Home CITY NEWS पांढुर्ना की लाइफ लाइन नदियों में गंदगी का अंबार

पांढुर्ना की लाइफ लाइन नदियों में गंदगी का अंबार

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सतपुड़ा एक्सप्रेस पांढुर्ना :- नगर में बहने वाला जाम नदी में वार्ड वासियों के निस्तार का पानी निकासी नालियों से प्रवाहित होकर नदी में जमा होने से नदी अधिक प्रदूषित होने से गंदे पानी मे मच्छरों के लार्वा जमने से आस-पास के वार्डो में मच्छरों का प्रकोप बढ़ चुका है। जहा एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर लगातार देश मे स्वच्छता अभियान चलाकर प्रतिदिन कीर्तिमान स्थापित करने में लगी है, वही जनप्रतिनिधि क्षेत्र में फैली गंदगी को लेकर मौन है, स्वच्यता अभियान के तहत शासन प्रशासन के नेतृत में लाखों रुपये खर्च कर प्रत्येक क्षेत्र में जनजागरण के तहत होल्डिंग, पोस्टर,दिवार पेंटिग के साथ प्रतिदिन वाहनों से मुनादी भी करवा रही है, तो वही दूसरी और पांढुरना नगर के मध्य से प्रवाहित होने वाली जाम नदी एवम चंद्रभागा नदी में नगर पालिका द्वारा बनाये गए निकासी नालियां से मलमूत्र, अपशिस्ट का पानी नदियों में प्रवाहित किया जा रहा है, जिसके चलते नगर में निरंतर गंदगी का माहौल बना रहता है, ऐसा ही एक मामला नगर के जाम नदी में देखने मिल रहा है,

आपको बता दे यह वही नदी है, जहा विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले का आयोजन होता है, आयोजन से पूर्व नगर पालिका प्रशासन साल में एक बार नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए रात दिन सफाई कर्मचारी को लगाकर नदी को निर्मल और स्वच्छ दिखाने का काम करती है, परन्तु मेला होने के बाद जनप्रतिनि और नगर पालिका अपना ध्यान ऐतिहासिक धरोहर से हटाकर नदी में गंदगी फैलाने हेतु छोड़ दिया जाता है। इसी इतिहास नदी के मुहाने पर नगर का हनुमंती वार्ड,राधाकृष्ण वार्ड, अंबेडकर वार्ड,अम्बा वार्ड,भवानी वार्ड,पंढरी वार्ड, महावीर वार्ड,जाटबा वार्ड गणेश वार्ड, वसई वार्ड जैसे बड़ी जनसँख्या वाले लोग निवास करते है। नदी में निकासी के गंदे पानी निरंतर गंदगी से जनता परेशान हो रही है,तो वही नदी में लार्वा, पन्नियां, कचरा को सुवरो के विचरण के साथ नदी में भरपूर मात्रा में गाजर घास उग आए है, जाम नदी पर प्राचीन श्री राधाकृष्ण मंदिर, के साथ अनेक मंदिर भी विद्यमान है,जहा प्रतिदिन भक्तो का आनाज लगा रहता है, परंतु नदी में जमा पानी मे गंदगी होने से गंदी बदबू के चलते आम लोगो का घरों में रहना भी बीमारी को आमंत्रित दे रहा है। जनता की माने तो नदी के मुहाने पर बसे नगर के दस वार्डो की जनसँख्या निवासरत है, जनता द्वारा प्रत्येक पांच साल में वार्डो से एक एक जनप्रतिनिधियों को चुनकर नगर पालिका में भेजती है,ताकि जनता के मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देकर वार्डो का विकास करे, परन्तु जनप्रतिनियो द्वारा नगर के स्वच्यता पर कोई ध्यान नही दिया जाता, जिसके चलते वार्ड वासियों को गंदगी में जीवन यापन करना मजबुरी बन चुका है, जिसको लेकर शासन प्रशासन एवम जनप्रतिनियो ने अपना ईमानदारी से ध्यान लगाकर प्रति माह नदियों के सफाई को लेकर अभियान चलाकर वास्तविकता में स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाना चाहिए।

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