सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश।जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पूर्व से निर्मित सड़कों पर नल-जल योजना (जल जीवन मिशन) का कार्य प्रगति पर है, किंतु यह कार्य निर्माण स्वीकृति के नियमों को दरकिनार करते हुए हो रहा है। कई स्थानों पर ठेकेदारों द्वारा बिना अनुमति के सड़कों को खुदकर पाइपलाइन बिछाई जा रही है, जिससे शोल्डर, कैरिजवे और सीसी रोड बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।संविदाकारों का कहना है कि उन्होंने इसकी लिखित शिकायत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण इकाई छिंदवाड़ा के महाप्रबंधक से की है, लेकिन आज तक सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है।
मध्यप्रदेश शासन के अवर सचिव द्वारा 4 मार्च 2025 को जारी पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि क्षतिग्रस्त सड़कों को पुनः यथावत किया जाए, किंतु इसका पालन नहीं हो रहा है।
भारी ट्रैफिक से क्षतिग्रस्त हो रहीं सड़कें
ठेकेदारों ने बताया कि लगभग 15 वर्ष पहले ग्रामीण सड़कों का निर्माण 8 टन भार क्षमता के अनुसार किया गया था, परंतु वर्तमान में कुछ सड़कों से 30 से 40 टन तक का भारी वाहनों का ट्रैफिक गुजर रहा है। कुछ स्थानों पर क्रेशर, रेत खदान और वेयरहाउस बन जाने से ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में OGPC और सील कोट की जगह 5 सेमी बीएम और बीसी जैसी मजबूती वाली परतें BOQ में शामिल की जानी चाहिए।
संधारण कार्य में भुगतान की देरी बनी समस्या
संविदाकारों का कहना है कि उन्हें पिछले 6 से 8 महीनों से संधारण कार्य का भुगतान नहीं मिला है, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। बिना भुगतान के कार्य जारी रखना मुश्किल होता जा रहा है।
फसल की सुरक्षा के नाम पर सड़क किनारे हो रहा अतिक्रमण
हर वर्ष बारिश के मौसम में किसानों द्वारा मक्का की फसल को बचाने के लिए सड़क किनारे फेंसिंग की जाती है, जिससे शोल्डर और सड़क पर अतिक्रमण हो जाता है। कुछ ग्रामीण यह दावा करते हैं कि सड़क उनकी जमीन पर बनी है और मुआवजा नहीं मिला है, जिससे विवाद की स्थिति बनती है।
ग्रामों में कचरा निस्तारण की कमी और रोड फर्नीचर चोरी चिंता का विषय स्वच्छ भारत मिशन के तहत अभियान चलाए जाने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क किनारे कचरा डाला जा रहा है, जिससे संधारण ग्रेडिंग में “0” अंक प्राप्त हो रहे हैं। संविदाकारों का अनुबंध केवल जंगल सफाई का है, जबकि कचरा सफाई की जिम्मेदारी पंचायत की है।साथ ही रोड फर्नीचर जैसे स्टील बोर्ड की चोरी भी बड़ी समस्या बनी हुई है। कई संविदाकारों ने थानों में एफआईआर दर्ज कराई है, फिर भी चोरी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं, जिससे निरीक्षण के समय ग्रेडिंग खराब हो रही है।
—संविदाकारों की मांगें
1. नल-जल योजना के कार्य के लिए सड़क खुदाई की पूर्व अनुमति अनिवार्य हो।2. क्षतिग्रस्त सड़कों को शीघ्र मरम्मत किया जाए।3. ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखते हुए BOQ में संशोधन किया जाए।4. संधारण कार्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जाए।5. अतिक्रमण और सड़क खुदाई पर निगरानी बढ़ाई जाए।6. ग्राम पंचायतों को कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी दी जाए।7. रोड फर्नीचर की चोरी रोकने के लिए ठोस कार्यवाही की जाए।संविदाकारों ने शासन और प्रशासन से उक्त समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की है ताकि विकास कार्य सुचारु रूप से जारी रह सके।