए इसके लिए दी गई सीमा शुल्क छूट को और आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि समुद्री खाद्य पदार्थों के निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न इनपुट्स को भी सीमा शुल्क से छूट दी गई है। इसी प्रकार, चमड़ा और टेक्सटाइल क्षेत्रों में निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बीसीडी को कम करने का निर्णय लिया गया है। निर्यात किए जाने वाले चमड़े और टेक्सटाइल गारमेंट, फुटवेयर और चमड़े की अन्य वस्तुओं के विनिर्माण में प्रयुक्त, कर-मुक्त वस्तुओं की सूची में, कुछ और वस्तुओं को भी जोड़ा गया है। इसके अलावा रॉ हाइड, स्किन और चमड़े पर निर्यात शुल्क संरचना को सरल एवं तर्कसंगत बनाया गया है।

वित्त मंत्री सीतारामण ने कहा कि सोने और कीमती धातुओं के आभूषणों में घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत तथा प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को 15.4 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया है। इस्पात और तांबा के उत्पादन की लागत को कम करने के लिए फैरो निकल और ब्लिस्टर कॉपर पर बीसीडी हटाने का निर्णय लिया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सीमा शुल्क दरों की संरचना की विस्तृत समीक्षा अगले छह महीने में की जाएगी, जिससे व्यापार में सुगमता, शुल्क हस्तक्षेप समाप्त होगा और झगड़ों का निपटारा हो सकेगा।