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एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला भी एक मुखी होना चाहिये- पं. प्रदीप मिश्रा

छिन्दवाड़ा में खुशियां बरसाने-कमलनाथ ने माना आभार

सतपुड़ा एक्सप्रेस छिन्दवाड़ा:- आज का व्यक्ति भी सूरज मुखी के फूल की तरह हो गया है, सूरज मुखी की यह तासीर है कि वह चमक देखते हुये घूमता रहता है, व्यक्ति का इस तरह से रूख बदलना भी ईश्वर को पसंद नहीं है। भगवान को दिखावा पसंद नहीं है, इसीलिये जैसे हो वैसे ही रहो, सद्कर्म करो, कथा श्रवण करो और मैं हमेशा ही कहता हूं कि सारी समस्याओं का हल, एक लोटा जल।

उक्त उदगार आज श्री सोलह सोमवार शिव महापुराण व्रत कथा के चतुर्थ दिवस पर भागवत भूषण पंड़ित श्री प्रदीप मिश्रा ने व्यास पीठ से व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मुख्य यजमान श्री हनुमान जी महाराज  सिमरिया वाले और यजमान परिवार के श्री कमलनाथ व उनके सांसद पुत्र ने भोलेनाथ की अनुकम्पा से इस कथा आयोजन व कथा श्रवण का अवसर उपलब्ध कराया है श्री कमलनाथ ने पहले श्री हनुमान जी का भव्य मंदिर बनवाया और अब यह कथा आयोजन सद्कर्मों का फल है और शिवपुराण कथा सुनने वालों का भाग्य भी प्रबल होता है चाहे वह एक दिन की भी  कथा सुनें।

पंड़ित श्री मिश्रा ने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में अपनी क्षमतानुसार जलाशय या कुंआ, देवालय या शिवालय और एक वृक्ष रोपित करना चाहिये, यदि वह कुंआ खुदवाता है तो जल पीने वाला, यदि वृक्ष लगाता है तो उसकी छांव लेने वाला और यदि देवालय बनवाया है तो भूमि पर  भक्तों के पड़ने वाले चरण जो करोड़ो-करोड़ों दुआयें  देते हैं वह ईश्वर का वरदान है। श्री मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में एक मुखी रूद्राक्ष और एक मुखी व्यक्ति का मिलना बहुत कठिन है। बहुत खोजने के बाद ही कही एक मुखी रूद्राक्ष और एक मुखी व्यक्ति मिलता है और शिवतत्व यही है कि एक मुखी रूद्राक्ष धारण करने वाला भी एक मुखी होना चाहिये।

भागवत भूषण श्री मिश्रा ने प्रतिदिन की तरह प्राप्त पत्रों को दिखाते हुये कहा कि कोई ये ना समझे कि मैं यजमान परिवार की प्रशंसा कर रहा हूं परन्तु मुझे यहां प्राप्त सैकड़ों पत्र ऐसे है जिनमें आमजन पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की उदारता और मानव सेवा का उल्लेख किया है कि वे  किस तरह, रोगियों का उपचार, निर्धन बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाकर चल रहे हैं। राजनीति से हटकर जनकल्याण के लिये श्री कमलनाथ द्वारा किये जा रहे इन कार्यों के लिये उन्हें बहुत-बहुत साधुवाद।

पंड़ित श्री मिश्रा ने आगे कहा कि व्यक्ति का जीवन कर्म प्रधान होना चाहिये जो व्यक्ति अपने कर्म और कार्यों के प्रति जागरूक होते हैं ईश्वर भी उनका साथ देते हैं भक्ति और विश्वास की यह रस्सी हमें संस्कार रूपी चिकने कुएं में गिरने पर भी ऊपर खींच लेती है। श्री मिश्रा ने पुन: श्री कमलनाथ जी की प्रशंसा करते हुये कहा कि-मुझे कमलनाथ जी में जो सबसे अच्छी बात लगी वो है उनका समय के लिये पक्का होना यह बात सभी को सीखनी चाहिये। छिन्दवाड़ा की प्रशंसा करते हुये उन्होंने कहा कि यहां की पहचान यहां की प्रकृति और हरियाली है हर किसी का मन यहां बसने को होता है।

अपनी संगीतमय कथा में श्री मिश्रा ने भजन “हम तो बाबा के  भरोसे चलते हैं यु दुनिया वाले जलते हैं और तेरे मंदिर में आना मेरा काम है, मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है। भजनों का लाखों श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया और झूमझूम कर नाचे। गत दिवस तिरूमेकेश्वर और भगवान पिपलेश्वर की कथा के उपरांत उन्होंने आज शेष कथाओं का बखान किया। कल दिनांक 9 सितम्बर को कथा प्रा: 9 बजे प्रारंभ होगी जिसमें अन्य कथाओं के साथ सोलह सोमवार उद्यापन का पूजन विधान बताने के उपरांत इस पांच दिवसीय सोलह सोमवार श्री शिव महापुराण कथा का समापन होगा।

पूर्व सी.एम. कमलनाथ ने सम्पूर्ण प्रदेश की ओर से आभार माना:-

श्री सोलह सोमवार शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस पर कथा श्रवण हेतु उपस्थित प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व यजमान श्री कमलनाथ ने समस्त  छिन्दवाड़ा जिले वासियों सहित सम्पूर्ण प्रदेश की ओर से पंड़ित श्री प्रदीप मिश्रा का आभार माना। श्री नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा को उसकी खुशियां लौटाने के लिये महाराज जी का हृदय से आभार।

श्री कमलनाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा एक कृषि प्रधान जिला है और यहां के 70 प्रतिशत कृषि क्षेत्रों के लोगों से बाजारों में रौनक है यहां का  व्यापार, व्यवसाय किसानों की आर्थिक दशा पर निर्भर करता है, 40 वर्ष पूर्व तक यहां के किसान गुजारे की खेती ही कर पाते थे परन्तु बाद में यहां कृषि क्षेत्र में क्रांति आई मैंने किसानों को सोयाबीन फसल के लिये प्रोत्साहित किया। सोयाबीन ने किसानों की तकदीर बदल दी और वर्तमान में हमारा छिन्दवाड़ा सबसे बड़ा मक्का उत्पादक जिला है निश्चित ही चार दिनों से जारी इस वर्षा से किसानों की मुस्कुराहट वापस लौटी है। अपने उदबोधन के अंत में श्री कमलनाथ ने भागवत भूषण पंड़ित श्री प्रदीप मिश्रा जी से विनम्र  निवेदन किया कि आप सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के  हित के लिये प्रार्थना कीजिये कि किसानों की सम्पन्नता के साथ हर घर की खुशियां लौटें।