लेकिन अबतक नहीं हुई जांच और कार्यवाही
सतपुड़ा एक्सप्रेस पांढुर्णा :- भले ही किसी स्कूल या कॉलेज के सामने पीएम श्री लगाओ इससे भवन निर्माण में लगे ठेकेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ता। जहां पीएम श्री घोषित स्कूल और कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर प्रयास कर रहे हैं, वहीं उनकी इस मुहिम में कुछ ठेकेदार पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। शासकीय पीएम श्री विज्ञान महाविद्यालय अमरावती रोड परिसर में महाविद्यालय के नए दो प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य पीआईयू छिंदवाड़ा द्वारा कराया रहा है। जिसमें दो अलग अलग ठेकेदारों द्वारा कॉलेज के दो पृथक भवन बनाए जा रहे है। ये दोनों ही बन रहे भवन वर्तमान में मौजूद मुख्य महाविद्यालय भवन से लगकर ही बन रहे है। निर्माणाधीन नए भवनों का कार्य घोड़ाडोंगरी और खंडवा के ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। निर्माण के शुरुआती दौर से ही गुणवत्ता और मनमानी को लेकर ठेकेदारों की लापरवाही सामने आ रही है।

दो में से बड़ा भवन जो सिंगल फ्लोर का है, उसे ठेकेदार द्वारा आनन फानन में प्लास्टर और पुताई करके भवन की खामियों को छुपाने का प्रयास कर रहा है। यदि अभी तुरंत जांच हो जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।

पिछले साल शुरू हुए इस महाविद्यालय भवन निर्माण का कार्य शुरुआती दौर से ही चर्चाओं में है। सामान्यरूप से निर्माणाधीन भवन में कई कमियां स्पष्ट नजर आ रही है। जहां बन रहे दो मंजिला भवन के फाउंडेशन और कॉलम इन दिनों चर्चाओं में है। वहीं दूसरे एक मंजिला निर्माणाधीन भवन की छत और साइड की दिवाल से पानी निर्माणाधीन भवन में टपक रहा है। भवन की छत में कई जगह मरम्मत करने के निशान साफ दिख रहे है। भवन के कॉलम में भी कई जगह कमियां नजर आ रही है। दिवाल की जुड़ाई में मनमानी दिख रही है जहां कई जगह गैप दिख रही है और जुड़ाई में एक रुपता की कमी स्पष्ट दिख रही है। इस संबंध में निर्माण स्थल पर मौजूद ठेकेदार के कर्मचारियों से पूछा गया तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये। वही महाविद्यालय प्रबंधन भी इस मामले में खुलकर कुछ कहना नहीं चाहता है लेकिन इस नव निर्मित भवन में जो खेल हो रहा है, उससे वह भी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं।

शिकायत के बावजूद कार्यवाही नहीं :- महाविद्यालय के बन रहे भवन में ठेकेदार खुलेआम मनमानी कर रहा है। पीएम श्री शासकीय विज्ञान महाविद्यालय की निर्माणाधीन भवन में हो रही लापरवाही और गुणवत्ता को लेकर स्वयं महाविद्यालय प्रबंधन ने जिला कलेक्टर पांढुर्णा को खामियों के संबंध में पत्र पूर्व में लिखा है। लेकिन अब तक इस शिकायती पत्र पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही निर्माण कार्य की कोई विधिवत जांच किसी वरिष्ठ अधि कारी या निष्पक्ष एजेंसी से होने की जानकारी नहीं मिल पाई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के निर्माणाधीन भवन के ठेकेदार कितनी ऊंची पहुंच वाले है। लेकिन नए पांढुर्णा जिले में इस कदर मनमानी स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके पूर्व विज्ञान महाविद्यालय के वर्तमान भवन के निर्माण के समय भी घोर लापरवाहीया बरती गई थी, जिसका खामियाजा आज भी पुराना भवन भुगत रहा है। यदि समय रहते इस करोड़ों रुपए के निर्माणाधीन भवन की उचित जांच और कार्यवाही नहीं हुई तो कुछ दिनों बाद इस भवन की हालत भी पहली बिल्डिंग जैसे हो जाएगी। नए जिले के इस महत्वाकांक्षी महाविद्यालय भवन से क्षेत्र के लोगों को काफी उम्मीद है, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही ना होने से निश्चित ही चहूं ओर निराशा का वातावरण है।

इनका कहना है :- महाविद्यालय भवन निर्माणाधीन भवन अभी निर्माणाधीन है जो हमे हैंडओवर नहीं हुआ है। भवन के निर्माण का निरीक्षण कई बार स्टाफ और जनभागीदारी समिति द्वारा किया गया। जिसमें कुछ कमियां नजर आने पर महाविद्यालय ने कलेक्टर पांढुर्णा को पत्र लिखा है।
हेमंत कस्तूरे – अध्यक्ष जनभागीदारी समिति , पीएम श्री विज्ञान महाविद्यालय पांढुर्णा