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कृषि उपज मंडी लगातार किसानों को सुविधा देने मे हो रही है नाकाम

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बे मौसम बारिश से किसानों मे कहीं खुशी तो कहीं गम

कुसमेली कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा लगातार किसानों को सुविधा देने मे हो रही है नाकाम

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा:अचानक हुई रवि के मौसम की बारिश से जहां एक और किसानों की लगी रवि मौसम की सभी फसलों को फायदा होगा बहीं कुसमेली कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा मंडी प्रबंधन की लापरवाही बे मौसम बारिश बनी किसानों के लिए आफत बन गई ,किसानों का मक्का शेड मे जगहा नहीं मिलने से बारिश के वजह से हुआ बर्बाद,,, दरअसल मौसम विभाग द्वारा दो दिन बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। किसान साहूकारों से कर्ज लेकर खेतों में फसल लगते हैं ताकि जब फसल बेचे जाएं तो उन्हें अच्छा मुनाफा हो और परिवार का जीवनयापन चल सके अपनी मेहनत से दिन रात एक कर फसल को बड़ा करते हैं। और जब फसल को काटकर बेचने कृषि उपज मंडी पहुंचते हैं तो यहां किसान रोड पर अपना मक्का रखकर व्यापारियों को वेचते हैं और बड़े-बड़े व्यापारियों अपना खरीदी का मक्का टीन सेड के अंदर रख कर कब्जा कर लिया जाता है और छोटे किसानों जब अपनी उपज मक्का आदि मंडी मे बेचने के लिय लता है तो बाहर खुले में रखना पड़ रहा है अचानक बारिश आने से किसानों के लिए आफत लादी और मंडी में रखा सारा अनाज बारिश के कारण गीला बर्बाद हो गया कुसमेली कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा अपनी फसल बेचने पहुंचे एक किसान का बारिश में लगभग 10 कुंटल मक्का बह गया जिसके कारण किसान बहुत परेशान था।

कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा के लिए नई नहीं है ऐसी स्थिति

दरअसल मंडी प्रांगण में हुई बारिश के बाद हजारों क्विंटल मक्का बारिश में गीला हो गया जिससे लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। मंडी प्रांगण के बाहर रखा हुआ अनाज किसानों का है मंडी प्रांगण में बनी टीम के शेड मैं व्यापारियों का कब्जा रहता है बोली लगाकर खरीदे हुए अनाज को व्यापारी वहां बने हुए शेड मैं ही रख देता है शेड खाली ना होने के कारण मजबूरी बस किसानों को खुले में अनाज का ढेर लगाना पड़ता है अनाज के उठाव कराने की व्यवस्था ना बनाना मंडी प्रबंधन की लापरवाही को दर्शा रहा है।मंडी मे बने बड़े बड़े शेड किसानों की सुबिधा के लिए बनये गए है किन्तु मंडी प्रशासन का व्यापारियों पर अनुग्रह उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है प्रति वर्ष बेमौसम वारिश आ जाने से किसानों की फसल गीला होने की घटना कुसमेली कृषि उपज मंडी छिंदवाड़ा के लिए नई नहीं है ऐसी स्थिति का बार बार निर्मित होना बहुत दुखद है हर बार अन्नदाता ही क्यो होता है परेशान क्यो नहीं बन प रही है समुचित व्यवस्था ??

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