सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ कृषि विज्ञान केंद्र छिंदवाड़ा ने गन्ने की नई किस्म COVSI 18121 के प्रदर्शन के साथ किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक नई शुरुआत की है। यह किस्म वसंत दादा शुगर इंस्टिट्यूट कोयंबटूर द्वारा विकसित की गई है और इसे महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना गया है। इस प्रदर्शन इकाई की स्थापना कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन और कृषि उप संचालक जितेंद्र कुमार सिंह एवं उद्यानिकी कॉलेज के डीन डॉ.आर.सी. शर्मा के सहयोग से की गई है।
COVSI 18121 की विशेषताएं- केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. डी.सी.श्रीवास्तव ने बताया कि यह गन्ने की अब तक की सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाली किस्म है। इसकी मुख्य विशेषता उत्पादन क्षमता औसत उपज 155-160 टन प्रति हेक्टेयर है, गन्ने की औसत ऊंचाई 16-18 फीट और वजन 2.75 से 3 किलोग्राम, सभी प्रकार के रोगों के प्रति प्रतिरोधक है, इसमें शुगर कंटेंट अन्य किस्मों की तुलना में अधिक शुगर मात्रा है, गन्ने की मोटाई एक समान और कल्लों की अधिकतम संख्या है एवं पत्तियों और फसल का बेहतर विकास होता है।
किसानों के लिए एक लाभदायक अवसर- प्रदर्शन इकाई की प्रभारी श्रीमती चंचल भार्गव ने बताया कि यह जिले में इस किस्म का पहला प्रदर्शन है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को अधिकतम उत्पादन के लिए प्रेरित करना और उन्हें उन्नत किस्मों से जोड़ना है। उन्होंने बताया कि यदि किसान पोषण प्रबंधन और खरपतवार नियंत्रण का सही तरीके से पालन करें, तो वे गन्ने की इस किस्म से अधिकतम लाभ कमा सकते हैं।
उपलब्धता और मूल्य निर्धारण- केंद्र ने इस गन्ने की बिक्री के लिए 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की है। इसके अलावा, गन्ने के रोप भी तैयार किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक इस किस्म को पहुंचाया जा सके। चूंकि यह गन्ना लगाने का उचित समय है, किसान इसे अपने खेतों पर प्रयोग कर सकते हैं।किसानों की आय दोगुनी करने की पहल- यह गन्ने की किस्म अपने उच्च उत्पादन और बेहतर शुगर कंटेंट के कारण किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक होगी। किसानों को जागरूक करने और उन्हें तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए केंद्र विशेष प्रयास कर रहा है।
सराहना और भविष्य की संभावनाएं- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु और संचालक विस्तार सेवाओं ने इस प्रदर्शन इकाई का निरीक्षण कर इसे अत्यधिक सराहा। उन्होंने इसे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया। कृषि विज्ञान केंद्र छिंदवाड़ा की यह पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
गन्ने की COVSI 18121 किस्म न केवल अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है, बल्कि किसानों के लिए आय के नए द्वार भी खोलती है। यह नवाचार क्षेत्र में कृषि के विकास की नई दिशा स्थापित करने के साथ ही कृषि में तकनीकी उन्नति का प्रतीक बन गया है।