Home CRIME हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा— गुरुवार, 30 जनवरी 2025 को जिला एवं सत्र न्यायालय छिंदवाड़ा के न्यायाधीश श्री सुशांत हुद्दार ने सत्र प्रकरण क्रमांक 65/2022 में अपना निर्णय सुनाते हुए हत्या के आरोपी दुर्गेश उर्फ छोटू रघुवंशी (31), निवासी पातालेश्वर, थाना कुंडीपुरा, जिला छिंदवाड़ा को दोषी करार दिया। न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास और ₹5000 के अर्थदंड की सजा सुनाई।

### **घटना का विवरण** घटना 14 मई 2022 को सामने आई, जब मृतक अर्जुन यादव (30), निवासी त्रिलोकी नगर, छिंदवाड़ा की संदिग्ध परिस्थितियों में कुएं में डूबने से मृत्यु हो गई। मृतक के भाई अरविंद यादव ने कुंडीपुरा थाने में सूचना दी कि अर्जुन की लाश त्रिलोकी नगर स्थित जायसवाल के खेत के कुएं में मिली है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बाहर निकाला और पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा। मर्ग जांच के दौरान मृतक के परिजनों— भाई अरविंद यादव, प्रवीण यादव, मां बेबी यादव और भाभी मालती यादव— ने बताया कि 13 मई 2022 को दोपहर 3:30 बजे अर्जुन घास लेने गया था, लेकिन रात तक वापस नहीं आया। उसी रात करीब 11:30 बजे उसे उसके दोस्त दुर्गेश रघुवंशी के साथ देखा गया था। दोनों घर के पास की संकरी गली से खेत की ओर गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे।

### **हत्या का कारण और जांच** अर्जुन गुपचुप (फुचका) बेचने का काम करता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण कुछ समय से उसका ठेला बंद था। उसने अपने दोस्त दुर्गेश को ₹1000 उधार दिए थे, जिसे वह वापस मांग रहा था। पैसे लौटाने को लेकर हुए विवाद के चलते आरोपी ने अर्जुन को कुएं में धक्का दे दिया, जिससे उसकी पानी में डूबकर मौत हो गई। अगली सुबह जब परिजनों ने अर्जुन की तलाश की, तो जायसवाल के खेत के कुएं के पास उसका गमछा, कुछ पैसे और टिफिन बॉक्स मिला। मोहल्ले वालों की मदद से कुएं में तलाश करने पर अर्जुन की लाश बरामद हुई। जांच के दौरान मृतक को आखिरी बार आरोपी के साथ खेत की ओर जाते हुए देखने वाले गवाहों के बयान दर्ज किए गए। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद, उसके कपड़े जब्त किए गए, जिनमें से एक टुकड़ा घटनास्थल के पास कंटीले तार में फंसा मिला। पूछताछ में दुर्गेश ने अपराध स्वीकार कर लिया।

### **न्यायालय का फैसला** सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर हत्या का दोष साबित किया। लोक अभियोजक अजय पालीवाल की दलीलों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास और ₹5000 के जुर्माने की सजा सुनाई। मामले की विवेचना उप निरीक्षक पंकज राय द्वारा की गई थी।

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