प्राचार्य अधीक्षक बने रहना है तो सहमति देना होगा सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा।जनजातीय कार्य विभाग जिले के चार विकासखंड में आश्रम शालाओं सहित छात्रावास का संचालन करता है सतपुड़ा एक्सप्रेस की जांच पड़ताल में एक बात निकाल कर सामने आ रही है कि विभाग में आयुक की कार्यप्रणाली के चलते विभागीय व्यस्था चरमराती नजर आ रही है वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों विभाग के अधीक्षकों और प्राचार्य पर भोजन व्यवस्था के एकल टेंडर के लिए जबरन सहमति पत्र लिए जा रहे हैं आना-कानी करने पर पद से हटाने की बात की जा रही है।
प्रकरण क्रमांक 1
हाई स्कूल बिल्डिंग चिलक विकासखंड हर्रई की बात करे तो पिछले एक साल से शाला भवन का निर्माण कार्य ठप पड़ाहै विभाग द्वारा ठेकेदार को लगभग 70 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है सहायक आयुक्त द्वारा उक्त मामले में हीला हवाले करते हुए ठेकेदार को अभय दान दिया गया है आज दिनांक तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई मौके पर मुश्किल से 10 लाख रुपए का कार्य हुआ है।
प्रकरण क्रमांक 2
जिले की आश्रम शालाओं में लगे सोलर वॉटर हीटर सिस्टम की बात करें तो अधिकांश शालाओं में पिछले एक वर्षों से धूल खा रहे हैं कुछ जगहों पर इनकी फिटिंग हुई है तो वह भी चालू नहीं हुए हैं ठंड का मौसम आने को है वहीं दूसरी ओर ठेकेदार को लगभग 3.30 करोड़ का पूर्ण भुगतान हो जाने की खबर है।
प्रकरण क्रमांक 3
जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से जामई विकासखंड में ओ पी जोशी प्रधानाध्यापक को प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी जुन्नारदेव बना दिया गया है जबकि नियम है कि वरिष्ठ प्राचार्य को विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाना है, सहायक आयुक्त छिंदवाड़ा द्वारा नियमों को ताक पर रखकर ओ पी जोशी को प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाया गया है जिससे विकासखंड में पदस्थ सीनियर प्राचार्य को अपने से कनिष्ठ व्यक्ति के आदेशों का पालन करना पड़ेगा जोकि व्यवहारिक नहीं है आज दिनांक तक योग्य व्यक्ति को विकास खंड शिक्षा अधिकारी जुन्नारदेव नहीं बनाया गया।
प्रकरण क्रमांक 4
शिकायत पर नहीं होती कार्यवही विगत दोनों जमाई विकासखंड के एक जनप्रतिनिधि आशीष ठाकुर द्वारा 7 सितंबर 22 को निर्माण कार्य में हुई अनियमित व बिना कार्य के ही भुगतान की शिकायत सहायक आयुक्त के समक्ष की गई थी जो की करोड़ों रुपए की है फिर भी जिम्मेदारों पर आयुक्त द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
प्रकरण क्रमांक 5
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित मानसरोवर कांप्लेक्स के सामने छिंदवाड़ा स्थित नवीन बालक आश्रम में 4, और बालक आश्रम 5 एवं कन्या आश्रम कन्या शिक्षा परिसर में 3 शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से दर्ज संख्या पर नियमित शिक्षकों के अलावा शिक्षकों को अटैच कर कर रखा गया है ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश स्कूल शिक्षक विहीन है या एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रही है इसी प्रकार छिंदवाड़ा शहर स्थित कन्या शिक्षा परिसर में संचालित सभी आश्रम एवं छात्रावासों में नियमित कर्मचारियों के अलावा प्रतिनियुक्ति व अटैचमेंट में स्वीकृति संख्या के अतिरिक्त कार्य कर रहे। शिक्षक व कर्मचारी की जांच उचित कार्यवाही नहीं की जा रही है ।
प्रकरण क्रमांक 6
घाना उमरी संकुल की तत्कालीन प्राचार्य खान द्वारा 20 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितआ की शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा सहायक आयुक्त के समक्ष की गई थी आयुक्त द्वारा उच्च मामले में भी सिर्फ दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु बार-बार पत्र लिखकर मामले को टलता गया और अंततः उनका स्थानांतरण हो जाने पर उनके विरुद्ध एफ आई आर करने के आदेश भी बी ई ओ जुन्नारदेव को दिए गए हैं परंतु उनके द्वारा भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
प्रकरण क्रमांक 7
छात्रावास में घट रही लगातार अप्रिय घटनाएं भी आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सोचने को मजबूर करती है विगत दिनों परतापुर छात्रावास में रहने वाले छात्र पर धारदार हथियारों से हमला हुआ वही हर्रई विकासखंड के ही बटका खापा छात्रावास में एक छात्र के साथ भी हुई अमानवीय घटना चर्चाओं में रही उसके बाद अमरवाड़ा के सोनपुर छात्रावास के एक छात्र की अचानक मृत्यु हो जाना भी सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं