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कृषि उपज मंडी बंद होने से हो रहा है किसानों का शोषण

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मंडी सचिव अमरवाड़ा की मंडी में बोली बंद कर खुद नरसिंहपुर प्रभारी बनकर बैठे हुए हैं

अमरवाड़ा कृषि उपज मंडी में हो रही भारी अनियमितताओं के बाद भी दो कृषि उपज मंडी की जवाबदारी क्यों

सतपुड़ा एक्सप्रेस अमरवाड़ा :कृषि उपज मंडी अमरवाड़ा में मंडी सचिव के द्वारा अनुचित लाभ अर्जित करते हुए व्यापारियों को अनुचित लाभ उपलब्ध कराते हुए जो कार्य किया जा रहा है उसके कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के किसानों का हो रहा हैआर्थिक शोषण।(रिपोर्ट:आलोक सूर्यवंशी अमरवाड़ा)

कृषि उपज मंडी क्या हो रहा है:कागजों में चालू अमरवाड़ा कृषि उपज मंडी में साल भर सभी प्रकार के कृषि उपज की आवक रिकॉर्ड में दर्ज हो रही है किंतु व्यावहारिक रूप से प्रत्यक्ष मंडी में नियम अनुसार खुली बोली लगाकर 1 किलो अनाज की भी खरीदी नहीं हो रही है किंतु उसके बाद भी लाखों कुंटल माल की आवक दर्ज की जा रही है

नियम अनुसार क्या होना था: जब कोई किसान अपनी कृषि उपज को मंडी क्षेत्र में विक्रय करने के लिए लेकर आता है तो कृषि उपज का विक्रय खुली नीलामी पद्धति तथा नमूने के आधार पर नीलामी द्वारा सौदा पत्रक के द्वारा किया जाता है जब कोई व्यापारी अधिसूचित कृषि उपज को मंडी क्षेत्र में क्रय करता है तो वह किसान के पक्ष में तीन प्रति में करार करता है एवं करार की एक प्रति स्वयं रखता है दूसरी प्रति किसान को और तीसरी प्रति मंडी समिति के अभिलेख में रखी जाती है

कृषि उपज मंडी में क्या हो रहा है:किंतु अमरवाड़ा मंडी में जब खुली नीलामी के द्वारा बोली से माल क्रय नहीं किया जा रहा है तो कानूनन जो अनुवन्ध पत्र तैयार होने थे वह मंडी सचिव के द्वारा सारे पत्रक नियम विरुद्ध अनुचित लाभ अर्जित कर तैयार किये जा रहे है यह कैसे वैधानिक हो सकता है वर्तमान में अमरवाड़ा मंडी प्रांगण में बोली लगाकर माल की खरीदी नहीं कि जा रही है अर्थात मंडी बंद है किंतु उसके बाद भी लाखों कुंटल माल की आवक दर्ज की जा रही है सवाल यह उठता है कि मंडी सचिव रामसेवक गुमास्ता किन नियमों के अनुसार व्यापारियों को अनुबंध पत्र तोल पत्रक भुगतान पत्रक किस आधार पर मंडी के दस्तावेज में तैयार कर प्रदान कर रहा है।


नियम क्या है:कृषि उपज जिनका शासन के द्वारा निर्धारित मापदंड के अधीन समर्थन मूल घोषित किया गया हो ऐसी उपज के लिए मंडी प्रांगण में कोई भी बोली समर्थन मूल्य से कम कीमत पर प्रारंभ नहीं होने दी जाती है किन्तु मंडी के बंद होने से मनमाने दाम में व्यापारी किसानो की उपज खरीद रहे है किसानो को अपनी खून पसीने की कमाई को सही खरीदी प्रतिस्पर्धा नहीं मिलने के कारण गंभीर नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नियम क्या है:मंडी प्रांगण में व्यापारी द्वारा खरीदी गई कृषि उपज का भुगतान किसान को उसी दिन मंडी प्रांगण में ही अनिवार्य रूप से करना होता है अन्यथा करता द्वारा विक्रेता को पांच दिवस तक एक प्रतिशत प्रतिदिन की दर से अतिरिक्त भुगतान दंड स्वरूप देना होता है और पांच दिवस तक भी भुगतान न करने पर छठवें दिन से करता व्यापारी की अनुज्ञप्ति स्वमेव निरस्त समझी जाती है और कानूनन 1 वर्ष की कालावधी तक कोई नई अनुज्ञप्ति मंजूर नहीं की जाती है।

कृषि उपज मंडी बंद होने में क्या हो रहा है:मंडी में नियम अनुसार खरीदी नहीं होने के कारण व्यापारी और किसान के बीच में कोई अनुबंध तैयार नहीं हो रहा है जिससे व्यापारी मनमानी कर रहे हैं किसानों को भुगतान करने में महीनों का इंतजार करना पड़ रहा है इसी कारण लगातार व्यापारियों के द्वारा किसान की कड़ी मेहनत की कमाई को लेकर व्यापारीयों के भागने की शिकायतें थानों में दर्ज है

नियम क्या है:मंडी प्रांगण में करे की गई कृषि उपज का सही तो मंडी के लाइसेंस धारी तोलैया के माध्यम से किया जाता है और तोल में अनियमित पाए जाने पर मंडी समिति के द्वारा तलैया की अनुज्ञप्ति निरस्त की जा सकती है मंडी प्रांगण में कृषि उपज का उसी दिन बिक्री न होने पर मंडी समितियां के गोदाम अथवा वेयरहाउस में उपज रखने की व्यवस्था मंडी प्रशासन को करना होता है
कृषि उपज मंडी बंद होने में क्या हो रहा है:सांठ-गांठ कर कर व्यापारियों के फायदे में काम कर रहे मंडी सचिव रामसेवक गुमास्ता की लापरवाही के कारण ना तो किसानों को सही तोलैया मिल पा रहे हैं और ना ही किसानों को मंडी में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल रहा है दूरदराज से किसान जब अमरवाड़ा में माल बेचने के लिए लेकर आता है यदि व्यापारियों के द्वारा उनका माल नहीं लिए जाने की दशा मेंतो उन्हें दर-दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है गरीब किसानों का आर्थिक मानसिक शोषण करने में मंडी प्रशासन का कामकाज करने का तरीका ही मुख्य कारण है
नियम क्या है:मध्य प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज का व्यापार करने वाले प्रत्येक व्यापारी को मंडी के नियम के अनुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त करना एवं अधिनियम नियम तथा उप नियमों के अधीन व्यापार करना अनिवार्य होता है किंतु अमरवाड़ा में भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के द्वारा बिना किसी वैध अनुज्ञप्ति के भी अनेकों अनेक व्यापारियों को काम करने की छूट कमीशन लेकर दी गई है जिससे किसानों के साथ जालसाजी करने का मौका मिल रहा है

वर्तमान में मंडी के प्रांगण में विक्रय हेतु किसान का माल रखा हुआ है किंतु मंडी प्रांगण में बोली नहीं लगने के कारण किसान माल को मंडी प्रांगण से उठाकर अन्यत्र शहर में लाकर व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है मंडी सचिव रामसेवक गुमास्ता का कहना है कि किसान मंडी में माल लेकर नहीं आते हैं जबकि मंडी में यदि किसान अपना माल बेचने लेकर जाता है तो भी इनकी कार्यप्रणाली के चलते किसान को ना तो वहां व्यापारी आकर बोली लगाते हैं और ना ही किसानों को कोई सुविधा मिल पाती है क्योंकि लंबे समय से जमे हुए मंडी सचिव का ऐसा मानना है कि वही सर्वस्व है और वह जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा उनकी कार्यप्रणाली के कारण ना तो यहां नियमित बोली लग पाती है और ना ही किसानों को मंडी से मिलने वाली शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल पा रहा है किसानों के इस हो रहे गंभीर शोषण में किसान की यही इच्छा है की मंडी में साल भर नियमित खरीदी हो मंडी के नियमों के अनुसार मंडी प्रांगण में होने वाली खरीदी को ही मंडी के अनुबंध पत्रक तौल पत्रक भुगतान पत्रक तैयार कर अनुज्ञप्ति प्रदान की जाए ताकि अनुचित रूप से व्यापार में संलग्न हो रहे लोगों के द्वारा हो रहे किसानों के गंभीर शोषण पर अंकुश लग सके और वर्तमान में कृषि उपज मंडी में हो रही अनियमितताओं की उच्चस्तरिय जाँच हो बंद मंडी में सारे दस्तावेज कैसे तैयार हुए है।

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