सतपुड़ा एक्सप्रेस छिंदवाड़ा: आर्थिक रूप से समृध्द होने और आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि से वर्तमान में स्व-रोजगार योजनायें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । इसी तारतम्य में मत्स्योद्योग विभाग के माध्यम से संचालित नीलक्रांति योजना जिले के विकासखंड जुन्नारदेव के ग्राम दातलावाड़ी के श्री असलम खान पिता श्री गफ्फार खान के लिये वरदान साबित हुई है। इस योजना से उन्होंने हैचरी निर्माण कर मत्स्य पालन का कार्य शुरू किया और विगत 3 वर्षो में लगभग 9 लाख रूपये से अधिक की आय प्राप्त कर आर्थिक रूप से समृध्द होने के साथ ही निरंतर आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं । इस योजना से लाभान्वित होने पर वे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, जिला प्रशासन और मत्स्योद्योग विभाग के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है । ग्राम दातलावाड़ी के श्री असलम खान का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। उनके पिता उस वक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और उन्होंने उस समय खेत के बाजू में एक छोटे नाले को बांधकर मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य शुरू किया जिससे कुछ आय प्राप्त हो जाती थी।इसके बाद उन्होंने मेरे खेत में ही एक छोटी नर्सरी का निर्माण कराया उसमें मत्स्य बीज फ्राई का उत्पादन प्रारम्भ किया । इस प्रकार उनके पिता द्वारा मत्स्य बीज का उत्पादन कर अपने परिवार का पालन पोषण किया जाता था । इसके बाद प्रक्षेत्र पर उन्होंने एक हैचिंग पूल का निर्माण और हेचिंग पूल को चलाने के लिये एक प्लास्टिक की 1000 लीटर क्षमता की पानी की टंकी को एक ऊंचा चबूतरा बनाकर रखा जिसकी सहायता से अण्डों से स्पानिंग पूल में स्पान का उत्पादन किया जाता था । पानी की टंकी को भरने के लिये एक छोटे मोटर पम्प का उपयोग किया जाता था जिसकी निगरानी रात-रात भर जागकर करना पड़ता था । हैचरी निर्माण के पूर्व मत्स्य बीज उत्पादन में काफी परेशानी होती थी । मत्स्य पालक श्री असलम खान ने बताया कि वर्ष 2017-18 में उन्होंने मत्स्योद्योग विभाग छिंदवाड़ा आकर सम्पर्क किया गया और मत्स्य बीज उत्पादन कार्य के लिये हैचरी निर्माण कराने संबंधी जानकारी प्राप्त की । विभाग द्वारा हैचरी के निर्माण के संबंध में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही आवेदन प्रस्तुत करने की सलाह दी गई जिस पर मेरे द्वारा 25 लाख रूपये का ऋण प्रकरण का आवेदन प्रस्तुत किया गया । वर्ष 2018-19 में हैचरी निर्माण के लिये मेरा ऋण प्रकरण नीलक्रांति योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया गया और तकनीकी मार्गदर्शन देने के साथ ही हैचरी निर्माण पर मुझे 10 लाख रूपये की अनुदान राशि प्रदाय की गई । ऋण स्वीकृत होने के बाद मेरे द्वारा एक बंगलाबंध ब्रीडिंग कार्य के लिये 10,000 लीटर क्षमता की एक पानी की टंकी और एक बड़े आकार का हेचिंग पूल का निर्माण कराया गया । वर्ष 2019-20 में मेरे द्वारा इस निर्माण कार्य को पूर्ण करने के बाद मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया तथा विगत 3 वर्षो में 950 लाख स्पॉन और 85 लाख फ्राई मत्स्य बीज का उत्पादन लिया गया एवं 9.40 लाख रूपये की आय प्राप्त की गई। इसमें वर्ष 2020-21 में 250 लाख स्पॉन व 25 लाख फ्राई मत्स्य बीज से प्राप्त 2 लाख रूपये, वर्ष 2021-22 में 300 लाख स्पॉन व 30 लाख फ्राई मत्स्य बीज से प्राप्त 3.50 लाख रूपये और वर्ष 2022-23 में 400 लाख स्पॉन व 30 लाख फ्राई मत्स्य बीज से प्राप्त 3.90 लाख रूपये की आय शामिल है । मत्स्योद्योग विभाग के मार्गदर्शन में निरंतर मत्स्य बीज उत्पादन, संवर्धन व विक्रय का कार्य सफलतापूर्वक करने से मेरी आमदनी में निरंतर वृध्दि होती जा रही है । मेरे परिवार में मेरी माता और पत्नी के अलावा एक पुत्र और एक पुत्री है। पुत्र कक्षा 11वीं और पुत्री कक्षा 10वीं में अध्ययनरत है । मैं अपने परिवार का अच्छी तरह से पालन-पोषण करने के साथ ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला पा रहा हूं । मेरे द्वारा अगले वर्ष अपनी मां के नाम पर उपलब्ध निजी भूमि पर मत्स्य बीज प्रक्षेत्र का निर्माण कार्य करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है जिससे मत्स्य बीज उत्पादन के कार्य में और अधिक गति लाकर आर्थिक रूप से समृध्द हो सकूं ।
