सांसद नकुलनाथ की मेहनत रंग लाई –
सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा:- जिले के विकास के लिये स्वीकृत योजनाओं पर भले ही विरोधियों के द्वारा कितने ही अड़ंगे लगाये जायें या फिर कोशिशें की जाये उन्हें मुंह की खानी ही पड़ती है। क्योंकि जिले की उन्नति और प्रगति के लिये प्रतिबद्ध युवा सांसद श्री नकुलनाथ विकासरूपी योजनाओं को जमीनी स्तर पर जब तक लागू नहीं करा लेते तब तक उनके प्रयास व संघर्ष निरंतर जारी रहते हैं और अंतत: परिणाम सार्थक ही प्राप्त होते हैं। लम्बे समय से वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण बंद पड़ी कोयलांचल की एक खदान को वन विभाग से अनुमति मिल चुकी हैं। कोयलांचल क्षेत्र में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त नहीं होने के चलते बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति दिलाने हेतु जिले के सांसद श्री नकुलनाथ के द्वारा लगातार पत्राचार किया जाता रहा है। विगत दिनों उन्होंने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, केन्द्रीय वन सचिव से भी पत्राचार किया था साथ ही बंद पड़ी कोयला खदानों की वस्तु स्थिति से भी अवगत कराया था। सांसद श्री नाथ ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी एवं सुश्री लीना नन्दन सचिव, वन एवं पर्यावरण को विगत दिनों प्रेषित महत्वपूर्ण पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि छिन्दवाड़ा जिले में वेर्स्टन कोल फील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के कन्हान क्षेत्र में संचालित भूमिगत खदानें क्रमश: तानसी- 206.826 हे. मोहन-मोआरी खदान 255.117 हे. धाऊनार्थ 57.618 हे. व भारत ओपन कास्ट खदान 14.00 हे. के प्रस्ताव वन एवं पर्यावरण/जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पास वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अन्तर्गत स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। सम्बंधित मंत्रालयों एवं सक्षम अधिकारियों द्वारा उक्त खदानों के प्रस्तावों पर निर्णय लेने के स्थान पर जानकारी लेने अथवा जानकारी प्राप्त न होने की वजह बताते हुये स्वीकृति नहीं दी जाने वाली त्रुटि से भी पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुये वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अविलम्ब अनुमति दिये जाने का आग्रह किया था। सांसद श्री नकुलनाथ की मेहनत रंग आई और महादेवपुरी खदान को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्रदान की जा चुकी है। सांसद श्री नकुलनाथ ने जनवरी माह में अपने छिन्दवाड़ा प्रवास के दौरान भी वन विभाग की अनुमति नहीं प्राप्त होने की वजह से बंद पड़ी कोयला खदानों को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति दिलाने हेतु मामले को संसद में उठाने की बात भी मीडिया के समक्ष कहीं थी। उन्होंने कहा था कि केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव एवं वन सचिव सुश्री लीना नन्दन को पत्र प्रेषित कर अनुमति प्रदान किये जाने का आग्रह किया है। अगर अनुमति प्रदान नहीं की जाती है तो इसे संसद में भी उठाऊंगा। सांसद श्री नकुलनाथ के प्रयासों से महादेवपुरी खदान को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त हो चुकी है।सांसद श्री नकुलनाथ के प्रयासों से महादेवपुरी खदान को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त होने पर परासिया विधायक श्री सोहनलाल वाल्मीक ने स्वयं व विधानसभा क्षेत्र की जनता की ओर से सांसद श्री नकुलनाथ को धन्यवाद प्रेषित किया है। कोयला खदान के कामगारों व क्षेत्रीय कांग्रेस जनप्रतिनिधियों ने सांसद श्री नाथ का आभार माना है।
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