Home MORE शिवराज जी ‘‘थोथा चना-बाजे घना’’: चरणसिंह सपरा

शिवराज जी ‘‘थोथा चना-बाजे घना’’: चरणसिंह सपरा

रक्षक बनने का वादा करके भक्षक बनी शिवराज सरकार

हार सामने देखकर शिवराज जी ने खोया मानसिक संतुलन

सतपुड़ा एक्सप्रेस भोपाल। अ भा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री चरणसिंह सपरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पिछले एक साल में प्रदेश के 26 जिलों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अपराध बढ़े हैं। विशेष रूप से भोपाल में 9.4 प्रतिशत और इंदौर में 33 प्रतिशत बच्चियों के साथ दुष्कर्म के केस बढ़े हैं। न्याय के मामले को अगर देखा जाये तो सिर्फ 35 से 40 प्रतिशत मामलों में न्याय मिल पाया है। श्री सपरा ने बताया कि पिछले 8 महीनों में कोर्ट में दुष्कर्म और पास्कों के मामलों में 66 अपराधियों को सजा सुनाई गई है और 92 आरोपियों को अलग कारणों से बरी कर दिया गया है। सिर्फ पास्को के मामले अगर देखे जाये तो उसमें मात्र 40 से 42 प्रतिशत केस चल रहे हैं। श्री सपरा ने आगे शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि शिवराजसिंह जी अपने आप को मामा कहते हैं लेकिन यह मामा सिर्फ नाम के हैं काम के नहीं। मामा का बहन से और बेटियों से जो रिस्ता होता है वह उसकी रक्षा, सुरक्षा और उसका सम्मान सर्वोपरि होता है। लेकिन मामा ने अपनी बहनों को रक्षा बंधन पर केवल 250 रूपये देकर बहनों के साथ छल किया है। मामा बतायें कि 250 रूपयें में कौन सा रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा सकता है?श्री सपरा ने बताया कि जिस तरह से हमने पिछले दिनों देखा कि उज्जैन में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म और फिर उसे मानसिक रोगी या भिखारन बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई, कटनी में आदिवासी युवती के साथ बलात्कार कर, उसका सिर कुचलकर पहाड़ी नाले में फेंक दिया जाता है, भोपाल में दबंगों द्वारा बहन के छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक भाई अमित सिरोलिया पुलिस की आंखों के सामने उसकी हत्या कर दी जाती है। यह भयावह सच्चाई है शिवराजसिंह के जंगलराज की। श्री सपरा ने बताया कि सवाल सिर्फ शिवराज मामा से नहीं, देश के गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेतृत्व जे.पी. नड्डा से भी पूछे जायेंगे कि इनके बेटी बचाओ-बेटी पढ़ोओ और बहुत हुआ नारी पर वार, यह सारे नारे खोखले साबित हुये। इसलिए प्रधान मंत्री मध्यप्रदेश आते हैं तो न शिवराज सिंह का नाम लेते हैं और न ही उनके काम का जिक्र करते हैं। श्री सपरा ने बताया कि शिवराजसिंह चौहान हताश और निराश हैं। अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने के लिए राजनैतिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर उलूल-जुुलूल बयानवाजी कर रहे हैं। गांधी परिवार पर टिप्पणी तो उन्होंने की हैं, लेकिन वह भूल गये कि गांधी परिवार वह परिवार है जो ‘‘प्राण जाये पर वचन न जाये’’ के सिद्वांतों पर अड़िग रहकर देश की सेवा करने में अपने प्राणों की आहूती देने में तत्पर रहता है। श्री सपरा ने बताया कि श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने देश के लिए अपने खून का एक-एक कतरा देश को समर्पित कर दिया, राजीव गांधी जी ने आतंकवाद से लड़ते हुये शहादत दी। जिन्होंने देश के लिए अपनी उंगली का नाखून भी न कटाया हो, वह शहादत और बलिदान का महत्व कभी नहीं समझ सकते। श्री सपरा ने कहा कि गोडसे के पुजारी केवल गांधी और गांधीवादियों का अपमान करना जानते हैं, देश भूलेगा नहीं कि गोडसे ही गांधी का हत्यारा था। अंत में शिवराज जी के लिए एक बात कहना चाहूंगा कि ‘‘थोथा चना-बाजे घना।