Home CITY NEWS प्रतिभागियों ने जानें साइबर अपराधों से बचने के तरीके….

प्रतिभागियों ने जानें साइबर अपराधों से बचने के तरीके….

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा। शासकीय विधि महाविद्यालय छिंदवाड़ा में आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन 30 मई को किया गया। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित इस वेबीनार में साइबर अपराध और साइबर विधियां: मुद्दे एवं चुनौतियां विषय पर विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त रखें।

विषय विशेषज्ञों डॉ मनोज मीणा एवं विरल परमार ने साइबर क्राइम, साइबर स्कैम, साइबर फ़्रॉड, सोशल मीडिया स्कैम, साइबर स्पेस के नियंत्रण की आवश्यकता, साइबर अपराध होने के कारण, साइबर क्राइम करने की नियत, आइडेंटिटी थेफ़्ट, सोशल इंजीनियरिंग स्कैम के बारे मे विस्तार से बताया। साथ ही प्रतिभागियों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय भी बताये। विषय विशेषज्ञों में राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ मनोज मीणा ने अपने वक्तव्य मे प्रतिभागियों को साइबर क्राइम की रिपोर्टिंग कैसे करते है और वर्तमान मे कौन कौन से साइबर थ्रेट्स हैं ये भी बताया। साथ ही प्रतिभागियों के जिज्ञासा भरें सवालों एवं समस्याओं का निराकरण किया।

दूसरे विषय विशेषज्ञ विरल परमार जो की एक विख्यात साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर है, उन्होंने आजकल के दैनिक जीवन में किस प्रकार से साइबर अपराध, सोशल मीडिया स्कैम हो रहे है, इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए और सोशल मीडिया स्कैम से बचाने के लिए उपाय भी बताएं। साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ भी पर्सनल ना पोस्ट करनें और अपने अकॉउंट को प्राइवेट रखते हुए अनजान व्यक्तियों को फ्रेंड्स लिस्ट मे ऐड ना करने की सलाह दी। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ बीके अकोदिया ने स्वागतीय उद्बोधन दिया। राष्ट्रीय वेबीनार का संचालन आयोजन सचिव डॉ दमयंती कटरे ने कुशलता पूर्वक करते हुए कहा कि आज कल तकनीकी अज्ञानता के कारण लोग बहुत जल्दी साइबर अपराध की शिकार बन जाते हैं। वेबीनार की संयोजक डॉ स्नेहा कुमारी ने अतिथियों का परिचय करते हुए कहा कि महिलाएं वर्तमान समय में बहुत ही आसानी से साइबर अपराध की पीड़ित बन रही है। इसलिए महिलाओं को सोशल मीडिया पर कुछ भी पर्सनल पोस्ट करने से पहले सोचना चाहिए। वेबीनार में आईक्यूएसी प्रभारी सहायक प्राध्यापक राकेश कुमार कोष्टी, कमलेश चरपे, कीर्ति कोवरे समेत महाविद्यालयीन विद्यार्थियों और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वेबीनार के सह संयोजक डॉ कमलाकर मोटघरे ने अंत में सभी आभार व्यक्त किया।

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