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अधिक दर पर उर्वरक का विक्रय किये जाने पर होगी कड़ी कार्यवाही

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जिले में किसानों को शासन द्वारा उर्वरक की निर्धारित दर पर उर्वरक मिले, यह सुनिनिश्चत करें- कलेक्टर श्री पुष्प

जिले में फसलों की बोनी और उर्वरकों के भंडारण व वितरण की प्रगति की समीक्षा बैठक संपन्न

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/कलेक्टर मनोज पुष्प द्वारा आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिले में फसलों की बोनी और उर्वरकों के भंडारण व वितरण की प्रगति की समीक्षा की गई तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पार्थ जैसवाल, अतिरिक्त कलेक्टर के.सी.बोपचे, सहायक कलेक्टर सुश्री वैशाली जैन व सुश्री तनुश्री मीणा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती ज्योति ठाकुर व सिध्दार्थ पटेल, आयुक्त नगरपालिक निगम राहुल सिंह राजपूत व उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में उपस्थित थे, जबकि सभी एसडीएम वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुये ।

बैठक में कलेक्टर श्री पुष्प ने फसलों की बोनी और उर्वरक का भंडारण, वितरण व उपलब्धता की जानकारी प्राप्त की तथा सभी एसडीएम को निर्देश दिये कि उर्वरक वितरण की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें और किसानों को सुविधापूर्वक उर्वरक उपलब्ध करायें । जिले की सहकारी समितियों, मार्कफेड गोदामों या निजी क्षेत्र जहां से भी किसान उर्वरक क्रय करना चाहे, उसे शासन द्वारा उर्वरक की निर्धारित दर 266.50 रूपये में ही उर्वरक मिले, यह सुनिनिश्चत करें और निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरक का विक्रय किये जाने पर संबंधित के विरूध्द कड़ी कार्यवाही करते हुये एफआईआर दर्ज करें । उन्होंने शासन द्वारा उर्वरक की निर्धारित दर का सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराने के साथ ही तरल उर्वरक, जैविक खाद व अन्य वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की समझाईश देने के निर्देश भी दिये ।

नगद उर्वरक प्राप्त करने के इच्छुक किसानों को अपनी देखरेख में उर्वरक उपलब्ध कराने के निर्देश जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक को दिये । उन्होंने जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता की जानकारी देने के साथ ही किसानों को यह समझाईश देने के लिये भी कहा कि आवश्यकता के अनुसार ही किसान उर्वरक का उपयोग करें जिससे उन्हें बेहतर उत्पादन मिल सके ।बैठक में उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि जिले में रबी सीजन में 40008 मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ है जिसमें से 30717 मेट्रिक टन यूरिया वितरित किया जा चुका है और 9291 मेट्रिक टन यूरिया शेष है । इसी प्रकार 14381 मेट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ है जिसमें से 9628 मेट्रिक टन डीएपी वितरित किया जा चुका है और 4753 मेट्रिक टन डीएपी शेष है, 10923 मेट्रिक टन एनपीके प्राप्त हुआ है जिसमें से 7430 मेट्रिक टन एनपीके वितरित किया जा चुका है और 3493 मेट्रिक टन एनपीके शेष है तथा 11874 मेट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट प्राप्त हुआ है जिसमें से 6011 मेट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट वितरित किया जा चुका है और 5796 मेट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट शेष है । उन्होंने बताया कि किसान अपने क्षेत्र की सेवा सहकारी समितियों, मार्कफेड के गोदाम व निजी क्षेत्रों से भी उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं। जिले को आवश्यकता के अनुसार उर्वरक की रैक लगातार प्राप्त हो रही है। किसानों द्वारा इस वर्ष पानी की उपलब्धता और मिट्टी परीक्षण की अनुशंसा के अनुसार ही संतुलित उर्वरकों का उपयोग किया गया है। इस वर्ष जिले में एन.पी.के. (कॉम्पलेक्स उर्वरक) उर्वरकों का उपयोग बढ़ा है जिससे मिट्टी में पोटाश व सल्फर तत्वों की पूर्ति हो सकेगी । डी.ए.पी. के स्थान पर भी एन.पी.के. का उपयोग किया जा रहा है जिससे खेती की लागत कम होने के साथ ही मृदा के स्वास्थ्य में सुधार होगा । जिले के किसानों से कृषि वैज्ञानिकों की अनुशंसा के अनुसार अनाज वाली फसलों में डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरकों का उपयोग कर कम लागत में अच्छे परिणाम प्राप्त करने की अपील की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में रबी फसलों की बोनी कार्य किसानों द्वारा तेजी से किया जा रहा है तथा लगभग 94.54 प्रतिशत हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बोनी हो चुकी है जिसमें मुख्य रूप से चना, मसूर, सरसों, मटर एवं गेहूं की बोनी की जा रही हैं।

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