सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा/ / कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने चिकित्सीय सेवाओं में लापरवाही, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना और महिलाओं की डिलीवरी के एवज में धमकाकर पैसे की मांग किए जाने की शिकायत पर नर्सिंग ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओझलढाना, विकासखंड हर्रई सुश्री सीमा साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में सुश्री साहू का मुख्यालय सिविल अस्पताल तामिया नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि एसडीएम अमरवाड़ा द्वारा पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि बीएमओ हर्रई के पत्र 24 अगस्त 2024 के माध्यम से नर्सिंग ऑफिसर सिविल अस्पताल सुश्री साहू को तहसील हर्रई के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओझलढाना में चिकित्सीय सेवाएं देने के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन उनके द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओझलढाना में उपस्थिति नहीं दी गई। जिसके कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस कृत्य के लिए एसडीएम अमरवाड़ा द्वारा सुश्री साहू के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। सीएमएचओ छिंदवाड़ा द्वारा भी इस संबंध में अवगत कराते हुए सुश्री साहू को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ज्वाइन नहीं किए जाने पर सूचना पत्र आहूत करने और सुश्री साहू के उसका विधिवत जवाब न देने व कार्य से निरंतर अनुपस्थित रहने का लेख किया गया है।
सरपंच/सचिव ग्राम पंचायत धनौरा द्वारा भी अपने पत्र के माध्यम से सुश्री साहू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धनौरा में पदस्थ रहने के दौरान ग्रामीण महिलाओं की डिलेवरी के एवज में धमकाकर पैसों की मांग किए जाने एवं नहीं मिलने पर पेशेंट को रेफर किए जाने एवं उपचार से मना किए जाने की शिकायत की गई है। बीएमओ हर्रई द्वारा भी पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक दिनांक 14 नवंबर 2024 में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद भी सुश्री साहू द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओझलढाना में उपस्थित होकर चिकित्सीय सेवाएं नहीं दी जा रही हैं।
सुश्री साहू का यह कृत्य वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना की श्रेणी में आकर शासकीय कार्यों में प्रति घोर लापरवाही एवं शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता का द्योतक होने के साथ ही म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम- 1965 के विपरीत कदाचरण की श्रेणी में आने पर मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर द्वारा सुश्री साहू को म. प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत निलंबित किया गया है।
शासकीय कार्यों में लापरवाही एवं वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने पर एएनएम उपस्वास्थ्य केंद्र लिखावाडी निलंबित
छिन्दवाड़ा// शासकीय कार्यों में लापरवाही एवं वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने शासन द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत जिले के विकासखंड परासिया के उप स्वास्थ्य केन्द्र लिखावाडी की एएनएम श्रीमती राधा मालवी को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में एएनएम श्रीमती राधा मालवी का मुख्यालय सिविल अस्पताल परासिया में नियत किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देयहोगा ।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल परासिया द्वारा अपने पत्र दिनांक 18 नवंबर 2024 के माध्यम से सूचित किया गया है कि दिनांक 11 नवंबर 2024 को जिला डीसीएम द्वारा उप-स्वास्थ्य केन्द्र लिखावाडी के अंतर्गत ग्राम दरबई में विजिट के दौरान पाया गया कि गर्भवती महिला का एएनसी का पंजीयन एएनएमश्रीमती राधा मालवी द्वारा नहीं किया गया है। साथ ही विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक एवं प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी परासिया द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए गये निर्देशों के बावजूद भी एएनएम श्रीमती मालवीय द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रमों के कार्यों में कोई रूचि नहीं ला जा रही है।
एएनएम श्रीमती मालवी का यह कृत्य वरिष्ठ अधिकारियों के दिए गये निर्देशों की अवेहलना की श्रेणी में आकर शासकीय कार्यों के प्रति गंभीर लापरवाही एवं शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता का द्योतक होने के साथ ही म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के उपनियम- (1) (एक) (तीन) के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आने पर उन्हें निलंबित किया गया है।
एक प्राथमिक शिक्षक की अंसचयी प्रभाव से रोकी गई दो वेतन वृध्दि
छिन्दवाड़ा/ विकासखंड शिक्षा अधिकारी अमरवाड़ा द्वारा पत्र दिनांक 08 नवंबर 2024 के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक श्री लक्ष्मी प्रसाद उइके, एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया, संकुल केन्द्र शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरवाड़ा के विरूद्ध ग्रामवासियों एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त हो रही शिकायतों का जांच प्रतिवेदन अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा सहित प्रेषित किया गया। शासकीय सेवक के लिए निर्धारित सन्निष्ठा तथा कर्तव्य परायणता के प्रतिकूल होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसीलिये जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा श्री जी.एस.बघेल द्वारा एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया के प्राथमिक शिक्षक श्री लक्ष्मी प्रसाद उईके द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 में दिये गये प्रावधानों के तहत आगामी दो वेतन वृद्धि अंसचयी प्रभाव से रोकी गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री बघेल ने बताया कि जांच प्रतिवेदन अनुसार 09 सितंबर 2024 को विकासखंड स्त्रोत समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र अमरवाड़ा एवं विकास खंड अकादमिक समन्वयक, जनपद शिक्षा केन्द्र अमरवाड़ा के द्वारा संयुक्त रूप से एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया, संकुल-शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरवाड़ा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शाला में पाई गई कमियों के संबंध में शाला प्रभारी श्री लक्ष्मी प्रसाद उइके को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। प्राथमिक शिक्षक श्री उइके द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र के प्रस्तुत प्रतिउत्तर में उन पर लगे आरोपो से इनकार किया गया। प्रस्तुत प्रतिउत्तर समाधानकारक नहीं होने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी अमरवाडा के द्वारा इन बिन्दुओं की सूक्ष्मता पूर्वक पुनः जांच के लिये तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच कराई गई। जांच दल द्वारा 22 अक्टूबर 2024 को एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया में उपस्थित होकर शिकायत की बिन्दुवार जांच की गई।
जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार कक्षा 8वी में जांच दिनांक तक सामाजिक विज्ञान, हिंदी एवं संस्कृत विषय में किसी भी प्रकार का कोई अध्यापन कार्य नहीं कराया जाना पाया गया। नेशनल अचीवमेंट सर्वे की साप्ताहिक गतिविधि संचालित नहीं पाई गई। एफएलएन के अंतर्गत भी कोई गतिविधि संचालित नहीं पाई गई, शाला का शैक्षणिक स्तर अत्यंत कमजोर पाया गया, कक्षा 8वी में 09 सितंबर 2024 तक विज्ञान विषय का अध्यापन केवल 02-अध्याय एवं गणित विषय का अध्यापन केवल 01-अध्याय तक ही कराया जाना पाया गया, जांच में शाला की शैक्षणिक गतिविधियां अत्यंत गंभीर एवं चिंताजनक स्थिति में पाई गई। बी.आर.सी. अमरवाड़ा द्वारा निर्देशित किये जाने के बाद भी शाला का प्रभार जांच दिनांक तक श्री लक्ष्मीप्रसाद उइके द्वारा वरिष्ठ शिक्षक को नहीं सौंपा गया। प्राथमिक शिक्षक श्री लक्ष्मी प्रसाद उइके का यह कृत्य म.प्र.सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के तहत शासकीय सेवक के लिए निर्धारित सन्निष्ठा तथा कर्तव्य परायणता के प्रतिकूल होकर कदाचरण की श्रेणी में आने पर जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा श्री बघेल द्वारा उनकी आगामी दो वेतन वृद्धि अंसचयी प्रभाव से रोकी गई है।