कोई कथा नहीं कराता, कथा शिव कृपा से होती है- पं. प्रदीप मिश्रा
छिन्दवाड़ा वासियों की मुक्त कंठ से सराहना की
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा: श्री सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर सिमरिया में जारी श्री शिव महापुराण कथा के द्वितीय दिवस पर आज अर्न्तराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता, भागवत भूषण पं. श्री प्रदीप मिश्रा ने नरसिंहपुराण आधारित सोलह सोमवार वृत्त कथा के महत्व से जुड़ी कथायें सुनाई। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से भगवान शिव की साधना और सेवा के मार्ग व भक्ति की शक्ति से शारीरिक व्याधियों से मुक्त होने के उपाय बतायें।
जारी कथा के मध्य व अंतराल में पं. प्रदीप मिश्रा ने यह बात दोहराई की प्रमुख यजमान श्री हनुमान जी महाराज और उनके आदेश से पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ व सांसद श्री नकुलनाथ की यजमानी में आयोजित यह पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा का आयोजन एक अदभुद संयोग है। पंड़ित जी ने बताया कि कमलनाथ जी मुझसे इंदौर में एक कथा कार्यक्रम में मिले थे और उन्होंने छिन्दवाड़ा में कथा के आयोजन के संदर्भ में कहा था तब मैंने उनसे यह प्रश्न पूछा कि आप तो राजनीति में व्यस्त रहते हो आप कथा कब सुनोंगे तब उन्होंने कहा था कि यह कार्यक्रम मेरे छिन्दवाड़ा वासी, मेरे म.प्र. और मेरे देशवासियों के लिये होगी और यह छिन्दवाड़ा वासियों का यह सौभाग्य है कि सावन माह में कथा की तिथि निर्धारित हुई और भादो माह में कथा का आयोजन सम्पन्न हो रहा है।
अपनी संगीतमय शिवपुराण कथा में पं. श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिव मंदिर शिवालय या अन्य देव स्थानों पर लगातार ईश्वर से अपने लिये गुहार लगाने का अर्थ पूजा नहीं हैं यदि आप सच्चे और नि: स्वार्थ भाव से किसी दुखी के चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं तो यह सबसे बड़ी पूजा है। यदि व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ और मोह को त्याग दें तो उसे शंकर प्राप्त हो जाते हैं। उन्होंने गुरू की गरिमा और गुरू का महत्व बताते हुये कहा कि भगवान शिव सबसे बड़े गुरू है और साधारण से साधारण मनुष्य भी उनका शिष्य है और जो भी व्यक्ति अशक्ति से दूर हो जाता है वह शिव तत्व पा लेता है।
छिन्दवाड़ा व अन्य समीपस्थ जिलों से उन्हें प्रेषित पत्रों को पढ़कर सुनाते हुये पंड़ित श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान शंकर की आराधना और उनके प्रति आस्था से सैकड़ों लोग कष्टों से मुक्त हुये हैं, इसीलिये कथा अवश्य सुननी चाहिये उन्होंने कहा कि मनुष्य को ईश्वर की पूजा अर्चना कर तत्काल फल की कामना करनी चाहिये। क्यूंकि महादेव भी पहले परीक्षा लेते हैं इसीलिये हमें भी प्रतिक्षा करनी चाहिये। प्रस्तुत कथा के माध्यम से उन्होंने सभी भक्तजनों से आव्हान किया कि वे जब भी किसी शिवालय या मंदिर में जायें तो मंदिर में रखे हुये ठंडे दीपक को एकत्र कर एक स्थान पर रख दें। भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर का प्रसाद ग्रहण करें और मंदिर परिसर में रखी खाली बाल्टी या गाघर में जल भर दें ताकि अन्य भक्त भी अपने देव को जल चढ़ा सकें।
पंड़ित श्री प्रदीप मिश्रा जी द्वारा जारी सोलह सोमवार व्रत कथा बखान के क्रम में कथा के तृतीय दिवस पर विभिन्न दृष्टांतो का वर्णन किया जायेगा। श्री मिश्रा ने व्यास पीठ से दूर दूर तक उपस्थित श्रद्धालुओं की शिव शक्ति की सराहना करते हुये कहा कि तीनों पंडालों के भरे होने के बाद भी लोग पंडाल के बहार और जिसे जहां स्थान मिला वे किथा श्रवण कर रहे हैं यह आपकी भक्ति का प्रतीक है। उन्होंने पुन: कहा कि जिले की जनता को श्री कमलनाथ व श्री नकुलनाथ को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिये कि उन्होंने छिन्दवाड़ा की पावन धरा पर यह अवसर उपलब्ध कराया। पंड़ित जी ने स्पष्ट कहा कि कोइ भी कथा नहीं करवा सकता, कथा तो भगवान शिव की कृपा से होती है और भगवान ने छिन्दवाड़ा वासियों और नाथ परिवार पर यह कृपा करी। कथा के द्वितीय दिवस के विराम पर उन्होंने भगवान महादेव से सभी के कल्याण की प्रार्थना की।
किसानों की निराशा, आशा में बदल गई:- कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सिमरिया धाम में आयोजित शिव महापुराण कथा स्थल से श्रद्धालु श्रोतागणों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जिले व प्रदेश के किसानों की निराशा अब आशा में बदल चुकी है, यह ईश्वर का प्रताप है। पंड़ित प्रदीप मिश्रा जी के पांव जैसे ही हमारे जिले की धरा पर पड़े अमृत तुल्य बारिश की बूंदें बरसने लगी और जो किसान एक पखवाड़े से आसमान की ओर टकटकी लगाये हुये थे उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। श्री नाथ ने कथा वाचक पं. मिश्रा जी को सम्बोधित करते हुये कहा कि मैं पुन: आपसे आग्रह कर रहा हूं कि आप छिन्दवाड़ा को गोद ले लें, ऐसा जिला आपको पूरे मप्र में नहीं मिलेगा। हमारी माताओ-बहनो और आस-पास की श्रद्धालुजनों के लिये आपको छिन्दवाड़ा आते रहना होगा।