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बलात्कार के आरोपी को आजीवन कारावास

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।नाबालिक के साथ बलात्कार करने वाले एवं जान से मारते धमकी देने वाले आरोपी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल) तक की सजा एवं अर्थदण्ड माननीय अपर सत्र न्यायालय जुन्नारदेव के द्वारा थाना जुन्नारदेव के विशेष प्रकरण क्रमांक sc 18/2023, अपराध क्रमांक 79/19 के आरोपी कन्हैया पिता बंसत ऊईके को लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3/4(2), 5(11/6 में आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक एवं 5000-5000 रूपये एवं भा.द.सं. 1860 की धारा 506 (भाग-2) में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।

घटना का संक्षिप्त विवरणः पीडिता द्वारा बताया गया कि दिनाक 01/01/2023 के शाम करीब 05:00बजे में अपनी मुंह बोली दीदी के पास मिलने उसके घर गई थी जो रात होने के कारण मैं दीदी के घर पर रुक गई थी, रात करीब 12:00 बजे में पेसाब करने के लिये घर के पीछे तरफ गई जो उसी समय आरोपी कन्हैया ऊईके आया और पीछे से मेरा मुंह बंद करक जबरदस्ती उठकार मुझे खेत तरफ ले गया और मेरे साथ गलत काम (बलात्कार) किया बीते चिल्लाने की कोशिश किया पर किसी ने नहीं सुना फिर कन्हैया वहा से जाने लगा और जाते-जाते बोला कि किसी को बताई तो जान से मार दूंगा, फिर में घर तरफ गई, डर के कारण मैने यह बात किसी को नही बताई थी फिर अगले दिन में अपने घर वापस आ गई डर के कारण मैं घर में भी यह बात किसी की नहीं बताई थी फिर दिनाक 03/01/2023 को मेरा भाई खेत गया या पापा गांव में गये थे, घर में मैं और मम्मी थी, करीब 06:00 बजे मम्मी चावल लेंगे मोहल्ला में गई थी, घर में में अकेली थी, उसी समय आरोपी कन्हैया आया और मुझे जबरदस्ती उठाकर अपने साथ नदी के पास ले गया और मेरे साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) किया। दिनाक 24/07/2023 को मम्मी ने बोला कि तेरा पेट बड़ा लग रहा है कहकर पेट चैक किया तब पता चला कि मैं प्रेगनेट हूं फिर मम्मी ने मेरी प्रेगनेट वाली बात घर में सभी को बताई। रात होने के कारण रिपोर्ट करने नहीं आ पाई थी, दूसरे दिन मेरे पापा, बड़ी मम्मी के साथ जा कर थाना में रिपोर्ट लिखाई थी। प्रकरण में संपूर्ण अनुसंधान के पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।विचारण के दौरान अभियोजन की और से प्रस्तुत साक्ष्य एव तर्को से सहमत होकर माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जुन्नारदेव द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दंडित किया गया और को 3 लाख रूपये प्रतिकार देने के लिये विधिक सहायता प्राधिकारण को आदेशित किया गया।मध्यप्रदेश शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/सहा० जिला अभियोजन अधिकारी गंगावती इहेरिया के द्वारा प्रकरण में पैरवी की तथा प्रकरण की विवेचक उपनिरीक्षक अंजना मरावी के द्वारा की गयी।