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2 अक्टूबर, 2024 से कताई करने वालों की मजदूरी में 25 प्रतिशत और बुनकरों की मजदूरी में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा

खादी कारीगरों की मजदूरी में वृद्धि और गांधी जयंती पर विशेष छूट की घोषणा

केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, “पूज्य बापू के विजन को ध्यान में रखते हुए, देशभक्ति और कारीगरों का कल्याण माननीय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी की प्राथमिकता है”

सतपुड़ा एक्सप्रेस दिल्ली:गांधी जयंती के शुभ अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने देश भर के खादी कारीगरों की मजदूरी में महत्वपूर्ण वृद्धि की घोषणा करके गरीबों के कल्याण की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाया। चरखे पर सूत कातने वाले कारीगरों को उनकी मजदूरी में 25 प्रतिशत वृद्धि, जबकि करघे पर काम करने वाले बुनकरों को उनकी मजदूरी में 7 प्रतिशत वृद्धि मिलेगी। इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित प्रमुख खादी भवन के साथ-साथ पूरे देश में खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट शुरू की गई है।

महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, एमएसएमई और श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ विशेष छूट अभियान की आधिकारिक शुरुआत करते हुए बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित खादी भवन में खरीददारी की। जे.पी. नड्डा ने खादी के कुर्ते के लिए कपड़ा और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदे तथा ऑनलाइन भुगतान किया। मीडिया को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने नागरिकों से खादी उत्पाद खरीदने की अपील की।

जीतन राम मांझी ने मीडिया के माध्यम से लोगों से खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बनने का भी आग्रह किया।

केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के शब्दों, “मैं चरखे पर बुने गए हर धागे में ईश्वर को देखता हूं”को दोहराया। उन्‍होंने कहा कि इस दर्शन को अपनाते हुए केवीआईसी “चरखा क्रांति” के माध्यम से गरीबों के कल्याण का ताना-बाना बुनता आ रहा है।

17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर में आयोजित समारोह में कताई करने वालों की मजदूरी में 25 प्रतिशत और बुनकरों की मजदूरी में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई। संशोधित मजदूरी 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर लागू की गई । श्री कुमार ने बताया कि कताई करने वाले, जो पहले प्रति हैंक 10 रुपये कमाते थे, अब उन्हें इसके लिए 12.50 रुपये मिलेंगे, यानी प्रति हैंक 2.50 रुपये की वृद्धि होगी। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि उनके कार्यकाल में कताई करने वालों और बुनकरों की मजदूरी में दूसरी बार वृद्धि की गई है। उनकी मजदूरी में पिछली बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2023 को हुई थी, तब उनकी मजदूरी प्रति हैंक 7.50 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति हैंक की गई थी।

अध्‍यक्ष मनोज कुमार ने “खादी क्रांति” के माध्यम से बुनकरों और कताई करने वाले वालों के जीवन में आए बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व को दिया। पिछले वित्त वर्ष में खादी क्षेत्र का कारोबार 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया और इसका लाभ खादी कारीगरों तक पहुंचाने के लिए केवीआईसी ने उनकी मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है। श्री कुमार ने कहा कि देश भर में लगभग 3,000 पंजीकृत खादी संस्थान हैं, जो लगभग 4.98 लाख खादी कारीगरों को रोजगार देते हैं, जिनमें से लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं। बढ़ी हुई मजदूरी इन कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी। श्री कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यकाल के दौरान मजदूरी में लगभग 213 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो खादी के माध्यम से ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।

मनोज कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी के प्रमुख शोरूम सहित पूरे देश में विशेष छूट अभियान शुरू करने की घोषणा की। यह छूट अभियान 2 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक चलेगा, जिसमें खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

अध्‍यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अपने लोकप्रिय ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की गई इस अपील का पालन करने पर बल दिया कि कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन ने पिछले एक दशक से हर साल गांधी जयंती पर बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। गांधी जयंती पर बिक्री लगातार पिछले तीन साल से 1 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर रही है, वर्ष 2021-22 में 1.01 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 1.34 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 1.52 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। ये आंकड़े इस बात को रेखांकित करते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में खादी ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेड इन इंडिया’ आंदोलनों का प्रमुख केंद्र बन गई है, जो ‘नए भारत की नई खादी’ के उदय का प्रतीक है।