सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत एक प्रकरण में अनावेदकगण शैलेन्द्र मेहेगिया पिता नरेन्द्र मेहेगिया, मनीष (सोनू) यादव पिता श्रीनिवास यादव, भूरा पिता संजय कौरव निवासी भाजीपानी तहसील परासिया जिला छिंदवाड़ा द्वारा खनिज ईट (मिट्टी) मात्रा लगभग 14000 नग का बिना कोई विधिवत अनुमति के अवैध भण्डारण पाया गया और खनिज ईट के निर्माण में उपयोग हुई मिट्टी के आंकलन अनुसार लगभग 35 घनमीटर मिट्टी का उपयोग किया जाना पाया गया। अनावेदकगणों का यह कृत्य म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अध्याय 5 नियम 18(2) के अनुसार अवैध भण्डारण की श्रेणी में आने पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा 20 मई 2024 को पारित आदेश में अवैध भंडारणकर्तागण पर नियमानुसार अर्थशास्ति और पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की कुल शास्ति राशि की दुगुना राशि 105000 रूपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा के माध्यम से कलेक्टर न्यायालय में खनिज ईट (मिट्टी) के अवैध भण्डारण के संबंध में एक प्रकरण प्राप्त हुआ था।
जिसमें खनि निरीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा प्रतिवेदित किया गया था कि “13 दिसंबर 2022 को राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग की संयुक्त जांच के दौरान जिले की तहसील परासिया के ग्राम भाजीपानी के खसरा नंबर 184 रकबा 0.081 हे. पर शैलेन्द्र मेहेगिया पिता नरेन्द्र मेहेगिया, मनीष (सोनू) यादव पिता श्रीनिवास यादव, भूरा पिता संजय कौरव निवासी भाजीपानी तहसील परासिया, जिला छिंदवाड़ा द्वारा खनिज ईट (मिट्टी) मात्रा लगभग 14000 नग का अवैध भण्डारण किया जाना पाया गया। जिसकी कोई विधिवत अनुमति नहीं पाई गई। उपरोक्तानुसार रखी खनिज ईट के निर्माण में उपयोग हुई मिट्टी के आंकलन के अनुसार लगभग 35 घनमीटर मिट्टी का उपयोग किया जाना पाया गया। जिसके कारण उक्त भंडारित खनिज ईट (मिट्टी) को जप्त कर ग्राम रोजगार सहायक की सुपुर्दगी में दिया गया। “प्रकरण में तहसीलदार परासिया, खनि अधिकारी, खनि निरीक्षक, हल्का पटवारी के प्रतिवेदन, मौका स्थल पंचनामा एवं संलग्न दस्तावेजों का सूक्ष्मता से परिशीलन एवं अवलोकन के उपरांत अवैध भंडारणकर्तागण द्वारा यह कृत्य म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अध्याय 5 नियम 18(2) के अनुसार अवैध भण्डारण होने की श्रेणी में आने पर नियमानुसार 1000 रूपये प्रशमन राशि, 26250 रूपये अर्थदण्ड राशि व 26250 रूपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि को मिलाकर कुल 53500 रूपये की शास्ति राशि अधिरोपित करने हेतु प्रस्तावित किया गया। लेकिन अनावेदकगणों द्वारा प्रशमन स्वीकार नहीं किए जाने के कारण नियम के प्रावधान अनुसार अर्थदण्ड एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के कुल योग 52500 रुपए की दुगुना राशि 105000 रूपए की शास्ति अधिरोपित की गई है। प्रावधान अनुसार खनि अधिकारी को शास्ति की राशि निर्धारित मद में शासन के पक्ष में जमा कराई जाने के संबंध में अग्रिम कार्यवाही करने और आरोपित शास्ति की राशि की प्रविष्टि अर्थदण्ड पंजी में कराने के निर्देश दिए गए हैं।