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महाशिवरात्रि पूजन,विधि,शुभ मुहूर्त आज विशेष उपाय करने से होगा काल सर्प दोष का निवारण

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सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा-फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था.ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास भी मानी जा रही है आज शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में होगा इसलिए कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे.ज्योतिषविद ने इसे बड़ा ही दुर्लभ संयोग माना है तिथितत्त्व के अनुसार शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि पर उपवास की प्रधानता तथा प्रमुखता है क्योंकि भगवान् शंकर ने खुद कहा है – “न स्नानेन न वस्त्रेण न धूपेन न चार्चया। तुष्यामि न तथा पुष्पैर्यथा तत्रोपवासतः।।” ‘मैं उस तिथि पर न तो स्नान, न वस्त्रों, न धूप, न पूजा, न पुष्पों से उतना प्रसन्न होता हूँ, जितना उपवास से प्रसन्न होते हूं।

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा. महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है. निशिता काल का समय – 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक प्रथम पहर पूजा समय – 18 फरवरी, शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 09 बजकर 46 मिनट तक द्वितीय पहर पूजा समय – रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक तृतीय पहर पूजा समय – 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक चतुर्थ पहर पूजा समय -19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक होगी।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को क्या करे क्या चढ़ाएं और क्या न चढ़ाएं

ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें,शिव जी को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं. शंकर भगवान को भांग बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं,पंचान्म्रत चढ़ाए, धतुरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें,इससे जीवन में सुख बढ़ता है,जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं इससे मन की अशांति दूर होती है महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं. शिवजी की पूजा में केतकी और चंपा फूल ना चढ़ाएं. शिवजी को टूटे चावल भी अर्पित न करें.

कालसर्प दोष निवारण

पुराणों के अनुसार शिवजी की पूजा विशेष विधि और विशेष समय पर करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है इस बार महाशिवरात्रि शनिवार को है ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों कालसर्प दोष है यदि वे कुछ विशेष उपाय करें तो इस दोष से होने वाली परेशानियों राहत मिलेंगी कालसर्प दोष का निवारण होता है ज्योतिष के अनुसार,जिन लोगों को कालसर्प दोष है,वे आज के दिन कुछ विशेष उपाए करें तो इस दोष से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है।
➡ कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है,इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाए हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप महाशिवरात्रि पर उपाए कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाए इस प्रकार हैं-
1.अनन्त कालसर्प दोष
-अनन्त कालसर्प दोष होने पर शिवरात्रि पर एकमुखी,आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
-यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है,तो महाशिवरात्रि पर रांगे(एक धातु)से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।
2.कुलिक कालसर्प दोष
-कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
-चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
3. वासुकि कालसर्प दोष
– वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
– महाशिवरात्रि पर लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
4. शंखपाल कालसर्प दोष
– शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबुत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।
– महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
5. पद्म कालसर्प दोष
– पद्म कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
– जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
6. महापद्म कालसर्प दोष
– महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
– महाशिवरात्रि पर गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
7. तक्षक कालसर्प दोष
– तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
– सफेद कपड़े और चावल का दान करें।
8. कर्कोटक कालसर्प दोष
– कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।
– महाशिवरात्रि पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
9. शंखचूड़ कालसर्प दोष
– शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए महाशिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
– पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
10. घातक कालसर्प दोष
– घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
– चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
11. विषधर कालसर्प दोष
– विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
– महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
12. शेषनाग कालसर्प दोष
– शेषनाग कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।
– महाशिवरात्रि पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करे।
पुराणों के अनुसार पूर्ण श्रद्धा भाव और प्रसन्न चित्त मन से किया गया कार्य अवश्य फलदाई होता है ओम नमः शिवाय।

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