छात्रवृत्ति वितरण और परीक्षा में हो रही देरी के कारण दर्जनों छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधेरे में
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा –पैरामेडिकल नर्सिंग छात्र छात्राओं ने छिन्दवाड़ा मेडिकल कालेज में जमकर हंगामा किया उन्होंने डीएम से सैकड़ों की संख्या में एक साथ मुलाकात कर छात्रवृत्ति सहित परीक्षा कराए जाने की मांग की ।
छात्रवृत्ति वितरण और परीक्षा में हो रही देरी के कारण दर्जनों छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधेरे में आ गया है। लापरवाही का आलम यह है कि 2020-21 में शुरू होने वाला पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्र छात्राओं का सत्र लेटलतीफी के कारण देरी से शुरू हो पाया है। इससे छात्रों के 2 वर्ष बर्बाद हो गए और उनकी पढ़ाई नहीं हो पाई, और छत्रवृत्ति भी नहीं मिली एवं परीक्षाएं भी नहीं हुई है।
वहीं दूसरी ओर छात्राओं का कहना था कि हमारे समतुल्य कोर्सों की सत्र 20-21 की परीक्षाएं प्रदेश के सभी कॉलेजों में हो चुकी है उन्होंने डीन से छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज की पैरामेडिकल कोर्स के छात्र-छात्राओं की परीक्षा शीघ्र कराए जाने की मांग की।
विगत दिनों छात्रवृत्ति मामले को लेकर छात्र छात्राओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है। इधर प्रबंधन का कहना है की 2020-21 का छात्रवृत्ति पोर्टल बहुत पहले ही बंद हो चुका है और आपका बैच 2020-21 का है इसलिए अब आपको छात्रवृत्ति नहीं दी जा सकती ।छात्राओं ने बताया कि एक साल की फीस करीब 80000 रुपये होती है और उन्होंने छात्रवृत्ति के सहारे ही कॉलेज में प्रवेश लिया था लेकिन शासन की लेटलतीफी के कारण समय पर वह बैच स्टार्ट नहीं हो पाया, तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। अब हमसे कहा जा रहा है कि क्योकि उस वर्ष का पोर्टल बंद हो चुका है इसलिए उन छात्राओं को अब छात्रवृत्ति प्रदान करना संभव नहीं है ।छात्राओं का सवाल है कि शासन की लापरवाही या गलत नीति के कारण यदि कॉलेज का सत्र आरंभ नहीं हो पाया तो इसकी सजा छात्राओं को क्यों दी जा रही है । उनका कहना है कि बिना छात्रवृत्ति के हम लोगों का पढ़ाई किया जाना संभव नहीं है । सरकार छात्राओं की मदद करने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है फिर आखिर हमारे साथ ये अन्याय क्यों हो रहा है।
वही इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो गिरीश रामटेके का कहना है कि छात्रवृत्ति के लिए जिला प्रशासन और हमारे द्वारा भोपाल पत्राचार किया जा रहा है शीघ्र ही छात्राओं को उनकी छात्रवृत्ति मिल जाएगी और पैरामेडिकल कोर्स की परीक्षाओं की कार्रवाई मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा कराई जाती है उन्हें भी इस बारे में 15 /16 बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है कोर्ट में केस के कारण कुछ देरिया हो रही है शीघ्र ही समस्या का हल निकाला जाएगा।