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छिंदवाड़ा और भोपाल के बीच लटकी पांढुर्णा जिला कांग्रेस को मजबूत करने की कवायद

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आईसीसी के पर्यवेक्षक और असम के पूर्व सांसद अब्दुल खालिक का दौरा सुर्खियों में, संगठन सृजन अभियान की शुरुआत

सतपुड़ा एक्सप्रेस पांढुर्णा :– पांढुर्णा जिला कांग्रेस को ताकतवर और स्वतंत्र बनाए जाने की मुहिम कांग्रेस के दिल्ली नेतृत्व के निर्देश पर शुरू हो चुकी है। छिंदवाड़ा से अलग होकर पांढुर्णा दो साल पहले जिला बन चुका हो और अलग अस्तित्व में आ चुका है , लेकिन आज भी यह बाहरी शक्तियों के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाया है। आज बात करते हैं गुवाहाटी असम के पूर्व सांसद को दो बार विधायक रहे अब्दुल खालिक के पांढुर्णा दौरे की , अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक के रूप मे संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत अ. खालिक मध्यप्रदेश में सबसे पहले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने और प्रेस वार्ता लेने के लिए पांढुर्णा कांग्रेस जिला कार्यालय पहुंचे। रविवार को उन्होंने नांदनवाड़ी कांग्रेस कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक ली। अ. खालिक के इस अभियान की शुरुआत पूरे प्रदेश में सिर्फ पांढुर्णा जिले से करना कोई सामान्य घटना नजर नहीं आ रही है। इस दौरे से कितने सकारात्मक परिणाम पांढुर्णा कांग्रेस में आते है यह तो आने वाला समय बताएगा।

पूर्व सांसद अब्दुल खालिक ने बताया कि सबसे पहले पांढुर्णा में ही इस अभियान की शुरुआत हुई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के भोपाल दौरे में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के संगठन को मजबूत बनाने सहित आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। साथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस से गुटबाजी को समाप्त करने और आपसी खींचतान को दूर करने के उद्देश्य से जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी की जिला इकाई सहित अन्य प्रकोष्ठों को मजबूत करने हेतु ” संगठन सृजन अभियान ” कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में शुरू किया गया है। सामान्य रूप से दिखने वाला ये अभियान कई मायने में ऐतिहासिक नजर आ रहा है । जिसमें कांग्रेस जिला इकाई को पावरफुल करने और संगठन को मजबूत करने की दिशा में कठोर कदम उठाए जाने के संकेत मिल रहे हैं। उद्देश्य यही है कि जिला कांग्रेस को मजबूत करके जमीनी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देना है। जो गुटबाजी से दूर रहकर श्रेत्र और प्रदेश में कांग्रेस की हालत बदलेंगे।

कहां से चलेगा पांढुर्णा :- पिछले 40 सालों से पांढुर्णा कांग्रेस छिंदवाड़ा के अधीन ही काम करती आ रही है। वर्तमान में भी पांढुर्णा कांग्रेस के सभी निर्णय छिंदवाड़ा से हो रहे है। अबतक छिंदवाड़ा में शामिल रहे पांढुर्णा की कांग्रेस वास्तव में केंद्रीय नेतृत्व की मंशानुसार मजबूत या खड़ी करना इतना आसान नजर नहीं आ रहा है। पांढुर्णा कांग्रेस का नीति निर्धारक फैसला पांढुर्णा जिला मुख्यालय या भोपाल प्रदेश मुख्यालय की जगह छिंदवाड़ा में बैठकर लिया जाता रहा है। जिस पर बाद में भोपाल से सिर्फ मुहर लगती आ रही है। लेकिन क्या वास्तव में पांढुर्णा कांग्रेस स्वतंत्र होने जा रही है, क्योंकि भोपाल दौर में राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा है कि अब सभी जिला कांग्रेस कमेटीया जमीनी स्तर पर पावरफुल होगी। जो टिकट वितरण से लेकर संगठन का हर निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होगी। लेकिन संगठन की दृष्टि से अब तक पांढुर्णा कांग्रेस के टीवी के दो रिमोट नजर आ रहे हैं, जिनमें से एक शिकारपुर छिंदवाड़ा में है तो दूसरा भोपाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में। परंतु पांढुर्णा की टीवी अबतक नजदीकी छिंदवाड़ा के ही रिमोट से चलती आ रही है, और भोपाल का रिमोट दूर होने के कारण कवरेज नहीं दे पता था। लेकिन सूत्रों के अनुसार अब पांढुर्णा की टीवी का रिमोट पांढुर्ना में ही दिया जा रहा है, जो सीधे रूप से 40 साल की परंपरा को चुनौती मानी जा रही है। आज नहीं तो कल पांढुर्णा कांग्रेस अपने स्वतंत्र निर्णय लेगा ही, शायद इसकी शुरुआत 2 साल में ही हो चुकी है। आनेवाले कांग्रेस के संगठन चुनाव भी निश्चित रूप से सुर्खियों में रहेंगे।

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