गुलामी के प्रतीक पुराने कानूनों में परिवर्तन का कार्य ऐतिहासिक : मुख्यमंत्री डॉ.यादव
मुख्यमंत्री के मुख्य आतिथ्य में हुआ नवीन न्याय संहिता पर वेबीनार
सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल : रविवार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करने के क्रम में कुछ कानूनों में अमूलचूल परिर्वतनों का कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश में लागू पुलिस और न्याय व्यवस्था से जुड़े कई बदलाव किए जा रहे हैं। यह समाज के लिए सुव्यवस्थाएं स्थापित करने का प्रयास है। अच्छे और सकारात्मक भाव के साथ किए गए इन परिवर्तनों के लिए केंद्र सरकार बधाई की पात्र है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को द पोलिमेथ सोसाइटी द्वारा नवीन न्याय संहिता पर आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में अनेक विषय परिवर्तित स्वरूप में सामने आते हैं। भारत की प्राचीन न्याय पद्धति काफी सरल थी। हमारी पंच परम्परा भी अनूठी थी। राजाविक्रमादित्य की न्याय परम्परा से भी तत्कालीन समाज लाभान्वित था। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अंग्रेजों के शासन काल से लागू कानूनों में आवश्यक परिवर्तन का ऐतिहासिक कार्य किया है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार और प्रदेश के नागरिकों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी को बधाई देते हुए मध्यप्रदेश में इन कानूनों को लागू करने के साथ ही उनके समुचित प्रचार प्रसार का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने करीब चार सौ घंटे के परिश्रम और विभिन्न स्तर की बैठकों के बाद व्यापक विचार-विमर्श पश्चात नए कानूनों के प्रारूपों को अंतिम रूप प्रदान किया है। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर सुझाव भी प्राप्त किए गए। पूर्व में भी नई शिक्षा नीति: 2020 लागू करने के पहले करीब 2 लाख लोगों के सुझाव प्राप्त हुए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस वेबीनार के आयोजन के लिए पोलीमेथ सोसाइटी को बधाई दी।प्रारंभ में सोसायटी की ओर से श्री राजीव ने भारतीय न्याय संहिता के क्रमिक विकास की यात्रा की जानकारी दी।
वीडियो कांफ्रेंस द्वारा सभी जिलों को दिए गए निर्देश भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से देश में गुलामी की निशानियों को समाप्त करने के लिए विभिन्न कार्य हो रहे हैं। इस क्रम में एक जुलाई से देश में अनेक कानून नये स्वरूप में लागू होंगे। दंड के स्थान पर न्याय का महत्व बढ़ें एवं भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा हो सके, इस चिंतन से तीन विधेयक निरस्त कर नए दंडनीय विधेयक लाए गए हैं। आम जन तक इनकी जानकारी पहुँचाने के सभी प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज वी़डियों कान्फ्रेंसिंग से प्रदेश के सभी कलेक्टर्स, कमिश्नर्स, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चले आ रहे ऐसे विधेयक एवं अधिनिय़म में भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आमजन को विभिन्न सेमीनार और वेबीनार के माध्यम से भी इन कानूनों की जानकारी प्रदान की जाए। अभियान संचालित कर नये कानूनों की जानकारियों को प्रचारित किया जाए।वीडियो कांफ्रेंस में पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के सभी 982 थानों में नए कानूनों की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यक्रम भी एक जुलाई को हो रहे हैं। पुलिस कर्मियों को इनका विस्तृत विवरण प्रदान किया गया है। पूर्व में नए कानूनों से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई गई हैं।
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