Home MORE लोकतंत्र की रक्षा के लिये हर लड़ाई लडऩे को तैयार-कांग्रेस

लोकतंत्र की रक्षा के लिये हर लड़ाई लडऩे को तैयार-कांग्रेस

राजीव भवन में हुई पत्रकारवार्ता

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा:कांग्रेस ने भारतवर्ष की आजादी का सपना देखा और उसे साकार करने के लिये निरंतर अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी तब देश आजाद हुआ और आज हम स्वतंत्र व धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के नागरिक है। कांग्रेस ने पहले गोरो से संघर्ष कर देश को आजाद कराया, अब चोरों से लड़कर लोकतंत्र की रक्षा करेगी और जीतेगी।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने परम मित्र अडानी को बचाने के लिये लोकतंत्र की भी परवाह नहीं कर रहे हैं।देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तानाशाह हो चुके हैं, वे अपने घोटालेबाज मित्र गौतम अडानी को बचाने के लिये लोकतंत्र का गला घोंटने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता श्री राहुल गांधी ने संसद में अडानी महाघोटाले पर दो सीधे सवाल दागे तो देश के प्रधानमंत्री से लेकर पूरी भाजपा बौखला गई, क्योंकि अडानी प्रधानमंत्री जी के परम मित्र है। श्री राहुल गांधी के सवालों से छटपटाई भाजपा ने षड्यंत्र रचकर उनकी संसद की सदस्यता समाप्त करवा दी, किन्तु कांग्रेस प्रत्येक विषम परिस्थितियों में लोकतंत्र की रक्षा और महाघोटाले में शामिल देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ निरंतर संघर्ष करेगी और जीतेगी भी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता श्री राहुल गांधी ने संसद में महाघोटाले पर दो सवाल पूछे जिसके बाद से ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घबराये हुये हैं।

1. श्री राहुल गांधी ने संसद में पूछा कि क्या अडानी की शेल कंपनियों में रू. 20, 000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर है? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है ? ये किसकी शेल कंपनियां है? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही है। कोई भी क्या यह नहीं जानता कि यह पैसा कहां से आया और किसका है, इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है वह चीनी नागरिक कौन है यह सवाल कोई क्यों नहीं पूछ रहा है।

2. कांग्रेस नेता श्री गांधी ने अगला सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है ? उन्होंने श्री अडानी के विमान में आराम करते हुये पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों, श्रीलंका में दिये गये बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिये गये बयानों, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) चेयरमैन के साथ बैठे श्री नरेन्द्र मोदी और श्री अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर 1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था उससे जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत किये।

– अडानी के महाघोटाले पर संसद में श्री राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद उनके खिलाफ मानहानि का मामला फिर से शुरू हो गया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खडग़े के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और श्री राहुल गांधी के भाषण के अंश लगभग पूरी तरह से संसद के रिकॉर्ड से हटा दिये गये, आखिर भाषण हटाने की आवश्यकता क्यों पड़ी।-संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही है और इसे कम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिये एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि कांग्रेस संयुक्त रूप से इस मामले पर (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है।

-श्री राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोकसभा अध्यक्ष महोदय को राहुल जी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इस के बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीडिया की भी तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष जी ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से भी इनकार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्तों का पर्दाफाश हो।

बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद तीन हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है-

भाजपा ने सबसे पहले, दावा किया कि श्री राहुल गांधी ने “विदेशी” ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिये कहा। ये एक सफेद झूठ है। अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये “भारत का अंदरूनी मामला है, इम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।

दूसरा- भाजपा अब झूठ का पहाड़ खड़ा कर रही है कि श्री राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिये निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था। ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा, जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिये “भारत जोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है ?

तीसरा- सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत में फैसले के 24 घंटे के भीतर-भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिये “बिजली की गति ” से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिये 30 दिन का समय दिया था। भाजपा श्री राहुल गांधी से इतना डरती है क्यों ?

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है।

सबसे पहले, श्री राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेन्द्र मोदी) क्यों है- उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि “सारे मोदी चोर है” उन्होंने किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। न तो नीरव मोदी और ना ही ललित मोदी ओबीसी है और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है?

कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री है इससे यह भी साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है।

-श्री राहुल गांधी और कांग्रेस नहीं डरेगी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सीधे लोगों के पास गये और उनकी चिंताओं को सुना-महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और संस्थानों पर कब्जा, इन सब मुद्दों को उठाया आगे भी कांग्रेस आम लोगों की समस्याओं को उठाते रहेगी और अपना संदेश सीधे जनता तक पहुंचायेगी।

-आपराधिक मानहानि के लिये अधिकतम दो साल की सजा आज तक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तरप्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के लिये दोषी ठहराया गया था लेकिन उन्हें केवल 1 साल की सजा सुनाई गई।

आयोजित पत्रकार वार्ता के अंत में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद जी को या तो राजद्रोह के मामले में अंग्रेजों ने सजा सुनाई। अंतत: कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिये श्री राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी।

आयोजित वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, नगर पालिक निगम महापौर विक्रम अहाके, शहर कांग्रेस समन्वयक आनंद बक्षी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज शुक्ला, नगर पालिक निगम अध्यक्ष सोनू मागो, युवक कांग्रेस अध्यक्ष एकलव्य यहके सहित कांग्रेस के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

प्रकरण की समय सीमा-

13 अप्रैल 2019- कर्नाटक के कोलार में चुनावी भाषण देते हैं श्री राहुल गांधी।

16 अप्रैल 2019- बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई।

7 मार्च 2022- शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात उच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की, हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।

7 फरवरी 2023- श्री राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुये भाषण दिया।

16 फरवरी 2023 शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में रहने के अपने अनुरोध को वापस ले लिया।

27 फरवरी 2023 को निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू।

23 मार्च 2023- ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई।

24 मार्च 2023-लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता रद्द की।