Home CITY NEWS रावण के अत्याचार से हलाकान हुई धरा, हुआ भगवान का जन्म

रावण के अत्याचार से हलाकान हुई धरा, हुआ भगवान का जन्म

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। शहर के हृदय स्थल छोटी बाजार में खेली जाने वाली 14 दिवसीय मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की लीला का मंचन प्रारम्भ हो गया है। रामलीला मण्डल के अध्यक्ष अरविंद राजपूत ने बताया कि किरिट-मुकुट एवं मंच पूजन के साथ रामलीला की विधिवत शुरुआत हो चुकी है। पूजन एवं लीला में अतिथि उपस्थित रहे एवं श्रीरामलीला मंडल के संरक्षक मार्गदर्शक कस्तूरचंद जैन, राजू चरणागर, सतीश दुबे लाला, अध्यक्ष अरविंद राजपूत, सचिव राजेंद्र आचार्य सहित समस्त सहित वरिष्ठ संरक्षकगण उपस्थित रहे। सभी का स्वागत समिति द्वारा किया गया।मंडल के मुख्य निर्देशक वीरेंद्र शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष प्रथम दिवस नवीन प्रसंगों को जोड़ा गया है।

पहले दिन रावण के लंका पर आक्रमण कर कुबेर से लंका को छीनने तथा रंभा से किए गए दुर्व्यवहार पर उसे रंभा द्वारा श्राप का दृश्यांकन किया गया। रावण, कुम्भकर्ण एवं विभीषण की घोर तपस्या का चित्रण किया गया। मनवांच्छित वरदान प्राप्त करके रावण ने अहम के वशीभूत होकर पृथ्वी में ऋषि मुनियों एवं देवताओं पर अत्याचार, यज्ञ विध्वंस एवं अनाचार करना प्रारम्भ किया। रावण के अत्याचार एवं विजय यात्रा का चित्रण विशेष लाइट, साउंड इफेक्ट एवं स्मोक इफेक्ट के सम्मिश्रण से प्रदर्शित किया गया।

रावण के अत्याचारो से प्रताड़ित होकर सभी देवी एवं देवता श्रीहरि विष्णु की शरण मे पहुँचते है। तब विष्णु जी बताते है कि वह अयोध्या के राजा दशरथ के घर राम के रूप अवतरित होंगे एवं पृथ्वी को असुरों के अत्याचारो से मुक्त करेंगे। रावण के अत्याचारों का अंत करने के लिए भगवान श्री राम ने भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न के साथ राजा दशरथ के घर जन्म लिया।

निर्देशक नरेंद्र चंदेल ने बताया कि आज भगवान श्रीराम के जन्म का उत्सव, विश्वामित्र के अयोध्या आगमन, श्रीराम द्वारा ताड़का वध एवं अहिल्या उद्धार की लीला का मंचन किया जावेगा। मण्डल के उपाध्यक्ष मयंक चौरसिया, समन द्विवेदी, कुशल शुक्ला, ट्विंकल चरनागर, आशु चौरसिया, सावन जैन एवं समन द्विवेदी ने दर्शकों से अपील की है कि लीला का आनन्द सोशल मीडिया, यूट्यूब एवं स्थानीय चैनल के सीधे प्रसारण से भी ले सकते है।

*महासंत चौबे बाबा से जुड़ी है नींव

अयोध्या से छिंदवाड़ा पधारे महान संत श्रीरामदास जी “चौबे बाबा” की प्रेरणा से ही इस रामलीला की नींव पड़ी थी। प्रारंभ में चंद उत्साही किशोरों और युवाओं के छोटे-से समूह ने इस परंपरा को आरंभ किया। आज यही आयोजन विकसित होकर 500 से अधिक सक्रिय सदस्यों वाले विशाल श्रीरामलीला मंडल में बदल चुका है।

* मंच के दो भाग को 500 वर्गफीट की विशाल एलईडी स्क्रीन से सजाया गया है। यह तकनीक न केवल मंच को भव्य रूप प्रदान करेगी बल्कि दर्शकों को भी नए अनुभव से रूबरू कराएगी। मंच की साज-सज्जा, प्रकाश व्यवस्था और ध्वनि संयोजन को विशेष रूप से अद्यतन किया गया है। मंचीय तकनीक और दृश्य प्रभावों से इस बार का मंचन और भी आकर्षक होगा।

*राष्ट्रीय स्तर पर मिली है महारामलीला की पहचान

कुछ वर्ष पूर्व एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल एबीपी न्यूज द्वारा देशभर की रामलीलाओं का मूल्यांकन किया गया था। इस मूल्यांकन में हज़ारों प्रविष्टियों में से छिंदवाड़ा की रामलीला को देश की शीर्ष 5 रामलीलाओं और प्रदेश की प्रथम रामलीला का दर्जा प्राप्त हुआ। दिल्ली, जम्मू, मुंबई, लखनऊ और पत्थरचट्टी की रामलीलाओं के साथ यह गौरव केवल छिंदवाड़ा को प्राप्त है।

*समाज और संस्कृति को जोड़ने वाला आयोजन*यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं है बल्कि यह छिंदवाड़ा की सामाजिक एकता, सामूहिक श्रम और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है। लीला के दौरान नगर में धार्मिक वातावरण निर्मित होता है, हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन उपस्थित होकर प्रभु श्रीराम की कथाओं से प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

चौदह दिवसीय लीलाओं का विस्तृत क्रम ::1. नल कुबेर प्रसंग, रावण अत्याचार2. श्रीराम जन्म महोत्सव, मुनि आगमन एवं ताड़का वध3. धनुष यज्ञ, रावण-वाणासुर संवाद, लक्ष्मण-परशुराम संवाद4. श्रीराम वनगमन एवं निषादराज संवाद5. श्री दशरथ देहत्याग, भरत मिलाप6. पंचवटी प्रवेश एवं खर-दूषण वध7. सीता हरण8. सुग्रीव मित्रता एवं बाली वध9. लंका दहन10. विभीषण शरणागत एवं अंगद-रावण संवाद11. अकंपन वध, लक्ष्मण शक्ति12. कुंभकर्ण वध, मेघनाद वध, सती सुलोचना प्रसंग13. अतिकाय वध, अहिरावण वध, नारांतक-देवांतक वध14. रावण वध एवं श्रीराम राज्याभिषेक

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